किसानों की आय बढ़ाने वाला बजट

                           किसानों की आय बढ़ाने वाला बजट

                                                                                                                                                                    डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                  

आज मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का अन्तिम बजट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा पेश किया गया। इस बजट में विभिन्न प्रकार की घोषणाएं की गईं, पेश किए गए इस बजट में सभी का ध्यान रखते हुए सभी कारे साधने की कोशिश की गई है। प्रस्तुत बजट में कृषि क्षेत्र पर भी भरपूर फोकस किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि डेयरी किसानों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा।

वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा मिल्क प्रोड्यूसर देश है. लेकिन यहां दुधारू पशु की उत्पादकता अच्छी नहीं है। उन्होंने कहा कि डेयरी किसानों की सहायता के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही खुरपका रोग को नियंत्रित करने के प्रयास पहले से ही किए जा रहे हैं। वित्त मंत्री ने आगे कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है लेकिन देश में दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादकता अन्य विकसित देशों के मुकाबले बहुत कम है। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशुधन मिशन और डेयरी प्रसंस्करण एवं पशुपालन के लिए अवसंरचना विकास निधि जैसी मौजूदा योजनाओं की सफलताओं पर ही आधारित होगा।

सीफूड का निर्यात दोगुना

                                                                  

इसके अलावा वित्त मंत्री ने मत्स्य संपदा को लेकर कहा कि यह हमारी सरकार ही थी जिसने मछुआरों की सहायता करने के महत्व को समझा और अलग मत्स्यपालन विभाग की स्थापना की। जिसके बाद से इनलैंड और जल कृषि उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है। साल 2013-14 से सीफूड का निर्यात भी दोगुना हो गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यान्वयन को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाएगा।

11.8 करोड़ किसानों को मदद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि नैनो यूरिया को सफलतापूर्वक अपनाए जाने के बाद सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी का प्रयोग भी किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 11.8 करोड़ किसानों को सरकारी मदद दी गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम के माध्यम से करोड़ों किसानों को रकम सीधी ट्रांसफर की जा रही है। पीएम किसान योजना का देशभर के अन्नदाता लाभ पा रहा हैं। साथ ही पीएम फसल योजना का लाभ चार करोड़ किसानों को दिया जा रहा है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 2000 करोड रुपए कृषि बजट में बढ़ाए गए हैं इससे एग्रीकल्चर सेक्टर को 1.27 लाख करोड रुपए दिए गए हैं। यह पिछले साल के मुकाबले केवल दो प्रतिशत यानी 2000 करोड रुपए अधिक है। सरकार ने पिछले साल एग्रीकल्चर बजट के लिए 1.25 लाख करोड रुपए दिए थे।

इस बार के बजट में सरकार द्वारा फसल कटाई के बाद पब्लिक और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को भी प्रमोट किया जाएगा। सभी एग्री क्लाइमेटिक जोन में सरकार नैनो डीएपी के उपयोग का विस्तार करेगी। इसके साथ ही ऑयल सीड्स अर्थात तिलहन में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर ऑयल सीड्स अभियान के तहत नियम बनाए जाएंगे और साथ ही डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा। इसके अलावा एक्वाकल्चर प्रोडक्टिविटी बढ़ाने इंपोर्ट दुगना करने और ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के इंप्लीमेंटेशन को बढ़ाया जाएगा और इसके अलावा पांच इंटीग्रेटेड एक्वा पार्क बनाए जाएंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ सकेगी।

                                                                            

सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को देखकर कहा जा सकता है कि यह बजट किसानों के लिए लाभकारी ही रहेगा और किसान के लिए जो कदम सरकार द्वारा उठाए जा रहे हैं, उनका अनुपालन करके और अपने खेतों पर उनका समावेश करके अपनी आय को बढ़ा सकेंगे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।