विवाह से पहले मिलाये मेडिकल कुंडली, जन्म कुंडली से पहले

          विवाह से पहले मिलाये मेडिकल कुंडली, जन्म कुंडली से पहले

                                                                                                                                                                      डॉ0 दिव्यांशु सेगर एवं मुकेश शर्मा

जीवन का गणित रहेगा सफल, यह जांच हैं जरूरी

आप सभी ने विवाह से पहले जन्म कुंडली और लड़के व लड़की के गुण मिलने की बात तो जरूर सुनी होगी, परन्तु अब समय के साथ ही जिंदगी का ज्योतिष भी आधुनिक हो रहा है। वर्तमान समय में युवा जन्म कुंडली मिलाने से अधिक मेडिकल कुंडली को मिलाने पर जोर दे रहे हैं। लड़का और लड़की दोनों के मन में यह सवाल होता है कि जिसके साथ हमें पूरा जीवन व्यतीत करना है, कहीं वह किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं है।

इसके लिए दोनों पक्ष डॉक्टरों की सलाह पर अपनी अपनी मेडिकल जांच करा रहे हैं। जिंदगी भर के साथ का सवाल होने के कारण परिवारों को भी इस पर कोई आपत्ति नहीं हो रही है और ज्यादातर लोग अब इस पर अमल भी करने लगे हैं। इस सम्बन्ध में लोगों का कहना है कि यदि कोई बीमारी सामने आती है तो उसका समय रहते पता चल जाएगा और उसका सही इलाज भी हो सकता है।

ऐसे में दोनों परिवारों को कोशिश भी यही रहनी चाहिए कि इनमें से यदि कोई भी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो वह इसका खुलासा कर दें, जिससे कि दोनों ही परिवारों का जीवन सुखद बना रहेगा। यदि वह किसी चीज को छुपाते हैं तो स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव भी अवश्य ही पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि समय पर जांच कराकर अपनी मेडिकल कुंडली को भी बनाकर रखें। जिससे आपको भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

मेडिकल कुंडली में यदि बीपी और शुगर से लेकर हेपेटाइटिस, सर्वाइकल कैंसर आदि के कोई लक्षण मौजूद है या फिर किडनी व लीवर संबंधी जांच आदि को भी शामिल किया जाता हैं। यहां तक की कई जोड़े शादी से पहले बीएमआई वी आई क्यू टेस्ट भी दे रहे हैं।

इसके सन्दर्भ में यह जांचे है महत्वपूर्ण

इन फर्टिलिटी टेस्ट, पुरुषों के स्पर्म काउंट और महिलाओं की ओवरी हेल्थ के बारे में जानने के लिए इनफर्टिलिटी टेस्ट करवाना काफी जरूरी होता है। शरीर में इनफर्टिलिटी से जुड़े कोई भी लक्षण पहले से नजर नहीं आते तो इनके बारे में टेस्ट के जरिए ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अब लोग जागरूक होकर इस पर ध्यान भी दे रहे हैं।

ब्लड ग्रुप कंपैटिबिलिटी टेस्ट

                                                                    

हालांकि, यह कोई बहुत जरूरी टेस्ट नहीं होता है, लेकिन फैमिली प्लानिंग के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि आपका और आपके जीवनसाथी का आरएच फैक्टर एक जैसा हो तो दोनों के ब्लड ग्रुप अनुकूल नहीं होते हैं, तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

अनुवांशिक बीमारियों से जुड़ा टेस्ट

                                                                       

शादी से पहले जेनेटिक टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इससे स्तन कैंसर, पेट का कैंसर, किडनी की बीमारी और डायबिटीज आदि बीमारियाँ जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में आसानी से जा सकती है। इन बीमारियों का पता अगर पहले से लग जाए तो इनका समय पर इलाज किया जा सकता है, इसके लिए जागरूक होना बहुत जरूरी है। यदि आप समय पर टेस्ट करा कर अपनी मेडिकल कुंडली तैयार कर लेंगे तो आप भविष्य में अधिक सुरक्षित रह सकेंगे।

डॉ0 दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि ऐसे में उन जोड़ों को जागरूक करने की जरूरत है जो शादी से पहले मेडिकल परीक्षण कराने से बचते हैं। यदि पुरुष व महिला का हीमोग्लोबिन हमेशा काम रहता है और आयरन की कमी नहीं है तो हिमाचल लॉजिस्टिक से जरूर सलाह लेनी चाहिए। थॅलेसेमिक माइनर, माता-पिता का बच्चा थॅलेसेमिक मेजर पैदा हो सकता है। जिससे दो माह की उम्र से ही रक्त चढ़ना पड़ता है। ऐसी दशा में सभी लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।

लेखक : डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।