सेहत के लिए सप्लीमेंट खाने का विकल्प नहीं है

                                                               सेहत के लिए सप्लीमेंट खाने का विकल्प नहीं है

                                                                                                                                           डॉ0 दिव्याँशु सेंगर

प्राय देखा गया है कि ज्यादातर लोग अच्छी सेहत के लिए सोचते रहते हैं और उसको बनाए रखने के लिए तरह.तरह के सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं। यह जरूरी है की अच्छी सेहत के लिए पोषण बहुत जरूरी है पर सप्लीमेंट्स प्राकृतिक खानपान की जगह कभी नहीं ले सकते। इसलिए आंख बंद कर सप्लीमेंट्स का सेवन करना ठीक नहींए और इससे बचने की आवश्यकता है।

शरीर की फिटनेस नए जमाने का ऐसा ट्रेंड है जिससे कोई पीछे नहीं रहना चाहता। योग से लेकर व्यायाम तक तमाम तरह की शारीरिक गतिविधियां लोगों के लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गई है तो भला डाइट सप्लीमेंट पीछे कैसे रह सकते हैं यही वजह है कि बाजार में हर पोषक तत्व का सप्लीमेंट उपलब्ध है। अब सवाल यह है कि क्या यह सप्लीमेंट वास्तव में फायदा पहुंचाते हैं और इनका सेवन सुरक्षित है या फिर इस पर विचार करने की आवश्यकता है।

सप्लीमेंट से होने वाली हानियाँ

बहुत से सप्लीमेंट्स में एक्टिव तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को बहुत ज्यादा प्रभावित करते हैं। इसके अलावा बिना जानकारी के सप्लीमेंट्स का सेवन करना शरीर को फायदे की बजाय नुकसान भी पहुंचा सकता है. जैसे विटामिन डी आदि का ज्यादा सेवन सेहत संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। सामान्य आहार के स्थान पर पूरक आहार का सेवन भी सेहत पर विपरीत प्रभाव डालता है। अतः बिना एक्सपर्ट की सलाह के इन सप्लीमेंट्स को अपने आहार में शामिल करना कई बार नुकसानदायक भी हो सकता है।

विटामिन सी

एक समान व्यस्यक इसकी 2000 मिलीग्राम खुराक प्रतिदिन ले सकता है परन्तु इससे अधिक मात्रा में विटामिन सी का सेवन करने से किडनी में पथरीए  पेट में गड़बड़ी की शिकायत भी हो सकती है।

कॉलेजन

चमकदार त्वचा से लेकर मजबूत नाखून और खूबसूरत बालों तक सभी के लिए कॉलेजन नामक पेप्टाइड की जरूरत पड़ती हैए वैसे तो यह प्राकृतिक रूप से हमारे शरीर में मौजूद होता है पर उम्र बढ़ने के साथ.साथ इसके निर्माण में कमी आने लगती है। सूरज की हानिकारक यूीव किरणेंए बहुत ज्यादा मीठा और अल्कोहल का सेवन भी इसके निर्माण में बाधा डालते हैं।

इम्यूनिटी बूस्टर

केरोना महामारी के बाद से लोगों ने हर्बल जूसए हर्बल टी और विभिन्न प्रकार के उपादों को  नियमित रूप से अपने आहार में शामिल कर लिया और इनका बहुत ज्यादा सेवन धीरे.धीरे शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को नष्ट करने लगता है। जिंक सप्लीमेंट्स और मछली का तेल कुछ ऐसे पूरक पोषक पदार्थ है जो बिना सलाह लिएए सेवन किए जाने पर शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

त्वचा और बालों के लिए मिलने वाले सप्लीमेंट्स में बहुत ज्यादा मात्रा में मीठाए जिलेटिन कारण स्टार्च और खाने का रंग डाला जाता है जो डायरियाए मितलीए पेट में भारीपन और अपच की समस्या पैदा कर सकते हैं।

ध्यान रखें कैल्शियम और आयरन को साथ ना लें

कैल्शियम और आयरन एक साथ लेने पर अक्सर पेट में गड़बड़ी की शिकायत हो जाती हैए ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कैल्शियम शरीर में आयरन की अवशोषण को बाधित करता है लिहाजा कब्ज या दस्त की शिकायत हो सकती है।

इसलिए दूध दही और पनीर जैसे कैल्शियम युक्त आहार आयरन के साथ ना लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन दोनों सप्लीमेंट्स लेने ही पड़े तो इनके बीच में कम से कम 2 से 4 घंटे का अंतराल अवश्य रखें जिससे यह दोनों आपस में रिएक्शन ना कर सके।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

