एक्सपर्ट टिप्स : करियर काउंसलर

                             एक्सपर्ट टिप्स : करियर काउंसलर

                                                                  

1. मैं अभी गणित विषय के साथ 10+2 कर रही हूं और आगे बीसीए में दाखिला लेना चाहती हूं। कृपया पाठ्यक्रम को लेकर मुझे क्या ध्यान रखना चाहिए, बताएं।

                                                                                                                                                                                    -सीमा यादव

किसी भी पाठ्यक्रम में दाखिला लेने से पहले ये जानकारी होनी चाहिए कि उस पाठ्यक्रम को चलाने के लिए केवल विश्वविद्यालय की मान्यता आवश्यक है या किसी एपेक्स बॉडी की भी एपेक्स बॉडी भारत सरकार की अलग-अलग संस्थाएं होती है, जिन्हें देश में अलग- अलग पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता देने का अधिकार होता है।

उदाहरण के लिए, बीएड के लिए एपेक्स बॉडी है नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन, लॉ के लिए है बार काउंसिल ऑफ इंडिया इसी प्रकार बीसीए यानी बैचलर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन जैसे वोकेशनल पाठ्यक्रम की मान्यता के संदर्भ में इस वर्ष से कुछ नए बदलाव हो रहे हैं। भारत सरकार की संस्था ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन यानी एआईसीटीई द्वारा इस सत्र से बीसीए एवं बीबीए (बेचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) जैसे पाठ्यक्रमों के लिए भी मान्यता अनिवार्य कर दी गई है। इसके बाद अब देश में किसी भी संस्थान को बीसीए, बीबीए पाठ्यक्रम चलाने के लिए एआईसीटीई की मान्यता लेनी होगी।

अब तक यह केवल बीटेक, एमबीए, एमसीए डिजाइन, आर्ट एंड क्राफ्ट एवं तकनीकी डिप्लोमा जैसे पाठ्यक्रमों तक सीमित थी। कुछ वर्ष पहले तक एआईसीटीई की परिधि में बीफार्मा, बीआर्क जैसे पाठ्यक्रम भी थे, परंतु बाद में उन पाठ्यक्रमों के लिए अलग एपेक्स बाँडी की स्थापना कर दी गई। मसलन, बीफार्मा के लिए फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया बन गयी और बीआर्क के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर अतः इस वर्ष से बीसीए में दाखिला लेने से पहले उस संस्थान की एआईसीटीई से मान्यता की जांच अवश्य कर लें।

2. मैं इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दे रहा हूं और आगे किसी आईटीआई में दाखिला लेना चाहता हूँ। मुझे मान्यता प्राप्त आईटीआई की जानकारी कैसे प्राप्त हो सकती है?

                                                                                                                                                                   मो. इरफान अंसारी

देश में लगभग प्रत्येक राज्यों में सरकारी व निजी आईटीआई यानी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, जो विभिन्न ट्रेड में इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग पाठ्यक्रम संचालित कर रहे हैं। इन संस्थानों को एनसीवीईटी यानी नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है। एनसीवीईटी भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट एंड इंटरप्रिन्योरशिप मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। आप अपने नजदीकी मान्यता प्राप्त आईटीआई संस्थान की खोज मंत्रालय की वेबसाइट www.nevtmis.gov.in से कर सकते हैं।

जॉब टिप्स

                                                  

अगर आप अपने ऑफिस में ऊंचे पद तक पहुंचना चाहते हैं, तो आपको खुद में लीडरशिप के गुण विकसित करने होंगे और जताने भी होंगे। यहां जानिए कुछ सलाहें, जो इसमें करेंगी मदद प्रक्रिया में आपके नाम कई उपलब्धियां भी होंगी। जैसे कई स्किल्स सीख सकते हैं, किसी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर अनुभव बटोर सकते हैं।

जब आप खुद में 92% नेतृत्व क्षमता के गुण विकसित करते हैं, तो वरिष्ठ पदों पर पहुंचने में देर नहीं लगती। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी वर्तमान भूमिका पर ध्यान देना बंद कर दें। दरअसल अपनी वर्तमान भूमिका में अच्छा कार्यप्रदर्शन लीडरशिप की नीव रखता है। यहां जानिए कुछ और गुण, जो विकसित करना आपको आगे के पदों पर ले जाएगा: छोटी अवधि के लक्ष्य बनाएं जब आपको पता होगा कि आपका अगला लक्ष्य क्या है, तो आप अपने संसाधनों कौशलों और क्षमताओं का बेहतर उपयोग करके उस ओर बढ़ेंगे।

इस उच्च कार्य प्रदर्शन करने वाले टीम लीडर्स में पहल करने का गुण पाया गया. एक सर्वे में सक्रिय श्रोता बनें यह स्किल आपके वर्तमान साथियों के साथ आपके संवाद को स्पष्ट और अच्छे तालमेल के साथ स्थापित करता है। दूसरों के लिए प्रेरणावने जब आप नए स्किल्स और जानकारी से लैस होंगे, तो आप अपनी टीम को प्रेरित करने में समर्थ होंगे। इस तरह ना सिर्फ आप उनके लिए अगुवा बने रहेंगे, बल्कि एक सक्षम टीम के साथ आप बेहतर कार्य प्रदर्शन का रिकॉर्ड बनाते हैं।

नए प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनें : ऑफिस में आने वाले नए प्रोजेक्ट्स का हिस्सा बनने पर आपके कार्य अनुभव का दायरा बढ़ता है। यह आपको बढ़त देता है साथ ही आप अधिकारियों की निगाह में भी आते हैं। फीडबैक लें अपने बारे में अपने मैनेजर और साथियों से समय-समय पर फीडबैक लेना आपको काम और सॉफ्ट स्किल सुधारने में भी मदद करेगा। सेंटर की मदद ले कोच या मेंटर से आपको नए स्किल्स, आपके स्किल्ला को देखते हुए बेहतर जॉब रोल आदि की सलाह मिल सकती हैं। लक्ष्य की ओर बढ़ने में अपना रिव्यू खुद करना बेहद जरूरी है, ताकि समय रहते उनमें सुधार कर सकें।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।