सोते समय सूख जाता है गला क्या करें

                            सोते समय सूख जाता है गला क्या करें

                                                                                                                                                           डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

कई लोगों की शिकायत होती है कि रात में सोते समय उनका गला सूख जाता है। चिकित्सकों के अनुसार नींद के समय मुंह में लार बना कम हो जाता है और इसके कारण ही गला सूख जाता है। लंकिन अगर रोज-रोज ऐसा हो तो सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि संभव है सम्बन्धित व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो। ऐसे लोगों का गला सोते समय अधिक सूखता है जो मुंह से सांस लेते हैं और इससे उनके शरीर में पानी की कमी हो जाती है या फिर लोग स्लिप एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। कुछ खास तरह की दवाइयां भी होती हैं।

                                                             

कुछ अलग खाया हो विपरीत मेडिकल कंडीशंस हो सकती हैं जैसे शराब और तंबाकू का सेवन करते हैं या कई तरह के माउथवॉश इस्तेमाल करते ह। अगर इस परेशानी को नजरअंदाज किया तो कुछ समय के बाद आंख, मुँह और आसपास के अंगों में ड्राइनेस यानी सूखापन आ जाता है। ऐसी स्थिति में तुरंत ही अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। ताकि समस्या का इलाज जल्दी से जल्दी हो सके।

इसके लक्षणों में शामिल है मुंह में चिपचिपापन या सूखापन, बार-बार प्यास लगना, मुंह में घाव हो जाना, होठ का फटना या गला सूखना, बदबूदार सांस का आना, निगलने में समस्या होना, गला बैठना या बोलने में समस्या, मुंह का कड़वा स्वाद होना, लार का गदा होना और सोने में समस्या होना आदि। इन परेशानियों से बचने के लिए बार-बार पानी का सेवन करते रहे और स्वयं को हाइड्रेट रखें। इसके साथ ही अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें और शराब और तंबाकू से यथासम्भव दूर रहे।

                                                                 

अगर इन उपायों के बाद भी गला सूखने की समस्या बनी हुई है तो बगैर देर किए चिकित्सक से परामर्श लें। इस बीच अपने आप किसी भी तरह की दवा का सेवन न करें क्योंकि इससे स्वास्थ्य अधिक खराब हो सकता है। चिकित्सक आपकी परेशानी को जांचेगा और जो समुचित जांच की आवश्यकता होगी उनको कराने के उपरांत ही वह आपका इलाज शुरू करेगा।

इसलिए आपको ध्यान रखना है कि यदि सोते समय आपका गला सूखता है तो उसके बचाव के लिए समय पर कदम उठाएं और अधिक से अधिक पानी पीते रहे।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।