एनएसएस छात्रों ने गांव मैथना में

                                                                               एनएसएस छात्रों ने गांव मैथना में

                                                                    बच्चों और महिलाओं को दिखाई नयी राह

                                                                                                                                             डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट के छात्रों ने गांव मैथना का दौरा किया।

दौरे का उद्देश्य

इस दौरे का उद्देश्य महिला सशक्तिकरणए स्वस्थय और शिक्षा था। इन छात्रों ने गांव के स्थानीय बच्चों और महिलाओं की सेवा की और उन्हें उनके करियरए स्वास्थ्य और स्वच्छता आदि से जुड़ी जानकारी दी।

इसके अलावाए नेशनल सर्विस स्कीम (एनएसएस) यानि राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में भी ग्रामीण महिलाओं को जागरूक किया। इसके साथ ही छात्रों ने महिलाओं को नारी.स्वास्थ्यए स्वच्छताए स्वच्छ जल आदि से जुड़ी मुद्दों के बारे में भी जानकारी दी।

क्या है राष्ट्रीय सेवा योजना

राष्ट्रीय सेवा योजना एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं में सेवा भावनाए सामाजिक जागरूकताए राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रीय विकास की भावना को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रीय सेवा योजना एक स्वैच्छिक संगठन है जो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों को संगठित करता है।

यह कार्यक्रम स्वयंसेवा के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में समाज की सेवा करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करता है। इसके तहत छात्रों को समाज सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है. जैसे स्वच्छता अभियानए ब्लड डोनेशन अभियानए प्रदूषण नियंत्रण अभियानए जागरूकता अभियान आदि।

                                                                         कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना

                                   

कृषि विश्वविद्यालय के जैवप्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नेशनल सर्विस स्कीम इकाई के छात्रों ने इस कार्यक्रम को यूनिट प्रमुख एवं पादप जैव.प्रौद्योगिकी संभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगरए सह.प्राध्यापक डॉ पंकज चौहान एवं सहायक प्राध्यापक डॉ नीलेश कपूर की अध्यक्षता में संचालित किया। यह ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए एक पहल है।

यह कार्यक्रम बाल सेवा उद्देश्य से स्कूल जाने वाले बच्चों को उचित शिक्षण लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए आयोजित किया गया था। नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों ने बच्चों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उन्हें विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि कैसे ग्रामीण क्षेत्र में अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को सुदृढ़ बना सकते हैं।

छात्रों ने बच्चों को बताया कि उन्हें कौन से शिक्षा संस्थानों में एडमिशन लेना चाहिए और उन्हें किस विषय में रुचि हो सकती है। छात्रों ने विभिन्न सेक्टरों में करियर विकल्पों के बारे में संदर्भ देते हुए स्थानीय बच्चों को प्रेरित किया।

इसके साथ ही, नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों ने बच्चों को स्वच्छता, स्वस्थ खाने की आदतों और हाइजीन के बारे में भी जानकारी दी।

महिलाओ को सशक्त एवं आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। इससे महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए विभिन्न विकल्पों का लाभ उठा सकती हैं।

इसके साथ हीए नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों ने महिलाओं को घरेलु उत्पाद निर्माणए स्वच्छताए स्वस्थ आदतें जैसे रेशमी कपड़े बनाने का तरीकाए कपड़ों की स्वच्छता और धुले कपड़ों को सुखाने का तरीकाए नियमित चेकअपए स्वस्थ खानपान और स्वच्छता के लिए जरूरी महिला सामग्री जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी भी दी।

विभिन्न स्कीमों के बारे में जानकारी देने के साथ हीए नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों ने स्थानीय महिलाओं को एमएसएमई योजनाओं के तहत घरेलू उद्यम या माइक्रो-उद्यम शुरू करने के लिए उपलब्ध विकल्पों के बारे में भी जानकारी दी।

इससे स्थानीय महिलाएं अपने बच्चों की शिक्षा की लागत को कवर करने के लिए स्वयं का एक उद्यम शुरू कर सकती हैं और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सुदृढ़ और आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने में सक्षम हो सकती हैं।

महिलाओं को यह बताया गया कि उन्हें कैसे अपने घर पर छोटे.मोटे उद्योग के लिए ऋण योजनाएं लेनी चाहिए। इसके अलावाए वे महिलाओं को इन स्कीमों से जुड़ने के लिए कैसे आवेदन कर सकती हैंए उन्हें कौन से दस्तावेज जमा करने होंगे आदि की जानकारी भी दी।

छात्रों ने महिलाओं को बताया कि कैसे वे एमएसएमई योजनाओं के तहत घरेलू उद्योग या माइक्रो उद्यम स्थापित कर सकती हैं। छात्रों ने उन्हें उद्यमिता और स्वदेशी उद्यम योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और उन्हें योजनाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।

छात्रों ने गांव मैथना के लोगों को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए अपना योगदान दिया। छात्र न सिर्फ शिक्षा सामग्री वितरण करने के लिए गए थेए बल्कि उन्होंने महिलाओं को उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए भी जागरूक किया।

विभिन्न विषयों पर जानकारी देने के साथ साथए छात्रों ने उन्नति और समाज सेवा के महत्व को समझाया और इससे उन्हें समाज के लिए योगदान देने की महत्वपूर्णता का भी एहसास हुआ।

दौरे के परिणाम

                

यह दौरा नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों के लिए भी एक अनुभव से कम नहीं था। इससे छात्रों को महिलाओं और बच्चों के लिए उपयोगी जानकारी का पता चला और इससे उन्हें उन्नति और समाज सेवा के महत्व के बारे में भी जानकारी हुई।

समाज सेवा के महत्व को समझाने के लिए नेशनल सर्विस स्कीम के छात्रों ने विभिन्न विषयों पर संदर्भ भी दिए। वे बताते हैं कि अगर हम समाज के लिए कुछ भी उपयोगी करते हैं तो हम समाज सेवा में योगदान दे रहे होते हैं और इससे हमारा जीवन महत्वपूर्ण बन जाता है।

                       

वे इसे भारतीय संस्कृति में सेवा भाव के रूप में स्थापित करने की भी बात करते हैं। इस कार्यक्रम में एन एस एस अधिकारी डॉण् आरण् एसण् सेंगरए डॉण् नीलेश कपूर एवं डॉण् पंकज चौहान का योगदान रहा द्य इस कार्यक्रम में एनएसएस छात्रध्छात्रा उत्तमए अमरीशए विवेकए मनु मिश्राए ऋतिकए वंदनाए भूमिकाए दिव्या एवं प्रन्जुल कंनौजिया का भी मुख्य योगदान रहा द्य

गेहूं की फसल पर बढ़ती गर्मी के असर के आंदोलन हेतु बनी समिति

फसल को बचाने के लिए किसानों को बताएगी उपाय

केंद्र सरकार ने गेहूं की फसल पर बढ़ती गर्मी के असर का आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह कदम राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र एनएफसी के पूर्वानुमान के मध्य आया हैए इसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश को छोड़कर सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान अधिकतम तापमान पिछले 7 वर्षों के मुकाबले औसत से अधिक था।

यह समिति फसलों के नुकसान की निगरानी के साथ किसानों को समाधान भी बताएगी साथ ही आवश्यकता के अनुसार सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए परामर्श भी जारी करेगी।

कृषि सचिव मनोज अहूजा ने कहा कि इस साल अगेती बुवाई और गर्मी सहन कर सकने वाले उच्च गुणवत्ता वाले बीच के कारण फसल को नुकसान की संभावना काफी कम हो गई है।