वर्षा से बरबाद गेंहूँ की फसल के दानों की चमक तथा गुणवत्ता कम

                                                             वर्षा से बरबाद गेंहूँ की फसल के दानों की चमक तथा गुणवत्ता कम

                                                                                                                                                               डा0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

    दोस्तों, इस बेमौसम बरसात के साथ ही तेज हवाओं के चलते गेंहूँ की अधपकी फसल पुरी तरह से खेतों में बिछ गई, जिसके कारण आज हमारा अन्नदाता बहुत परेशान है। लम्बे समय तक खेतां में पानी भरने एवं गेंहूँ की बालियों के मिट्टी के सर्म्पक में आने से गेंहूँ के दानों की चमक कम हो रही है तथा इसकी गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।

                                                  

                                                                                              चित्रः गेंहँ की बर्बाद फसल का मंजर

    गेंहूँ की सरकारी खरीद प्रारम्भ हो चुकी है और अब सरकार के द्वारा निर्धारित गेंहूँ खरीद के नियमों में छूट दने के बाद ही किसानों को राहत मिलेगी। हालांकि गेंहूँ किसानों की दिक्कतें कम होने का नाम नही ले रही हैं।

चित्रः                                                                                                                                                                                                        

    बारिश के साथ चली तेज हवाओं ने खेतों में तैयार हो रही गेंहूँ की फसल को गिरा दिया है।

                                                                                                      

चित्रः

    मेरठ जिले में गेंहूँ की खरीद के लिए 37 क्रय केन्द्रों को शुरू किया गया है, और गेंहूँ की खरीदी के लिए सरकार ने मानकों का निर्धारण कर दिया है। हालांकि वर्षा से प्रभावित गेंहूँ की खरीदी करने के लिए अभी तक कोई विशेष निर्देश प्राप्त नही हुए हैं, जबकि शासन को इसकी रिापोर्ट प्रेषित की जा चुकी है।

पीने के पानी में लिथियम के होने से ऑटिज्म का खतरा

    एक नवीन अध्ययन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के द्वारा पीने के लिए उपयोग किए जाने वाले घरेलू नल के पानी में लिथियम के उच्च स्तर से ऑटिज्म के जोखिमों के प्रति चेतावनी दी गई है।

    शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे महिला के पैदा होने वाले बच्चे में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार के विकसित होने की सम्भावना 24 से 26 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने मानव गतिविधियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि लिथियम का उपयोग बैट्री और उसे नष्ट करने से यह नीचे जमीन में चला जाता है और भूजल के साथ मिल जाता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया लास एंजिलिस (यूसीएलए) के विज्ञानियों ने बताया कि उनके द्वारा किए गए शोध के परिणाम डेनमार्क के डेटा पर आधारित हैं और से दुनिया के अन्य स्थानों पर भी आजमाने की आवश्यकता है।

    शोध का निष्कर्ष जर्नल ऑफ अमेरकन मेडकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं की टीम ने ऑटिज्म के निदान और लिथियम के उच्च स्तर के बीच एक सम्बन्ध की खोज की है।                

कोविड-19 तथा हार्ट अटैक के आपसी सम्बन्धों पर अध्ययन

    कोविड-19 तथा हार्ट अटैक के चलते होने वाली मौतों में अचानक बढ़त होने के को ध्यान मे रखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर के द्वारा एक अध्ययन किया जा रहा है, जिसके परिणाम आगामी दो से तीन महीनों के अन्दर अपेक्षित हैं।

    केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है। इससे पहले 22 दिसम्बर 2022 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में आयोजित किए गए चिंतन शिविर में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया था कि कोविड-19 तथा हार्ट अटैक (दिल के दौरें) के बीच में कोई सम्बन्ध है अथवा नही, इस स्थिति को जानने के लिए अभी इस अध्ययन को पूर्ण होने में अभी 6 माह का समय और लगने वाला हैं।

    कोविड-19 तथा हार्ट अटैक के बीच सम्बन्ध का अध्ययन करने वाली टीम में डॉ0 निवेदिता तथा डॉ0 तनवीर कौर जैसे कई वैज्ञानिक शामिल हैं। हालांकि फरवरी माह में विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ0 सौम्या स्वामीनाथन ने का था कि यह तो एकदम सही है कि कोविड-19 से संक्रमित हो जाने के बाद दिल के दौरे, मधुमेह तथा स्ट्रॉक आदि का खतरा काफी बढ़ जाता है।