सप्लीमेंट्स पोषक आहार का विकल्प नहीं हो सकता

जरूरी नहीं है कि ऑल नेचुरल टैग वाली सप्लीमेंट्स पूरी तरह से सुरक्षित हो क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की पोषण संबंधी जरूरतें अलग.अलग होती है इसलिए किसी की नकल करके कोई सप्लीमेंट ना लें।

हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सप्लीमेंट की मात्रा लेनी चाहिए।

दवाओं के साथ लेने पर कुछ सप्लीमेंट विपरीत असर डाल सकते हैं।

सप्लीमेंट हमेशा एफ एस एस आईए आईएसओ या जीएमपी जैसे प्रतिष्ठित संगठन से प्रमाणित होने चाहिए उन्हीं को आवश्यकता पड़ने पर लिया जाना चाहिए।

डॉक्टर की सलाह

                                                                                                                              

प्रश्न. मेरी उम्र 42 साल है पिछले कुछ समय से मुझे ज्यादा शोर से दिक्कत होने लगी हैए शोर के कारण मेरा मन घबराने लगता है और गुस्सा भी तेज आ जाता है ऐसा क्यों हो रहा है मैं इसे कैसे सुधार कर सकती हूंघ्

                                                                                                                                    विनीता भटनागर मुरादाबाद

जवाब. आपकी स्थिति के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे बहुत ज्यादा थकान और तनाव की स्थिति में भी शोर से मन घबराने लगता है यदि आपके ऊपर काम का दबाव ज्यादा है तो सबसे पहले काम के बोझ को कम करना होगा। परिवार के अन्य सदस्यों से इस मामले में मदद मांगने में बिल्कुल भी नहीं हिचक ने की जरूरत है।

दूसरा यह कि एंजाइटी का लक्षण भी हो सकता है पर किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए आप किसी मनो विशेषज्ञ से मिलें और अपने परेशानी उन्हें विस्तार से बताएं उन्हें बताएं कि आपको यह परेशानी कब हो रही है और किन परिथतियों में यह परेशानी बढ़ जाती है।

मनोविज्ञान में डीएनटी नाम का एक टेस्ट होता है जो आपके मन के भीतर की चीजों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। इस तरह काउंसलिंग से आप अपनी समस्या की जड़ तक पहुंच पाएंगे और उसका समाधान भी आपको अवश्य मिल सकेगा।

प्रश्न:  हमारी शादी को 6 माह हुए हैं वैसे तो हमारी ज्वााइंट फैमिली हैए पर मेरे पति हम दोनों की हर एक बात अपने परिवार वालों से साझा करते हैं। इस वजह से ससुराल वालों का हमारी जिंदगी में दखल बहुत ज्यादा है। मैंने अपने पति से इस विषय में बात करने की कोशिश की है पर वह मेरी बात समझने के लिए तैयार नहीं हैए ऐसे में मुझे क्या करना चाहिएघ?

                                                                                                                                                                                       अर्चना आर्य, इलाहाबाद

जवाब. मैं समझ सकता हूं कि आपके पति की इस आदत की वजह से आपकी जिंदगी में ससुराल वालों की दखल काफी बढ़ जाती होगी और आप की आपसी मुश्किल भी बढ़ती होगी। दरअसल पति पत्नी के बीच की कई सारी बातें ऐसी होती हैं जो बेहद निजी होती हैं जो किसी भी स्थिति में बाहर नहीं जानी चाहिए पर इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकती हैं क्योंकि आपके पति की अपनी एक अलग ट्रेनिंग है और सोच है।

घरवालों की अपनी अलग असुरक्षा होगी जो भी आपको समझना और टटोलना चाहिए इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए फिलहाल अभी आपके पास इंतजार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। पति के साथ सब कुछ साझा करने से बेहतर होगा कि अभी आप सोच समझकर जो बातें जरूरी हो सिर्फ वही बातें अपने पति के साथ साझा करें।

पति से बात करते वक्त भी आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आपकी बातें सास-ससुर तक पहुंच सकती है जो जानकारी उन तक जाने में आपको किसी तरह का नुकसान नहीं है सिर्फ वही बातें फिलहाल पति के साथ साझा करें। कभी.कभी ऐसे सवालों में मैरिज काउंसलिंग भी मददगार साबित हो सकते हैं लेकिन आपको विशेष सतर्क रहते हुए अपने पति से अच्छे संबंध बनाए रखने की आवश्यकता है।