पढ़ने के साथ-साथ उसको याद रखने की आदत को बढ़ाना भी बहुत जरूरी

                                      अच्छी याददाश्त रखना प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अच्छा

    पढ़ने के साथ-साथ उसको याद रखने की आदत को बढ़ाना भी बहुत जरूरी

                                                                                                                                                          डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 रेशु

भले ही आप परीक्षा की कितनी भी अच्छी तैयारी कर ले लेकिन कई बार ऐसा देखा गया है कि प्रश्न पत्र के हाथ में आते ही उसका उत्तर याद नहीं आता और परेशानी बढ़ जाती है। आखिर हमारे साथ ऐसा होता ही क्यों है कि बचपन की घटनाओं और 10 वर्ष पहले देखी गई जगह या सुने गए गीतों को हम कभी नहीं भूलते हैं। अच्छी याददाश्त पढ़ाई प्रतियोगी परीक्षा और करियर में सफलता के साथ-साथ दैनिक जीवन के लिए भी बेहद जरूरी होती है। याददाश्त की प्रतिक्रिया में केवल सचेत रूप से समझी गई जानकारी ही मस्तिष्क के द्वारा संग्रहित की जाती है और यह एकत्रित जानकारी किसी भी समय पुनः प्राप्त की जा सकती है। ऐसे ही कुछ यादें अल्पकालिक होती हैं जबकि लंबे समय तक संरक्षित रहने वाली यादें जीवन भर ही बनी रहती हैं।

कल सुबह 10:00 बजे तक परीक्षा केंद्र पर पहुंचना है, यह एक अल्पकालीन स्मृति है लेकिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे यह दीर्घकालिक स्मृति है। याददाश्त बढ़ाने के लिए आप भी निम्न उपायों को अपना सकते हैं और यदि आप ध्यान पूर्वक इन नियमों को अपनाएंगे तो आपकी याददाश्त निश्चित् रूप से बढ़े सकेगी।

पढ़ते समय ध्यान पूर्वक पढ़ें

                                                                    

किसी भी जानकारी को याद रखने के लिए उसे गहराई से समझना बहुत जरूरी है। एकाग्रता के साथ जोर से पढ़ना एक सबसे प्रभावी स्मृति रणनीतियों में से एक है और एक बार पढ़ने के बाद किताब को बंद करें और जानकारी को अपने शब्दों में म नही मन दोहराएं। इससे आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि आपकी याददाश्त में जानकारी सही है या नहीं और यदि नहीं है तो अधिक एकाग्रता के साथ दोबारा से दोहराया जाना चाहिए और उसको दोबारा पढ़ने की कोशिश करें। हालांकि पढ़ने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है लेकिन हमारा मस्तिक सुबह के शांत वातावरण में अधिक जानकारी को अवशोषित और संग्रहित करता है। इसलिए कोशिश करें कि प्रात उठकर शांतिपूर्वक कुछ घंटे लगातार पढ़े तो निश्चित रूप से आपकी याद करने की आदत बढ़ेगी और आप अपनी परीक्षाओं में आसानी से सफल हो सकेंगे।

याद करने के लिए किसी भी चीज की एक कहानी बनाएं

                                                               

यदि आपको चीजों घटनाओं की एक लंबी सूची याद रखने की जरूरत है तो आप इनकी एक कहानी सी बनाएं। इस कहानी में इन्हें शामिल करें जैसे 1949 में जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में 400 लोगों का नरसंहार किया। उदाहरण के लिए काबुलीवाला जो 19 अंजीर और 19 अंगूर बेचने वाला था, उस रास्ते में एक घटना हो गई कि जब वह उठना ही वाला था तो 400 गोलियां चली। इस प्रकार की कल्पना से किसी कठिन तिथि, घटना और व्यक्ति आदि का नाम स्वाभाविक रूप से लंबे समय तक याद रखा जा सकता है।

दोहराने की आदत डालें

यदि जानकारी का नियमित रूप से उपयोग नहीं किया जाता है तो उसे पुनः प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। उदाहरण के लिए 10 साल पहले का आपका पुराना फोन नंबर आदि। इस प्रकार तनाव, अवसाद और उदासी भी इसी रूप से आपकी याददाश्त को खराब कर सकती है। अतः किसी भी बात का दोहराव आपके मस्तिष्क में जानकारी संग्रहित करने में आपकी बहुत मदद करता है।

थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ें

जल्दी-जल्दी पढ़ कर समाप्त न करें, अपितु नियमित टुकड़ों में अध्ययन करने से जानकारी को आपकी दीर्घकालीन स्मृति में स्थाई रूप से संग्रहित किया जा सकता है।

मानसिक व्यायाम को भी आवश्यक रूप से दे प्राथमिकता

                                                                        

हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से अपना काम करने के लिए पर्याप्त आराम और नींद की बहुत आवश्यकता होती है, अतः इसके लिए आपको भरपूर नींद भी लेनी चाहिए। पहेलियां, सुडोकू और शतरंज के खेल जैसे मानसिक व्यायाम आपकी याददाश्त बढ़ाने के लिए अच्छे होते हैं। अतः आप कोशिश यह करें की मानसिक व्यायाम करते रहें, जिससे आपकी याददाश्त में बढ़ोतरी होगी और साथ ही साथ दैनिक जीवन के लिए भी यह बेहद जरूरी है कि आप अपनी याददाश्त को मजबूत बनाए रखें। क्योंकि यदि आपकी याददाश्त मजबूत होगी तो निश्चित रूप से आप अपने करियर में काफी आगे जा सकेंगे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।