“राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024” के आयोजन का शुभारंभ”

              “राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024” के आयोजन का शुभारंभ”

                                                                                                                                                                                    डॉ0 आर. एस. सेंगर

भाकृअनुप-केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला के क्षेत्रीय केंद्र, मोदीपुरम पर दो दिवसीय “राष्ट्रीय आलू महोत्सव-2024 का भव्य शुभारंभ 09 मार्च, 2024 को हुआ। इस भव्य आयोजन का उद्देश्य आलू उत्पादन की नवीनतम तकनीकों एवं इसकी पोषकता एवं उपयोगिता के महत्व को जनमानस में लोकप्रिय बनाने हेतु एवं भविष्य की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना रहा।

इस अवसर पर केंद्र पर नवनिर्मित आलू शीतगृह एवं हाई-टेक आलू बीज उत्पादन तकनीक प्रणाली का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर डॉ0 संजय कुमार सिंह, उपमहानिदेशक (बागवानी विज्ञान), डॉ के के सिंह, कुलपति, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ एवं डॉ सुधाकर पाण्डेय, सहायक महानिदेशक (फल, सब्जियाँ, मसाले एवं औषधीय पौधे) उपस्थित रहे।

                                                                         

इस अवसर पर आयोजित की गई कृषि प्रदर्शनी में गणमान्य अतिथियों ने संस्थान एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अन्य संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों एवं विभिन्न प्रतिष्ठित गैरसरकारी संस्थानों द्वारा विकसित तकनीकों एवं उत्पादों का अवलोकन किया।

राष्ट्रीय आलू महोत्सव का उदघाटन समारोह में सर्वप्रथम गणमान्य अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत केंद्र अध्यक्ष डॉ आर के सिंह ने किया एवं दो दिवसीय आयोजन के सम्बन्ध में पूर्ण परिचय दिया। डॉ ब्रजेश सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला ने भारत में आलू के विकास में संस्थान की उपलब्धियों एवं भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

आयोजन के अध्यक्ष डॉ के के सिंह, कुलपति, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ ने कार्यशाला में अपने सम्बोधन में उपस्थित किसानों का संस्थान के द्वारा विकसित आलू उत्पादन की तकनीकों को अपनाते हुए कम लागत में गुणवत्तायुक्त अधिक उत्पादन प्राप्त करके अपने आमदनी में वृद्धि करने का आह्वान किया एवं कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से आलू अनुसंधान संबन्धित परियोजनाएं आरंभ करने का प्रस्ताव भी पारित किया।

इस शुभावसर पर प्रकाशित आलू व्यंजन पुस्तिका एवं स्मारिका का विमोचन मंच पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।

इस समारोह के मुख्य अतिथि डॉ संजय कुमार सिंह, उपमहानिदेशक (बागवानी विज्ञान) ने अपने सम्बोधन में परिषद द्वारा बागवानी के क्षेत्र में संचालित योजनाओं एवं बागवानी के क्षेत्र में आलू के महत्व पर प्रकाश डाला और किसानों को एकीकृत खेती को अपनाकर देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में अपना योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने संस्थान द्वारा संचालित आलू अनुसंधान संबंधी गतिविधियों की सराहना की एवं आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय आलू महोत्सव के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनायें प्रदान की।

    अंत में डॉ अनुज भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें समारोह में पधारे सभी गणमान्य अतिथियों, प्रगतिशील कृषक, उद्यमी, आलू क्षेत्र के विषय-वस्तु विशेषज्ञ, केंद्र एवं राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्रों के वैज्ञानिकों, प्रतिनिधियों आयोजन के लिए गठित विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों के लिए धन्यवाद पारित किया। इस विशेष अवसर पर स्मृति के लिए गणमान्य अतिथियों के द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।

    आलू महत्व के इस विशेष आयोजन में किसानों के ज्ञानवर्द्धन के लिए आलू तकनीकों के विभिन्न विषयों पर एक दो दिवसीय तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें पहले दिन आलू की उन्नतशील प्रजातियां एवं स्वस्थ बीज, आलू के विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पाद, कृषि यंत्रीकरण की संभावनायेँ, बीज एवं प्रसंस्करण में उद्योगों की भूमिका एवं फसल सुरक्षा में नवोन्मेषी प्रयोग आदि विषयों पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।

    इस आयोजन का मुख्य आकर्षण आलू व्यंजन प्रतियोगिता रहा, जिसमें आसपास की ग्रहणियों एवं शैक्षणिक संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने पाँच वर्गों - तला, भुना, उबला, सूखा एवं अन्य उत्पाद के आलू आधारित व्यंजनों का सजीव प्रदर्शन किया।

    इस आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के 1000 से अधिक प्रगतिशील कृषक, उद्यमी, आलू क्षेत्र के विषय-वस्तु विशेषज्ञ, केंद्र एवं राज्य सरकारों एवं निजी क्षेत्रों के वैज्ञानिकों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।