आखिर क्यों होती है दवाई के पैकेट पर रेड लाईन

                                                                                        महत्वपूर्ण जानकारी

                                                                           आखिर क्यों होती है दवाई के पैकेट पर रेड लाईन

                                                                                                                                                                             डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

    यह तो हम सभी जानते हैं कि विभिन्न प्रकार के रोगों से लड़ने में दवाओं का महत्वपूर्ण स्थान होता है और दवाईयाँ सेहत और स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होती हैं। हालाँकि, क्रॉनिक बीमारियों में तो लागों को ण्क लम्बे समय तक दवाओं का सेवन करना पड़ता है। ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो स्वयं को ही एक्सपर्ट मानकर अपने किसी रोग के लिए स्वयं ही दवाईयाँ सेवन करना शुरू कर देते हैं।

                                                                 

एक प्रकार से देखा जाए तो कुछ सामान्य परेशानियों जैसे कि बुखार होना, जुकाम होना और दस्त लगने के जैसी समस्याओं अक्सर लोग अपने आप ही दवाईयाँ ले लेते हैं और यह कुछ हद तक काम भी कर सकती हैं। परन्तु प्रत्येक कंडीशन में स्वयं ही दवाईयों का सेवन करना कई बार खतरनाक भी सिद्व हो सकता है।

    यदि आप लोगों ने कभी गौर किया हो तो कुछ दवाओं के पैकेट पर लाल रंग का एक बॉक्स या स्ट्रिप बना होता है। क्या आप इस बात को जानते हैं कि इसका अर्थ क्या होता है। यदि नही जानते हैं तो कोई बात नही अपने इस लेख में हम इसके सम्बन्ध में आपको यह जानकारी देने जा रहे हैं कि दवाईयों पर बनी इस स्ट्रिप या बॉक्स का क्या मतलब होता है।

    हाल ही में मिनस्ट्री ऑफ हैल्थ एण्ड फेमिली वेलफेयर ने इसके सम्बन्ध में आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए जानकारी प्रदान की है कि कुछ दवाओं पर बनी इस लाल रंग की स्ट्रिप अथवा बॉक्स का अर्थ यह होता है कि बिना किसी डॉक्टर की सलाह लिए इस दवा उपयोग स्वयं से न करें। इसके साथ ही यदि आपके डॉक्टर ने आपके लिए किसी ऐसी दवाई को प्रेस्क्राईब किया है तो उसका पुरा कोर्स करें और उसे अपने मन से बीच में ही न छोड़ें।

    उक्त पोस्ट में यह भी कहा गया था कि एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस से बचें और एंटीबायोटिक्स दवाओं पर भी यह लाल रंग का मार्क होता है, जिसका अर्थ है कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन नही करना चाहिए।

                                                                      

    कुछ लोग कई बार स्वयं ही एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करने लगते है। यदि आप भी स्वयं ही एंटीबायोटिक्स दवाओं का सेवन करते हैं तो धीरे-धीरे इन एंटीबायोटिक्स के विरूद्व अपनी इम्यूनिटी का विकास कर लेते है और उसके बाद यह दवाईयाँ आपके ऊपर प्रभावहीन होने लगती हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।