“राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024” के सफल आयोजन का समापन”

          “राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024” के सफल आयोजन का समापन”

                                                                                                                                                                                  प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

भाकृअनुप-केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र, मोदीपुरम पर आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय “राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024 का समापन दिनांक 10 मार्च, 2024 को भव्यतापूर्वक हुआ। इस आयोजन के दूसरे दिन तकनीकी सत्र में प्रसंस्करण एवं पोषकता महत्व की आलू प्रजातियों, सटीक कृषि एवं ड्रोन का उपयोग, बीज एवं प्रसंस्करण विषय पर कृषक-वैज्ञानिक संवाद हुआ, जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा किसानों की आलू उत्पादन एवं प्रसंस्करण से संबंधी जिज्ञासाओं एवं समस्याओं का त्वरित समाधान किया गया।

                                                                   

अपराहन में इस राष्ट्रीय आलू महोत्सव के समापन समारोह का आयोजन किया। इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक डॉ सुनील कुमार, निदेशक भाकृअनुप-भारतीय फसल प्रणाली अनुसंधान संस्थान, मोदीपुरम एवं विशिष्ट अतिथि डॉ उमेश सिंह, संभागाध्यक्ष, भाकृअनुप-केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार रहे। इस आयोजन में मंच संचालन डॉ बबिता चौधरी, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा किया गया।

सर्वप्रथम केंद्र अध्यक्ष डॉ आर के सिंह ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया गया एवं राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024 के आयोजन की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें इस आयोजन में आयोजित की गई विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ ब्रजेश सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में आयोजन के प्रतिभागी सरकारी/गैर सरकारी संस्थानों के पदाधिकारियों का सहयोग की सराहना की और उपस्थित किसानों से इस आयोजन में प्रदर्शित की गईं तकनीकों की जानकारियों का उपयोग अपनी खेती में उपयोग करके लाभ उठाने का आग्रह किया।

                                                                              

विशिष्ट अतिथि डॉ उमेश सिंह ने खेती के साथ-साथ वैज्ञानिक विधि से पशुपालन को अपनाकर अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी करने का आग्रह किया।

    तत्पश्चात गणमान्य अतिथियों द्वारा इस अवसर पर आयोजित की गई आलू व्यंजन प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र वितरित किए, साथ ही आयोजित की गई कृषि प्रदर्शनी में प्रतिभागी सरकारी/गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाणपत्र वितरित किए गए। डॉ सुनील कुमार ने अपने मुख्य अतिथि सम्बोधन में राष्ट्रीय आलू महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की सराहना की एवं संस्थान के उपलब्धियों की सराहना की उपस्थित किसानों को परंपरागत खेती के बजाय आधुनिक वैज्ञानिक और समेकित खेती की विधियों को अपनाकर अपनी आय में वृद्धि की जा सकती है।

इस अवसर पर आयोजित दो दिवसीय तकनीकी सत्र में विषय विशेषज्ञों, एवं कृषि प्रदर्शनी में उत्पादों एवं तकनीकों के सजीव प्रदर्शन से मिली तकनीकी जानकारी को अपने खेती में अपनाकर गुणवत्तायुक्त उत्पादन से अधिक आय प्राप्त करके राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने का आह्वान किया। इस अवसर पर आयोजित तकनीकी सत्र के दूसरे दिन प्रसंस्करण एवं पोषकता महत्व की आलू प्रजातियाँ, सटीक कृषि एवं ड्रोन का प्रयोग : भविष्य की संभावनाएं एवं बीज एवं प्रसंस्करण इत्यादि विषयों पर कृषक–वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया।

                                                                      

जिसमें किसानों की समस्याओं एवं जिज्ञासाओं का निदान किया गया। समारोह के अंत में डॉ बबिता चौधरी ने धन्यवाद प्रस्तुत किया, जिसमें इस आयोजन में पधारे किसानों, कृषि वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों, कृषि प्रदर्शनी में पधारे सरकारी/गैर सरकारी संस्थाओं, आलू व्यंजन प्रतियोगिता के प्रतिभागियों एवं उनके संस्थाओं, ग्रहणियों और इस आयोजन के लिए गठित विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों का धन्यवाद दिया।

                                                                                                                                                                    (आर के सिंह)

                                                                                                                                                                 अध्यक्ष एवं संयोजक

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।