हार्ट अटैक आने से पहले ही शरीर में दिखने लगते हैं यह संकेत

         हार्ट अटैक आने से पहले ही शरीर में दिखने लगते हैं यह संकेत

                                                                                                                                                                डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

डॉ0 दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि हार्ट अटैक से पहले ही शरीर में दिखने लगते हैं यह संकेत, और बहुत से लोग इन्हे इग्नोर कर देते है  जो कि बहुत बड़ी चूक होती है अतः हमें अपने शरीर के द्वारा प्रदर्शित संकेत/लक्षणों को गम्भीरता पूर्वक लेना चाहिए और इनके प्रति हमेशा सावधान रहना चाहिए-

    आमतौर पर लोगों को होने वाली छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकती हैं। वहीं, शरीर में अचानक से हुए कुछ बदलाव भी हार्ट अटैक आने की आशंका व्यक्त कर सकते हैं।

हार्ट अटैक ऐसे शब्द हैं जिनके बारे में सुनकर ही लोगों का दिल डर से बैठ जाता है। अपने किसी जान-पहचान वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक आने की खबर बहुत तकलीफभरी हो सकती है, क्योंकि हार्ट अटैक की वजह से सम्बन्धित व्यक्ति की जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है। हार्ट अटैक की घटनाएं बीते एक दशक में इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि दुनियाभर में लोगों को अब इसके प्रति सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

हार्ट अटैक से होने वाले नुकसान और मृत्यु दर को कम करने लिए यह बहुत जरूरी है कि लोग हार्ट अटैक के लक्षणों को बेहर तरीके से समझे सकें। हार्ट अटैक आने से कुछ घंटों पहले शरीर में अलग-अलग तरह के विभिन्न लक्षण दिखायी देने लगते हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर हार्ट फेल होने और हार्ट अटैक जैसी स्थितियों के कई पूर्व संकेत देता है। 

                                                                   

आमतौर पर लोगों को होने वाली छोटी-मोटी हेल्थ प्रॉब्लम्स भी हार्ट अटैक का लक्षण भी हो सकती हैं। वहीं, शरीर में अचानक से हुए कुछ बदलाव भी हार्ट अटैक आने की आशंका जता सकते हैं। हमारे इस लेख में पढ़ें कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जो हार्ट अटैक आने से कुछ सप्ताह पहले से ही आपको दिखायी दे सकते हैं।

हेल्थ प्रॉब्लम्स जो कर सकती हैं हार्ट अटैक की ओर संकेत

हार्ट अटैक के कुछ लक्षण साइलेंट भी हो सकते हैं जिसका अर्थ है कि आपको ये लक्षण आसानी से समझ नहीं आते तो वहीं, कुछ लक्षण आसानी से भी दिखायी दे सकते हैं। ऐसे ही कुछ लक्षण निम्न प्रकार से हैं-

1.   नींद से जुड़ी समस्याएं

हार्ट अटैक आने से लम्बे समय पहले नींद और इससे से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। गहरी नींद ना सो पाना और अनिद्रा हार्ट अटैक से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।

2.   थकान

थोड़ा-सा चलने-फिरने या हल्का-फुल्का काम करने के बाद भी अगर आपको बहुत अधिक थकान महसूस हो तो यह हार्ट अटैक का पूर्व-संकेत भी हो सकता है।

3.   सांस से जुड़ी समस्याएं

ठीक तरीके से सांस नही ले पाने की परेशानियां हार्ट अटैक आने से महीने भर पहले दिखायी देने लगती हैं।

4.   पसीना आना

बहुत अधिक पसीना आना और पसीने में चिपचिपापन बढ़ जाने की समस्या हार्ट अटैक आने से कुछ सप्ताह पहले हो सकती हैं।

5.   उल्टी

हार्ट अटैक आने से कुछ सप्ताह पहले आपको बार-बार मतली और उल्टी होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इनके साथ ही चक्कर आने और बेहोश होने जैसी परेशानियां भी हार्ट अटैक का पूर्व लक्षण हो सकती है।

6.   हाथ सुन्न हो जाना

दिल का दौरा पड़ने से कुछ समय हाथों में भी कुछ लक्षण दिखायी देते हैं। इसमें हाथ सुन्न होने और हाथों में कमजोरी आने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें नियंत्रित

                                                                            

गलत भोजन लेने से प्रोटीन की कमी पर्याप्त शारीरिक गतिविधियों एवं अधिक वजन और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कुछ कारण हो सकते हैं। ऐसे में भोजन में बदलाव कर बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल को भी कम किया जा सकता है और हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।

जीवन शैली में सुधार और डॉक्टर से परामर्श के बाद दवाए भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती हैं। जिन खाद्य पदार्थों में मुख्य रूप से संतृप्त वसा होती है उन्हें उन खाद्य पदार्थों से बदले जिनमें असंतृप्त वसा होती है जैसे पाली अनसैचुरेटेड और मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स आदि। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है। उदाहरण के लिए खाना पकाने में मक्खन और क्रीम के स्थान पर जैतून का तेल या नट ऑयल का उपयोग किया जाए तो घुलनशील फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम कर सकता है और यह पाचन को धीमा कर देता है जिससे लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास होता रहता है।

शारीरिक गतिविधि एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है। यदि अधिक वजन वाले हैं तो अपने वजन को कम करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी कम करने में मदद मिल सकती है, जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि हो सकती है। ध्यान रहे कि अपने आप किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें इससे स्थिति बिगड़ भी सकती है। जीवन शैली में बदलाव कर और पौष्टिक आहार आदि को अपना कर आप कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वास्थ्य वसायुक्त जैतून का तेल से बने भोजन का आप भरपूर मात्रा में सेवन कर सकते हैं।

लेखक : डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।