बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत तो नहीं

                            बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत तो नहीं

                                                                                                                                                           डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                          

लगातार अपने पैरों को हिलाने से घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या आपको परेशान कर सकती है। अक्सर यह देखा गया है कि घर या दफ्तर में कुछ लोग बैठे-बैठे पैर लिते रहते हैं और इस पैर हिलाने की आदत को रिस्टलेस लेग सिंड्रोम कहते हैं। इसके लक्षण किसी भी उम्र में विकसित हो सकते हैं, हालांकि यह सिंड्रोम 30 की उम्र के बाद अधिक आम हो जाता है। इस आदत से घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या भी आपको परेशान कर सकती है।

इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन या सुनता और नसे में लकवाग्रस्त जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। बढ़ता वनज, नींद की कमी, कम फिजिकल एक्टिविटी और नशीली चीजों का अधिक सेवन करना इस बीमारी का मुख्य कारण होता है। पैरों में झनझनाहट महसूस होना, पैरों में जलन होना और पैरों में खुजली तथा दर्द होना इसके प्रमुख कारण है। इस सिंड्रोम से बचने के लिए भरपूर नींद लें। रात में काम से कम 8 घंटे सोए और नियमित रूप से एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करें।

अपनी डाइट पर खास ध्यान दें, आयरन से भरपूर चीज जैसे पालक या चुकंदर का सेवन अधिक करें। कैफीन वाली चीज जैसे सिगरेट और शराब से दूरी बनाए रखें। चिकित्सकों की माने तो लगातार पैर हिलाने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। तमाम उपायों के बाद भी यह आदत नहीं छूट रही है तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

                                                           

लगातार पैर हिलाने का असर व्यक्ति द्वारा की जाने वाली दैनिक गतिविधियों पर भी पड़ता है। डॉक्टर आमतौर पर इसके लिए चिकित्सीय उपचार की सलाह देने से पहले आपको अपनी जीवन शैली में बदलाव करने का सुझाव देते हैं। इसलिए अपनी जीवन शैली को बदलकर पैर हिलाने की आदत से बचे रह सकते हैं।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।