कृषि विश्वविद्यालय में हुआ 16वें दीक्षांत समारोह का आयोजन

              कृषि विश्वविद्यालय में हुआ 16वें दीक्षांत समारोह का आयोजन

अमृत काल में जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण तथा कृषि उत्पादकता को बढाने के बारे में सोचें छात्रः

                                                                                                                                                    -माननीय राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल

दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को 18 पदकों से पुरस्कृत किया गया।

                                                                  

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 370, स्नातकोत्तर के 89 एवं पी-एच0डी0 के 60 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की।

                                                            

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 16वीं दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, इस समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा की गयी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 18 छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पदक दिये। 18 पदको में से 12 पदक बेटियों और छह पदक बेटों ने अपने नाम कर अपने कौशल का परिचय दिया।

दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों में स्नातक हेतु 370, स्नातकोत्तर में 88 एवं पी-एच0डी0 में 36 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गयी। शैक्षिक उत्कृष्टता के लिए कृषि महाविद्यालय, जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, उद्यान महाविद्याल, खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय के 18 छात्र-छात्राओं को कुलपति स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदकों से सम्मानित किया गया। कृषि महाविद्यालय के तीनो उत्कृष्टता पदक छात्राओं को दिये गये, जो कृषि शिक्षा मे छात्राओं की बढ़ती रूची को दर्शाता है।

विश्वविद्यालय के स्नातक स्तर पर ऐकेडमिक एवं को-करिकुलर गतिविधयों में संयुक्त रूप से उत्कृष्ट प्रर्दशन हेतु पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के एक छात्र सूरज धनकड़, कुलाधिपति स्वर्ण पदक और कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।

                                                                           

दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए माननीया राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि बेटियों ने इस बार भी पदक में आगे रही। उन्होने छात्र-छात्राओं से कहा कि वो अपने जीवन में सही सोच को पकड़कर, सही रास्ते में चले क्यों कि गलत सोच आपको भटका सकती है। इसलिये सही सोच और संकल्प के साथ आगे बढने की आवश्यकता है उन्होने कहा कि देष में अमृतकाल चल रहा जिसमें कृषि उत्पादकता को कैसे बढाया जाये इस पर विचार करने की आवश्यकता है, उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए बताया कि वहा पर लोगो को पानी की समस्या से गुजरना पड़ता था उन्होने कहा कि एक-एक बूंद पानी को बचाने का संदेश दिया गया। उन्होने कहा आप सभी को अच्छी सोच डवलप करनी है जिससे देश का समग्र विकास हो सके।

                                                                 

उन्होने कहा कि महिलाओं को सरबाईकल कैंसर होता है इसलिये समय पर वेक्सीन लगवा लेनी चाहिये। वेक्सीन के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता लायी जाये जिससे समय से महिलाये बैक्सीन को लगवा सकें। उन्होंने मिलेट का उत्पादन बढाने तथा उसके उत्पाद को अधिक से अधिक बनाकर लोगो तक पहुचाने को कहा। उन्होने कहा कि अच्छे शोध कार्यो एवं उपलब्धियों को धर घर तक पहुचाना चाहिये। इसके लिये समाज के लोगों तथा विभिन्न विभागों को आगे आना चाहियें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि अपने जीवन में बच्चों का मार्ग दर्शन करना चाहिये तथा गरीब व जरूरत मंदो की सहायता करनी चाहिये, जिससे वो आगे बढ सकें।

राज्यपाल महोदया ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि यह कृषि विश्वविद्यालय पश्चिमी उतर प्रदेश के क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सतत् प्रगति कर रहा है। हमें खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु विश्वविद्यालय स्तर पर इस प्रकार के शोध् करने चाहिए जो कि समय व मांग के अनुसार हो एवं उनको अपनाकर किसानों की आय में भी बढोत्तरी हो सके। आज के युग में नई मशीनें जैसे ड्रोन आदि से संबंधित तकनीकों को कृषकों तक पहुॅचाना होगा। इस प्रकार की तकनीकों से जहॉं एक ओर लागत मूल्य में कमी आयेगी वहीं दूसरी ओर किसानों के श्रम एवं समय की भी बचत होगी।

                                                            

महिला सशक्तिकरण हेतु महिला अध्ययन केन्द्रों को स्थापित करके बालिकाओं एवं महिलाओं को षिक्षा, स्वास्थ्य, स्वाभिमान, आर्थिक स्वावलम्बन की ओर प्रेरित करना चाहिए। आज इस अवसर पर मैं विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोध छात्रों का आह्वान करूंगी कि वे भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत ही अपनी शोध योजनाएं बनायें। वे योजनायें ऐसी हो जो पर्यावरण अनुकूल, टिकाऊ, कम लागत में उत्पादन देने वाली हों, प्राकृतिक संसाधनों का कम दोहन करने वाली, पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव न डालती हो, क्योंकि यदि कृषि की पद्धतियाँ बहुत महंगी होंगी तो कृषि उत्पादन महंगा होगा जिसके फलस्वरूप प्रत्येक उपभोक्ता को खाने-पीने की वस्तुओं हेतु तुलनात्मक रूप से अधिक मूल्य चुकाना होगा। इस प्रकार से उपभोक्ता के लिए वस्तुओं के दाम भी बढ़ेंगें।

अतः इस परिप्रेक्ष्य में आप सब वैज्ञानिकगणों एवं शोध छात्र-छात्राओं को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कृषि विविधीकरण के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि कृषक व कृषि व्यवसाय में लगे हुये उद्यमियों के आय के स्रोत भी विविधीकृत हों, ताकि हर परिस्थिति में एक समुचित आय सुनिश्चित की जा सके।

विश्वविद्यालय में एक एग्री इन्क्यूवेसन सेंटर की स्थापना कर दी गयी है, मुझे यह बताते हुये प्रसन्नता हो रही है कि विश्वविद्यालय के ही कुछ छात्र जैव नियंत्रक उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्टअप की परिकल्पना लेकर आगे आ रहे हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये विद्यार्थी अपने प्रयास में सफल होंगे व इनके स्टार्टअप का लाभ कृषकों को अवश्य प्राप्त होगा व हमारा इन्क्यूवेसन सेंटर अपने उद्देष्यों की पूर्ति में सक्षम हो सकेगा। इसी प्रकार एग्रोटूरिज्म, वैल्यू एडेड फूड प्रोसेसिंग, गुणवत्ता युक्त बीज व नर्सरी उत्पादन तथा आर्गेनिक खेती जैसे सर्वोच्च र्स्टाटअप के क्षेत्र में भी छात्रों को अपने विचारों के साथ आगे आना चाहिये।

                                                                  

इन सभी क्षेत्रों में उद्यमिता विकास की अपार संभावनायें हैं। अंत में, इस विश्वविद्यालय के 16वें दीक्षान्त समारोह में सभी छात्र-छात्राओं को श्रेष्ठ चरित्र निर्माण हेतु मैं आशीर्वाद देती हूँ। मूझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी समाज एवं देश की सच्ची सेवा करेंगे साथ ही भविष्य में सतत् उन्नति कर सकेंगे।

मुख्य अतिथि के रूप में आई0आई0टी0 खडगपुर के निदेशक प्रो0 वीरेन्द्र कुमार तिवारी ने उपाधि पाने वाले छात्रों को बधाई प्रेशित करते हुए भारत के लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के चरित्र का अनुसरण करते हुए कृषि शिक्षा में उत्कृष्ट शोध कर भारतीय किसानों को सषक्त करने के लिए वचनबद्ध किया। उन्होंने उन्नत कृषि तकनीकी जैसे प्रसीजन फार्मिंग, स्मार्ट मशीन, सस्टेनेबल कृषि, सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था से किसानों को परिचित कराने पर जोर देते हुए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों व शोध छात्रों को इस परिवर्तनकारी युग में मौसम के अनुसार फसल सम्बंधित सलाह को किसानों तक पहुॅचाने की विधियो को विकसित करने की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।

प्रो0 वी0के0 तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आई0टी0, खडगपुर देष का पहला आई0टी0 संस्थान है, उसके बाद देश में कई आई टी संस्थानों को खोला गया। उन्होने कहा कि कृषि में नवाचर लाना होगा तथा स्टार्टअप चालू करने होंगे। उन्होंने कहा कि भारत में पैसे की कमी नहीं है केवल यहा पर विचार और खोज की कमी है, इसलिये उसको और अधिक विकसित करना है। उन्होने कहा कि हमें एक टीम की तरह कार्य करना है, ताकि हम जॉव क्रियेटर बन सके, न कि जॉब सीकर।

                                                                    

कुलपति प्रो0 के0 के0 सिंह ने दीक्षांत समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों तथा भविष्य में चलाये जाने वाले कार्यक्रमों, परियोजनाओं एवं शिक्षा, शोध एवं प्रसार के बारे में विस्तार से जानकरी प्रदान की। कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का उद्देश्य ऐसे छात्रों एवं छात्राओं को तैयार और प्रशिक्षित करना होता है, जिससे वे सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और दृढ़ता के साथ जीवन संघर्ष का सामना कर सके। इसलिए उन्हें ऐसी शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए, जो उन्हें यह जानने में मदद करे कि जीवन में क्या सत्य है और क्या असत्य है।

उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ पाने के लिए हमेशा मन में सीखने की इच्छाशक्ति को बनाकर रखना चाहिए। क्योंकि ज्ञान का कोई अंत नहीं होता है। हमारे युवा देश के आर्थिक विकास एवं सामाजिक प्रगति की सबसे बड़ी परिसंपत्ति तथा एक महत्वपूर्ण ताकत हैं। इस संदर्भ में हमारे विश्वविद्यालय के छात्रों में रोजगार प्रदाता की भावना विकसित करने के लिए एक एग्री इन्क्यूबेषन सेंटर की स्थापना की गयी है, विश्वविद्यालय के छात्र जैव नियंत्रक उत्पादन के क्षेत्र में स्टार्ट अप की परिकल्पना ले कर आगे भी आ रहे हैं।

                                                                       

मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये विद्यार्थी अपने प्रयास में सफल होंगें व इनके स्टार्टअप का लाभ कृषकों को अवश्य प्राप्त होगा व हमारा इन्क्यूबेशन सेंटर अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सक्षम हो सकेगा। इसी प्रकार विश्वविद्यालय के छात्रों में स्वरोजगार की भावना विकसित करने के लिए मत्स्य एवं एक्वाकल्चर, कुक्कट पालन, बकरी पालन, सुकर पालन, मशरूम उत्पादन, टिशू कल्चर एवं माइक्रो प्रोपोगेशन, जैव नियंत्रण प्रतिनिधि उत्पादन, जैविक खाद उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, दुग्ध उत्पादन, बीज उत्पादन एवं मृदा परीक्षण जैसे प्रायोगिक ज्ञान इकाइयों के द्वारा प्रेरित किया जा रहा है। जिससे विगत वर्ष 375 छात्र लाभान्वित हुए।

कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में शिक्षा, शोध एवं प्रसार कार्यो की गुणवत्ता बढ़ाने, आवश्यक गतिविधियों को आरम्भ करने, योजना बनाने एवं निरीक्षण करने हेतु आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ट (प्फ।ब्) का गठन किया गया जिसकी चार बैठक आहुत की गयी। आन्तरिक गुणवत्ता आष्वासन प्रकोष्ट के सुझावों के अनुसार राष्ट्रीय पोर्टल कृषि-शिक्षा पर ई-सामग्री नियमित रूप से अपलोड की जा रही है एवं पी0जी0 और पी0एच0डी0 का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। सभी हितकारको से ऑफलाईन एवं ऑनलाईन फीडबैक प्रतिक्रिया का विश्लेषण कर प्राप्त सुझावों पर उपयुक्त कार्यवाही की गयी है। गत महीनों में हमने विश्वविद्यालय में पठन-पाठन व छात्रों द्वारा किये जा रहे शोध पर विशेष ध्यान दिया गया है।

                                                               

कुलपति प्रो0 के0के0 सिंह ने प्रसार निदेशालय की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय के अधीन संचालित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शत प्रतिशत विŸाय सहयोग से विश्वविद्यालय कार्य क्षेत्र के 04 मण्डलों (मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद एवं बरेली) के 18 जनपदों (सहारनपुर, मुज्जफरनगर, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद, गौतमबुद्वनगर, बागपत, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, बुलन्दशहर, शॉहजहांपुर, शामली, सम्भल, हापुड़, अमरोहा एवं बदायूं) में 20 कृषि विज्ञान केन्द्र संचालित है।

“ड्रोन भारत के कृषि का भविष्य“ उद्देश्य के अन्तर्गत हाई टेक खेती को बढावा देने हेतु एवं किसानों की कृषि लागत कम करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से 03 ड्रोन क्रय किये जा चुके है, जिनका प्रयोग विश्वविद्यालय कार्यक्षेत्र के अन्तर्गत 02 कृषि विज्ञान केन्द्र क्रमशः मेरठ एवं बिजनौर तथा 01 मुख्यालय मेरठ पर किया जायेगा। 14 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर सब्जी पौध उत्पादन हेतु हाईटेक नर्सरी की स्थापना का कार्य शासन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है। प्रत्येक ईकाई का प्रस्तावित बजट रू0 2.04 करोड़ है। साथ ही विश्वविद्यालय मुख्यालय पर भी एक इकाई की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। 20 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने 15 से 31 मई, 2023 तक खरीफ जागरूकता अभियान के अंतर्गत 380 ग्रामों के 8,500 कृषकों को तकनीकी ज्ञान पहुचाने का कार्य किया है।

कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रक्षेत्रों पर बीज उत्पादन कार्यक्रमों के अन्तर्गत विगत रबी 2022-23 में 3,126.00 कु0 प्रजनक, आधारीय प्रमाणित बीज किसानों, सहकारी एवं सरकारी संस्थाओं को उपलब्ध कराने हेतु उत्पादित किया गया। फसल अवषेष प्रबंधन परियोजना के अन्तर्गत कार्यक्षेत्र के 07 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से 14 प्रशिक्षण, 218 प्रदर्शन, 4 किसान मेला, 24 जागरूकता अभियान आदि कार्यक्रमों के द्वारा कृषकों को फसल अवशेषों को न जलाने हेतु जागरूक किया गया है। विश्वविद्यालय के अधीन संचालित 09 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर गौ-अधारित प्राकृतिक खेती प्रदर्शन इकाईयों की स्थापना हो चुकी है।

गौ-अधारित प्राकृतिक खेती अभियान के अन्तर्गत कृषि विज्ञान केन्द्रों पर प्रशिक्षण, प्रदर्शन एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। इसके अन्तर्गत कृषकों के प्रक्षेत्र पर भी 35.2 हे0 में प्रदर्शन एवं 40 जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये।

इस अवसर पर साक्षी यादव, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति स्वर्ण पदक, शैलेश कुमारी, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति रजत पदक, ज्योति सिंह, बी0एससी0 (ऑनर्स) कृषि को कुलपति कांस्य पदक, अंकुर कुमार सिंह, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति स्वर्ण पदक, केशव तिवारी, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति रजत पदक, अवनीश चौहान, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) को कुलपति कांस्य पदक, उत्तम पटेल, बी0टैक0 (बायोटैक्नोलॉजी) को कुलपति स्वर्ण पदक, प्राजंली कौर सिद्वू, बी0टैक0 (बायोटैक्नोलॉजी) को कुलपति रजत पदक, श्रृद्धा, बी0टैक0 (बायोटैक्नोलॉजी) को कुलपति कांस्य पदक, अपर्णा यादव, बी0टैक0 (फूड टैक्नोलॉजी) को कुलपति स्वर्ण पदक, गौरी अग्रवाल, बी0टैक0 (फूड टैक्नोलॉजी) को कुलपति रजत पदक, अंजली चौधरी, बी0टैक0 (फूड टैक्नोलॉजी) को कुलपति कांस्य पदक, रिद्धि बिष्ट, बी0एससी0 (ऑनर्स) हार्टीकल्चर को कुलपति स्वर्ण पदक, दिव्या अग्निहोत्री, बी0एससी0 (ऑनर्स) हार्टीकल्चर को कुलपति रजत पदक, अभिषेक वर्मा, बी0एससी0 (ऑनर्स) हार्टीकल्चर को कुलपति कांस्य पदक, रूचिका शर्मा, बी0वी0एससीएण्ड ए0एच0 को कुलपति स्वर्ण पदक, सूरज धनकड़, बी0वी0एससीएण्ड ए0एच0 को कुलपति रजत पदक, स्वपनल यादव, बी0वी0एससीएण्ड ए0एच0 को कुलपति कांस्य पदक, सूरज धनकड़, बी0वी0एससीएण्ड ए0एच0 को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किये गये।

                                                                                                

इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय में पहली बार 03 प्रायोजित पदक भी दिये गये। प्रायोजित मेडल में अंकुर कुमार सिंह, बी0टैक0 (कृषि अभियांत्रिकी) को ठा0 शशि पाल सिंह मेमोरियल स्वर्ण पदक, अपर्णा यादव, बी0टैक0 (फूड टैक्नोलॉजी) को प्रो0 समशेर स्वर्ण पदक, रिद्धि बिष्ट, बी0एससी0 (ऑनर्स) हार्टीकल्चर को श्रीमती जावित्री देवी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किये गये।

इस अवसर पर परड्यू विश्वविद्यालय, इन्डियाना यू0एस0ए0 एवं सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौ0 विश्वविद्यालय, मेरठ के बीच षिक्षा शोध एवं प्रसार के कार्यक्रमों को अन्तर्राष्ट्रीय रूप दिये जाने के लिये एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किये गये तथा परड्यू विश्वविद्यालय की ओर से डा0 धर्मेन्द्र सारस्वत द्वारा हस्ताक्षर किये गये। यह हस्ताक्षर माननीया राज्यपाल महोदया श्रीमती आनन्दीबेन पटेल की उपस्थिति में किये गये।

                                                                          

कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव, प्रो0 रामजी सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर अधिष्ठाता (पोस्ट ग्रेजुएट), डा0 बी0पी0 ध्यानी, अधिष्ठाता कृषि, प्रो0 विवेक धामा, अधिष्ठाता तकनीकी, प्रो0 बी0आर0 सिंह, अधिष्ठाता बायोटैक्नोलोजी, प्रो0 रविन्द्र कुमार, अधिष्ठाता, उद्यान, डा0 बिजेन्द्र सिंह, अधिष्ठाता पशुचिकित्सा महाविद्यालय, डा0 राजीव सिंह, अधिष्ठाता पोस्ट हार्वेस्ट टैक्नोलोजी, डा0 पुश्पेन्द्र ढाका, निदेषक शोध, प्रो0 अनिल सिरोही, निदेशक ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेंट, प्रो0 आर0एस0 सेंगर, निदेशक प्रसार, डा0 पी0के0 सिंह, वित्त नियंत्रक, लक्ष्मी मिश्रा, प्रबंध परिषद के सदस्य शहर विधायक रफीक अंसारी, विधायक राजीव कुमार सिंह, मनोहर सिंह तोमर, सुमन त्यागी के अलावा एकेडमिक काउंसिल के सदस्य मौजूद रहे।

                                                                       

इस अवसर पर मेरठ के सांसद श्री राजेन्द्र अग्रवाल तथा डा0 लक्ष्मीकान्त वाजपेयी, महापौर श्री हरिकान्त आहलूवालिया, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गौरव चौधरी, विधायक श्री अमित अग्रवाल, विधायक श्री अतुल प्रधान, विषेश सचिव कृषि षिक्षा एवं अनुसंधान श्री अजय द्विवेदी, प्रबंध परिषद सदस्य श्री मनोहर प्रधान एवं जिलाधिकारी श्री दीपक मीणा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित रहे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।