ग्रीन जॉब्स : लाखों नौकरियां दे रही हैं

                       ग्रीन जॉब्स : लाखों नौकरियां दस्तक दे रही हैं

रिब्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग के तहत आ रही हैं नौकरियाँ

                                                                                                                                                                         डॉ0 आर. एस. सेंगर

ग्रीन जॉब्स के मामले में भारत दुनिया के विकसित देशों को टक्कर दे रहा है। हाल ही में जारी की गई एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले एक साल में दस लाख से ज्यादा लोगों को ग्रीन जॉब्स मिली हैं। तो ऐसे में आइए जानते हैं कि कहते किसे हैं ग्रीन जॉब्स और इसके तहत किन सेक्टर्स में नौकरियां दी जाती हैं?

क्या हैं ग्रीन जॉब्स

                                                                           

ग्रीन जॉब्स या हरित रोजगार उन क्षेत्रों की नौकरियों को कहते हैं, जो इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनके काम से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े। जैसे- हाइड्रोपावर, सोलर एनर्जी आदि क्षेत्रों में निकलने वाली नौकरियों को ग्रीन जॉब्स की श्रेणी में रखा जा सकता है।

यह कोर्सेज करने से बनेगी बात

12वीं कक्षा पीसीएम से उत्तीर्ण करने के बाद बीएससी इन रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग, बीटेक इन रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग, एमटेक इन रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग, आदि कोर्सेज कर आप इस क्षेत्र में नौकरी पा सकते हैं।

निम्न कार्य करने होते हैं

रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर का कार्य वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादों का विकास और उनकी देखरेख करना होता हैं। यह इंजीनियर कंसल्टेंट या रिसर्चर के तौर पर भी काम करते हैं और पर्यावरण के अनुकूल एनर्जी कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स के निर्माण और उनकी निगरानी में अहम भूमिका निभाते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में होती इनकी है डिमांड

                                                                          

रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में इंजीनियर्स के लिए पर्याप्त अवसर मौजूद हैं, विशेष रूप से इलेक्ट्रिकल, एन्वॉयरन्मेंटल, मैकेनिकल और सिविल इंजीनियरिंग आदि डिग्रीधारी युवाओं के लिए है यह फील्ड। हरित ऊर्जा क्षेत्र में प्रयुक्त उत्पादों के अनुसंधान, कार्यान्वयन एवं विकास जैसे कार्यों को करने के साथ ही सोलर सेल, जियोथर्मल प्लांट, हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम आदि डिजाइन करने में भी इनकी अहम भूमिका होती है। रिन्यूएबल एनर्जी कंसल्टेंट के तौर पर ऊर्जा आपूर्ति और पर्यावरण संबंधी विभिन्न मुद्दों का समाधान भी प्रस्तुत कर सकते हैं।

ग्रीन बिल्डिंग इंजीनियर, वाटर नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर और विंड टरबाइन फैब्रिकेटर आदि के तौर पर भी अपना कॅरिअर बना सकते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर भी युवा पेशेवरों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा कर रहा है।

रिसर्चर एंड प्रोफेसर

एमफिल या पीएचडी के बाद टीचिंग और रिसर्च के क्षेत्र में भी अपना कॅरिअर बना सकते हैं।

इस क्षेत्र में आमदनी

रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर को शुरुआती दौर में तीन से चार लाख रुपये का सालाना का पैकेज मिलता है। अनुभव बढ़ने के साथ ही यह 12 से 15 लाख रुपये का सालाना पैकेज भी हो सकता है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।