नमक के विकल्प से उच्च रक्तचाप का खतरा 40 फीसदी तक कम

          नमक के विकल्प से उच्च रक्तचाप का खतरा 40 फीसदी तक कम

                                                                                                                                                             डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

नमक का उपयोग कम कर कोई विकल्प अपनाने से उच्च रक्तचाप 40 फीसदी कम हो जाता है और निम्न रक्तचाप का खतरा भी नहीं रहता। जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, केवल नमक कम करने की तुलना में नमक के विकल्प का स्वस्थ रक्तचाप नियंत्रित करने का बेहतर समाधान है। इससे पहले अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने कहा था कि उच्च रक्तचाप से जूझ रहे लोगों के लिए एक दिन में 1.5 ग्राम से अधिक नमक का सेवन हानिकारक हो सकता है। वहीं, डब्ल्यूएचओ का भी कहना है कि पांच ग्राम नमक (एक चौथाई चम्मच) में दो ग्राम सोडियम होता है। किसी भी वयस्क व्यक्ति को रोजाना दो ग्राम से ज्यादा सोडियम नहीं खाना चाहिए।

                                                                     

इस तरह किया अध्ययन

अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने चीन में देखभाल सुविधाओं में रहने वाले वयस्कों में रक्तचाप पर सोडियम कम करने के प्रभाव का मूल्यांकन किया। डिसाइड साल्ट नामक अध्ययन में 55 वर्ष या उससे अधिक उम्र के 611 प्रतिभागियों को दो समूहों में विभाजित किया गया। 313 प्रतिभागियों ने सामान्य नमक को नमक के विकल्प से बदल दिया।

298 प्रतिभागियों ने सामान्य नमक का उपयोग जारी रखा। नमक के विकल्प का उपयोग करने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप होने की संभावना 40 फीसदी कम हुई। इसके अलावा नमक का विकल्प अपनाने से उन्हें निम्न रक्तचाप भी नहीं हुआ।

हो सकते हैं नमक के विकल्प

                                                       

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, संधा नमक और काला नमक बेहतर विकल्प हो सकते हैं। सादे नमक की तुलना में। गुलाबी हिमालयन नमक भी बेहतर विकल्प है। प्राकृतिक प्रक्रिया की वजह से इसमें कई अन्य खनिज और तत्व मिले हुए होते हैं, जो साधारण नमक में देखने को नहीं मिलते।

इसके अलावा नींबू के रस, लहसुन पाउडर, अदरक, लेमनग्रास और मार्जोरम का इस्तेमाल भी विकल्प के रूप में किया जा सकता है। मूल काली मिर्च, सूखा प्याज या प्याज पाउडर, पोषक खमीर, बाल्समिक, सेब साइडर और रेड वाइन सिरका, लाल शिमला मिर्च और ट्रफल आयल भी विकल्प हो सकते हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।