अस्पताल के आईसीयू में रोगी को देखने जाने पर बरती जाने वाली सावधानियां

अस्पताल के आईसीयू में रोगी को देखने जाने पर बरती जाने वाली सावधानियां

                                                                                                                                                                डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                   

अस्पताल में भर्ती आपके किसी मरीज की हालत अगर ज्यादा खराब है तो उसे आईसीयू यानी इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा जाता है। 24 घंटे चिकित्सकों की निगरानी में रहने के बावजूद भी मरीज कई बार जल्द स्वस्थ नहीं हो पाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो आईसीयू में लगने वाला संक्रमण भी इसका एक अहम कारण हो सकता है। यह संक्रमण बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक आदि के कारण फैलता है। इससे बचने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

अगर आपके परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई करीबी आईसीयू में भर्ती है तो बार-बार उससे मिलने की कोशिश ना करें, क्योंकि बीमार होने के कारण मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और बाहरी लोगों के ज्यादा संपर्क में रहने से उसकी सेहत और अधिक खराब हो सकती है। अस्पताल प्रशासन की तरफ से अनुमति मिलने के बाद ही आईसीयू रूम में प्रवेश करें। मरीज के पास जाने से पहले अपने मुंह पर मास्क लगा ले और अपने हाथ को ढंग से साफ करें, जूते चप्पल बाहर उतार दें और अस्पताल के द्वारा दिया गया गाउन भी पहन ले।

कोशिश करें कि आईसीयू रूम में किसी भी मरीज को न छुए। क्योंकि ऐसा करने से न सिर्फ आप रोगी को संक्रमित कर सकते हैं बल्कि खुद भी किसी संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। आईसीयू रूम से बाहर निकालने के बाद सबसे पहले अपने हाथ साबुन से खूब अच्छी तरह से धो लें, हैंड सेनीटाइजर का उपयोग करें और संभव हो तो कपड़े भी बदलें। कई बार तो यह देखा गया है कि आईसीयू संक्रमण एक मरीज से दूसरे मरीज में भी फैल जाता है।

एंटीबायोटिक दावों का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल, संक्रमण के नियंत्रण और इलाज में अनदेखी अशुद्ध परिस्थितियों में रहना या मरीज को दिए जाने वाले भोजन में सफाई का ध्यान ना रख पाना आदि इसके कुछ प्रमुख कारण साबित हो सकते हैं। अतः संक्रमण से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा सावधानी बरते और जो लोग बीमार हैं, उनके ज्यादा संपर्क में आने से बचे।

                                                                   

इसके लिए यह भी सुनिश्चित करें कि आपका टीकाकरण हो चुका हो। एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग निर्धारण अनुसार और केवल आवश्यकता पड़ने पर ही करें। उपचार का कोर्स पूरा करें। भले ही आप पहले से कुछ बेहतर महसूस कर रहे हो। दूसरों के साथ एंटीबायोटिक साझा नही करना और पुरानी दवाइयां का उपयोग करने से बचें। स्थिति के खराब होने पर चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।

आईसीयू संक्रमण से बचाना है तो बेवजह मरीज को मिलने से बचें। जब अस्पताल प्रशासन से मिलने की अनुमति हो तभी अंदर जाएं और अपनी तथा रोगी की सुरक्षा का ध्यान रखें। आईसीयू रूम में रखी किसी भी चीज को न छुए, ध्यान रहे कि आपकी जरा सी लापरवाही न केवल रोगी बल्कि आपको भी संक्रमित कर सकती है। मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण वह संक्रमण एक मरीज से दूसरे मरीज में भी फैल सकता है, इसलिए चिकित्सकों द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन अवश्य करना चाहिए।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।