90 प्रतिशत लोगों को कम उम्र में ही लगा स्मोकिंग शौक

              90 प्रतिशत लोगों को कम उम्र में ही लगा स्मोकिंग शौक

                                                                                                                                                      डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

अधिकतर लोगों में कश का चस्का बालिग होने से पहले ही लग जाता है। एक ताजा अध्ययन कहता है कि सिगरेट पीने वाले 10 में से नौ लोगों ने 18 साल की उम्र से पहले ही सिगरेट पीना शुरू कर दिया था। कहने का अर्थ है कि 90 फीसदी युवा बालिग होने से पहले ही तंबाकू उत्पादों की जद में आ जाते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने तंबाकू और निकोटिन से मुक्ति नामक रिपोर्ट पेश कर यह जानकारी दी व दिशा-निर्देश जारी किए।

                                                       

रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के 1.8 अरब युवाओं में से 80 फीसदी से अधिक युवा विकासशील देशों में रहते हैं। इनमें 99 फीसदी 26 साल की उम्र तक सिगरेट का सेवन करने लगते हैं। रिपोर्ट में इसके लिए तंबाकू उद्योगों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो निकोटिन उत्पादों के प्रति युवाओं को लक्षित कर रहे है।

दुनिया में हर साल तंबाकू से 80 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है। यानी हर चार सेकंड में एक व्यक्ति अपनी जान गंवा रहा सिगरेट पीने के कारण।

  • 51 हजार बच्चों की मौत हो जाती है धूम्रपान के धुएं के कारण हर साल
  • 80 लाख लोगों की मौत हो रही हर साल दुनिया में तंबाकू उत्पादों से

                                                                            

‘‘युवाओं को तंबाकू के घातक धुएं और विषाक्त ई- सिगरेट से बचाना होगा। इन उत्पादों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के प्रति युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है।

                                                                                                                                                              -डॉ रुएडिगर क्रेच, विश्व स्वास्थ्य संगठन।

बच्चों पर धुएं का बुरा असर

दुनिया के आधे बच्चे धूम्रपान के धुएं से प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। हर साल 51 हजार बच्चों की इस वजह से मौत हो जाती है। 50 देशों में 13-15 वर्ष की आयु के 10 फीसदी छात्रों ने सूचना दी कि कई तंबाकू कंपनियां उन्हें मुफ्त सिगरेट की पेशकश कर चुकी हैं। उन्होंने माना कि वह सिगरेट का पैकेट लेने से मना नहीं कर सके।

विज्ञापनों पर ज्यादा खर्च

तंबाकू उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए कंपनियां काफी सारा पैसा लगा रही है। 2018 में 2.4 करोड़ डॉलर से अधिक तंबाकू विज्ञापनों और प्रचार पर खर्च किया गया। वहीं नौ अरब डॉलर का खर्च तंबाकू उत्पादों को बनाने पर खर्च किया गया। इन हालात को देखते हुए अमेरिका में पिछले महीने कंपनियों को अवैध ई-सिगरेट की बिक्री बंद करने की चेतावनी भी दी गई।

लेखक : डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला चिकित्सालय मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।