बेलपत्र की महिमा

                                                                                  बेलपत्र की महिमा

                                                                                                                                                डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

स्कन्द पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की कुछ बून्दें मन्दराचल पर्वत पर गिर गई, जिनसे बेलपत्र का प्रादुर्भाव हुआ। चूँकि माता पार्वती के पसीने से बेलपत्र का प्रादुर्भाव हुआ था, अतः माता पार्वती के समस्त रूप इसमें विद्यमान होते हैं। माता पार्वती, बेलपत्र की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में, तनें में माहेश्वरी के रूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी एवं पत्तियों में पार्वती के रूप में वास करती हैं। बेलपत्र के फलों में माता कात्यायनी का स्वरूप है तो इसके फूलों में माता गौरी का स्वरूप स्थित होता है। बेलपत्र में माता पार्वती के इन स्वरूपों के अलावा माता महालक्ष्मी बेल के पूरे वृक्ष में निवास करती हैं।

    बेलपत्र माता पार्वती का स्वरूप होने के कारण ही यह भगवान शंकर को बहुत प्रिय है अतः यह उनको अर्पित किए जाने का प्रावधान है। भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पित करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की सम्पूर्ण मनोंकामनाओं की पूर्ति करते हैं। जो व्यक्ति किसी तीर्थ स्थान पर नही जा सकता, ऐसे में यदि वह श्रावण के मास में बिल्व वृक्ष के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करता है तो उसे समस्त तीर्थों के दर्शन करने का पुण्य प्राप्त हो जाता है।

                                                  

बेल के वृक्ष का महत्व

1.   बेल एवं श्वेत ऑक के वृक्षों को जोड़े के रूप में लगाने से अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

2.   बेल के वृक्ष को लगाने से वंश की वृद्वि और बेल के वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है।

3.   बेल के वृक्ष प्रातः काल एवं शाम के समय दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है।

4.   बेल के वृक्ष को जल अर्पित करने से हमारे पित्र तृप्त होते हैं।

5.   बेल के वृक्ष के समीप सृप नही आते हैं।

6.   यदि किसी व्यक्ति की शवयात्रा बेल के वृक्ष की छाया से होकर गुजरती है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

7.   हमारे वायुमण्ड़ल में व्याप्त अशुद्वियों का अवशोषण करने की अद्भुत क्षमता बेल के वृक्ष में सर्वाधिक होती है।

8.   4, 5, 6 या 7 पत्तों वाले बेल पत्रक को पाने वाले को परम भाग्यशाली माना जाता है और उसे भगवान शिव को अर्पित करने से अनंत गुणा पुण्य की प्राप्ति होती है।

9.   हमारे ऋषि-मुनि, बेलपत्र एवं ताम्र धातु को एक विशेष प्रयोग के माध्यम से स्वर्ण धातु में परिवर्तित किया करते थे।

10.  यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में केवल एक बार भूल से भी शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित कर दे तो उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।

11.  बेल के वृक्ष का रोपण, पोषण एवं संवर्धन करने से साक्षात भगवान शंकर की सेवा करने का फल प्राप्त होता है। अतः बेल का वृक्ष अवश्य ही लगाना चाहिए।

‘‘ऊँ नमः शिवाय’’

देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री, जिनकी विदेशों में भी धूम

सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री योगी आदियनाथ का बेहिसाब क्रेज।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शनिवार को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरा कर लिया। इसके साथ ही उनकी लोकप्रियता में भी काफी बढ़ावा देखने को मिल रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में उभरकर सामने आए हैं। केवल इतना ही नही विदेशों में बसें भारीय लोागें के बीच भी यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जबरदस्त क्रेज देखने में आया है। वहीं सोशल मीडिया पर भी सीएम योगी के समर्थन में हैशटैग ट्रेंड चलता रहता है।

गुरूवार को सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर हैशटैग इंडिया के फेवरेट सीएम ने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिसके अन्तर्गत यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश का सबसे फेवरेट मुख्यमंत्री घोषित किया। इस ट्रैंड में तमिलनाडु, पंजाब, झारखण्ड़, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और उराखण्ड़ आदि राज्य के लोगों ने यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सबसे बेरीन मुख्यमंत्री के रूप में प्रतिष्ठापित किया, केवल इतना ही नही जर्मनी और स्पेन के लोगों ने भी यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बेस्ट सीएम बताया।

वैसे भी सोशल मीडिया पर करोड़ों यूजर्स के बीच सीएम योगी एवं नित्य बदलते उत्तर प्रदेश की चर्चाएं आम हैं।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि उत्तर प्रदेश से माफिया एवं गुण्ड़ाराज की समाप्ति के अतिरिक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा, शिक्षा, अपराध, इन्फ्रॉस्ट्रक्चर, एक्सप्रेस-वे, 35 लाख करोड़ रूपये के निवेश एवं रोजगार के मोर्चो पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है, उसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा जिस प्रकार से यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने उत्तर प्रदेश के दशकों पुराने परसेप्शन को तोड़ते हुए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस की रैकंग में नई ऊँचाईयों को प्राप्त किया है, उसमें भी लोगों से प्रोत्साहन मिल रहा है।

इसके साथ ही विरासत को सम्मान और अयोध्या, काशी एवं मथुरा के सहित चित्रकूट, नैमिष एवं प्रयागराज में जिस प्रकार से मूलभू संुविधाओं का विकास करे हुए धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, उसको लेकर भी लोगों में यू0 पी0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति सकारात्मक भाव में वृद्वि दर्ज की गयी है।

अब उपद्रवियों के लिए, उत्सवों के रूप में जाना जाता है, उत्तर प्रदेश

  • छह वर्ष से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड भी है योगी आदित्यनाथ के नाम।
  • भाजपा सरकार की 6 वर्षों की उपलब्धियों का ब्यौरा जनता के समक्ष रखा।
  • कॉन्फ्रेंस के आरम्भ में शुरूआत में ही दिखाई गई विकास कार्यों पर बनी एक शार्ट फिल्म।
  • मुख्यमंत्री के द्वारा ‘नई उड़ान, नई पहचान‘’ स्लोगन लिखे पोस्टर को किया गया रिलीज।

25 मार्च, दिन शनिवार को उत्तर प्रदेश में योगी 2.0 सरकार ने एक वर्ष पूर्ण कर लिया, केवल इतना ही नही, 6 वर्ष से अधिक समय क उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड भी ब योगी आदित्यनाथ के नाम ही हो गया है। इस उपलक्ष्य में शनिवार को योगी ने लोकभवन मेें 45 मिनट की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कानून पर जीरो टॉलरेन्स की नीति ने प्रदेश को एक नई पहिचान दिलाई है। इससे उत्तर प्रदेश, अब माफिया का नही, अपितु महोत्सवों का प्रदेश बन चुका है।     

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर. सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं।