एग्री स्टार्टअप के माध्यम से भी आप बन सकते हैं उद्योगपति

             एग्री स्टार्टअप के माध्यम से भी आप बन सकते हैं उद्योगपति

                                                                                                                              डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 रेशु चौधरी एवं डॉ0 कृषाणु सिंह

वर्तमान समय में खेती का मतलब केवल गेहूं, चावल, मक्का, गन्ना या बाजरा आदि का उगना भर ही नहीं रह गया है और धीरे-धीरे यह अब एक उद्योग का रूप भी लेने लगा है। पिछले तीन-चार वर्षो के दौरान देश में एग्री स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या बता रही है कि अब किसान परंपरागत खेती में भी नवाचार अपना रहे हैं।

                                                                                

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत एग्री स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। देश में अब तक 1,554 कृषि स्टार्टअप को किस्तों में 115.57 करोड रुपए दिए जा चुके हैं। एग्री स्टार्टअप पूरी तरह सं एक नया प्लांट होता है जबकि आसान शब्दों में इसका अर्थ स्मार्ट फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के तरीके से भी लगाया जा सकता है।

जिस रफ्तार से देश की आबादी बढ़ रही है किंतु उसके सापेक्ष जमीन का आकार स्थिर ही बना हुआ है। ऐसे में केवल पैदावार को बढ़कर ही खाद्य सुरक्षा की गारंटी दी जा सकती है। हालांकि, इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि कम जमीन से अत्यधिक उपज लेने के प्रयास में रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के बढ़ते इस्तेमाल से अब हमारे खेत भी बजर होते जा रहे हैं। इसी निराशा के बीच कई उम्मीद लेकर एग्री स्टार्टअप्स सामने आ रहे हैं, जो पैदावार बढ़ाने से लेकर उपज के उपभोग तक में कई सफल प्रयोग कर रहे हैं।

इस दौरान किसानों को उनकी उपज की अधिक कीमत भी मिल रही है। इसलिए पूरी जानकारी और पूंजी के अभाव के बावजूद भी जो किसान कृषि से संबंध उद्यम शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर मददगार साबित हो सकते हैं। ऐसे में आप भी अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं और जिन लोगों को एग्री स्टार्टअप का कोई ज्ञान नहीं होने के उपरांत भी वह अपने खेतों में कुछ नया करने का हौंसला रखते हैं तो उनके लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है इसके साथ ही प्रशिक्षण एवं परामर्श की भी व्यवस्था की गई है।

                                                              

इसी तरह से सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी एग्री स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण एवं परामर्श की व्यवस्था की गई है, जिससे कि यहां पर नए एग्री स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके। एग्री सीनियर ओरिएंटेशन प्रोग्राम के तहत युवाओं तथा किसानों को दो माह तक लगातार ₹10,000 देने की भी व्यवस्था भारत सरकार ने कर रखी है। प्रारंभ में अभ्यर्थियों को आइडिया जो प्री सेट स्टेज पर अच्छा है और उसकी भविष्य में कुछ संभावनाएं हैं तो ₹5,00000 और एक कदम के बाद पूंजी के रूप में 25 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता भी भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।