औषधीय बेल अपराजिता

                                 औषधीय बेल अपराजिता

                                                                                                                                 डॉ0 सुशील कुमार शर्मा एवं मुकेश शर्मा

                                                                    

एक बहुत ही आम एवं बारमासी बेल जिसे हम अपराजिता के नाम से जानते हैं जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होती है। इस आयुर्वेदिक जड़ी-बुटी का वैज्ञानिक नाम क्लिटोरिया टर्नेटे (Clitoria ternatea) है। इस पौध को हिंदी में कॉयाला (Koyal), अंग्रेजी में बटरफ्लाई पिया (Butterfly) और संस्कृत में गिरिकनिका (Girikarnika) के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीनकाल में लोग इसे अपने घरों में लगाते थे, उनका मानना था कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है।

यह एक औषधीय गुणों वाली जड़ीबूटी है जो कि आम घरेलू पौधों की तरह घरों में उगाई जाती है। अपराजिता पौधे को बहुत ही कम देखभाल की आवश्यकता होती है और इसका प्रत्येक भाग औषधीय उपयोग में लाया जाता है, उपयोग में लाया जाता है। विशेषरूप से इस पौधे की जड़ जो कि ल्यूकोडर्मा (सफेद दाग) के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। अपराजिता के अन्य लाभ विषहर के रूप में भी उपयोग के लिए जाने जाते हैं।

क्लिटोरिया प्लांट या अपराजिता जिसे हम जड़ी-बूटी के रूप में भी जानते हैं यह पौधा एक बेल के रूप में अन्य पेड़ पौधों की सहायता से बढ़ता है। यह घरों की साज सजावट करने वाले पौधों में भी अपना एक विशेष स्थान रखता है इसके पत्ते हरे और चमकीले होते हैं, जबकि इसके फूल नीले या सफेद रंग के होते हैं। अपराजिता पौधे के सभी हिस्सों का उपयोग बाहरी और आंतरिक समस्याओं के उपचार के लिए औषधीय रूप में किया जाता है।

अपराजिता के पोषक तत्व

                                                                  

ब्लू बटरफ्लाई में पोषक तत्व बहुत अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो इसे हमारे लिए बहुत ही उपयोगी बनाते हैं। अपराजिता के फूलों में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जस्ता, आयरन और मैंगनीज समृद्व मात्रा में होते हैं और इसीके साथ ही यह पोडियम में भी समृद्ध होते हैं। इस पौधे में बहुत से विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं जो हमें बहुत से स्वास्थ्य लाभ दिलाने में मदद करते हैं।

अपराजिता के लाभ

                                                                  

आयुर्वेद के पंचकर्म उपचार में अपराजिता का प्रयोग आमतौर पर किया जाता है। यह उपचार शरीर में दोषों को दूर करने में मदद करते हैं। अपराजिता के फायदे शरीर के अतिरिक और बाहरी डिटीबिसफिककेशन (Detofication) के लिए, बहुत ही प्रभावी होते हैं। यह तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत ही लाभदायक होता है जिसके कारण वात विकारों का उपचार करने में मदद मिलती है। तो अब हम अपराजिता के लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि शयद आपने अब तक आपने नहीं सुने होंगे।

आँखों की रोशनी को बढ़ाने में

प्रोथोस्यनिडिन नामक एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा अपराजिता में विद्यमान होती है जो हमारी आँखों की कोशिकाओं में होने वाले रक्तप्रवाह को बढ़ाती है जो कि ग्लूकोमा, धुंधली दृष्टि, रेटिना की क्षति या आँखों की थकान को दूर करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यदि आपकी आँखों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या हो तो आप अपराजिता का उपयोग कर सकते हैं।

पाचन तंत्र के लिए अपराजिता की बेल

अपराजिता बेल की औषधीय पत्तियों का उपयोग पित्त को शुद्ध करने के लिए किया जाता है जो अपराजिता के लाभों को अधिक बढ़ाते हैं। इस पौधे के पत्तों द्वारा पेट दर्द का उपचार भी किया जा सकता है जो कि आपके पाचन तंत्र से संबंधित हो सकता है। यह पेट या इसी तरह के अन्य दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।

उल्टी को रोकने में

                                                                

अपराजिता के पौधे से निकाले जाने वाले अर्क का उपयोग उबकाई को रोकने के लिए किया जाता है। अपराजिता के फायदे रोगाणु रोधी विशेषरूप से पेचिश से संबंधित समस्याओं को रोकने में मदद करते हैं। इस पौधे के रस में एक हल्का रेचक (पेट को साफ करने वाला) गुण होता है। अपराजिता का उपयोग गैस्ट्रिटिस, दस्त और गुदा रक्तस्राव के इलाज में भी किया जाता है।

अपराजिता का फूल महिलाओं के लिए फायदेमंद

महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के लिए अपराजिता के फायदों के बारे में पता होना चाहिए यह उनके लिए एक विशेष प्रकार की दवा का काम करती है जो उन्हें अनियमित अवधि (Irregular Period) के मुद्दों से निपटने में मदद करते हैं। इसके अलावा अपराजिता के फूल महिलाओं में प्रजनन (Reproductive) संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक होते हैं।

मधुमेह में अपराजिता के लाभ

डायबिटीज के रोगियों के लिए अपराजिता के फायदे आश्चर्यजनक हैं क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। भोजन के बाद इसके फूलों की चाय का सेवन करने से यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करती है और इसके साथ ही यह आपके शरीर में शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में भी सहायक होती है।

नर्वस सिस्टम के लिए

मानव शरीर के अच्छे चयापचय के लिए तंत्रिका तंत्र की एक प्रमुख भूमिका होती है। अपराजिता में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो तंत्रिका तंत्र के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। दूसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि अपराजिता के फायदे मस्तिष्क को स्वास्थ्य और मस्तिष्क तेज बनाने में भी मदद करते हैं।

बालों को झड़ने से रोकें

प्राचीन समय से ही अपराजिता जड़ी-बूटी का उपयोग पुरुषों के गंजेपन और उनके बालों के गिरने की समस्या के उपचार के लिए किया जा रहा है। अपराजिता में एक (Anthocyanin) होता है। जो सिर और बालों को पोषण उपलब्ध कराने के साथ ही साथ उन्हें गिरने से बचाए रखता है।

अवसाद कम करने के लिए

    क्लिटोरिया टर्नेट में चिंता और अवसाद के लक्षण कम करने के गुण मौजूद होते हैं। अपराजिता का उपयोग तनाव को कम करने और मानव मस्तिष्क का स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए किया जाता है।

दिल के स्वास्थ्य के लिए

                                                                        

दिल के स्वास्थ्य के लिए अपराजिता का उपयोग करना बहुत ही लाभकारी सिद्व होता है। एक अध्ययन के अनुसार अपराजिता ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती है। अपराजिता के बीज और जड़ दोनों में ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने की क्षमता होती है और अपराजिता की जड़ों को कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए लिए, जाना जाता है। इस कारण अपराजिता के फायदे कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

बुखार को कम करने के लिए अपराजिता

शरीर के बढ़े हुए तापमान को कम करने के लिए, अपराजिता का उपयोग बहुत ही प्रभावी होता है। यह त्वचा के नीचे रक्तवाहिकाओं का विकास करके बुखार को कम करने में मदद करती है।

अस्थमा के लिए

                                                                         

विभिन्न अध्ययनों के अनुसार अपराजिता अस्थमा के उपचार में भी लाभकारी होती है। अपराजिता में इथेनॉलिक (Ethanolic) गुण होते हैं। जो कि व्यक्ति पर एंटी अस्थमेटिक (Anti-asthmatic) प्रभाव डालते है यदि आपको ऐसा लगता है कि आपमें अस्थमा के लक्षण विद्यमान हैं तो इसके लिए आप अपराजिता का उपयोग कर सकते हैं।

अपराजिता के अन्य लाभ

अपराजिता में उपस्थित साइक्लोटाइड (Cyclotides) कोशिका झिल्ली को टूटने से रोकता है और कैंसर कोशिकाओं के विकास कम कर कैंसर जीवाणुओं को नष्ट करने में भी मदद करता है।

अपराजिता के एंटी-एचआईवी प्रभाव

                                                               

एंटी-एचआईवी प्रभाव (Anti HIV Effects) गुणों का अध्ययन करने पर पता चलता है कि अपराजिता में उपस्थित साइक्लोटाइड ऐसा गुण बहुत ही कम जड़ीबूटियों में पाया जाता है। यह गुण एचआईवी रोधी होता है। जिन लोगों को एचआईवी की संभावना होती है उनके अपराजिता बहुत ही लाभदायक रहता है।

अपराजिता की एंटी-इन्फ्लामेट्री प्रकृति

गहरे नीले अपराजिता के फूलों में फ्लेवो (Flavonoids) होते हैं जो लगभग सभी सब्जियों और फल जाते हैं, फ्लेवोनॉयड्स शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो एंटी-इन्फ्लामेट्री और यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) से जुड़े लाभ होते हैं।

गर्भावस्था के लिए

                                                                     

नीले फूलों वाला यह औषधीय पौधा बहुत ही चमत्कारी प्रभाव वाला होता है। इसके फूलों की संरचना मादा जननांग की तरह ही दिखाई देती है। अतः इन फूलों को गर्भधारण में मदद करने के लिए भी जाना जाता है। इसे कैमोमाइल और ग्रीन-टी की तरह ही उपयोग किया जाता है, जो गर्भावस्था के दौरान एक स्वस्थ और अच्छा विकल्प प्रदान करता है।

लेखक: डॉ0 सुशील कुमार शर्मा, पिछले 30 वर्षों से कंकर खेड़ा में एक आयुर्वेदाचार्य के रूप में प्रैक्टिस कर रहें हैं।