नैटिकेट्सः नेट के शिष्टाचार

                                  नैटिकेट्सः नेट के शिष्टाचार

                                                                                                                                                          डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

    ‘‘नैटिकेट्स’’ शब्द नेट और एटिकेट्स से मिलकर बना है, जिसका अर्थ ऑनलाईन बिहेवियरल नियमों का पालन करने से है। जिस प्रकार से रियल लाईफ में एटिकेट्स का पालन करना आवश्यक होता है ठीक उसी प्रकार नेटिकेट्स अर्थात ऑनलाईन शिष्टाचार का पालन करना भी अनिवार्य होता है और यदि आप इन नियमों का पालन नही करते हैं तो किसी परेशानी में भी पड़ सकते हैं। अतः इन नियमों का पालन कर आप ऑनलाईन समय अच्छी प्रकार से एन्जॉय कर सकते हैं।

                                                                          

    हाल ही में जारी की गई एक डिजिटल रिर्पोट के अनुसार, हम लोग 6 घण्टे और 42 मिनट प्रतिदिन औसतन अपना समय ऑनलाईन ही व्यतीत करते हैं। इसके लिए हम अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप पर चैटिंग्स, गेम्स, फोटो लेने तथा उन्हें शेयर करने के अलावा अन्य बहुत सी क्रियाविधियों में व्यस्त रहते हैं। इतने समय तक ऑनलाईन रहने से हमारा ऑनलाईन बातों में व्यस्त रहना स्वाभाविक ही होता है।

यदि आप सोचते हैं कि इंटरनेट पर कुछ भी लिखने अथवा करने से आपकी इमेज पर कोई खास फर्क नही पड़ता है तो ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि वह इनके बारे में जरूर जानें। ऐसे में यह भी हो सकता है कि हममें से बहुत से लोग नेटिकेट्स के बारे में जानकारी नही रखते हों और वह नेट पर विभिन्न प्रकार की गलतियाँ कर रहें हों, तो ऐसे ही लोगों के लिए आवश्यक हैं यहाँ दिए गए टिप्स का पालन करें-

                                                            

1. जब आप अनलाइन बात कर रहे हो तो अपनी भाषा का विशेष ध्यान रखें, यह न सोचे कि आप की कोई देख नहीं रहा है तो आप कैसी भी भाषा का प्रयोग कर सकते हैं।

2. अपनी बात को लम्बा न खींचेंः इसका मतलब यह है कि जरूरी बातें ही करें। बेकार की लम्बी बोरिंग बातचीत करने से बचे।

3. ईमेल, चैट, टैक्स्ट या सोशल मीडिया पोस्ट के कमेंट्स हों, तो सैंड बटन को प्रेस करने से पहले एक बार इन मैसेज में हर चीज को अच्छी तरह से पढ़ लें।

4. टाइप करते हुए कैपिटल लैटर्स का यूज न करें. क्योंकि ऐसा करने से चिल्लाने की फीलिंग आती है, जैसे आप को अगर कोई नंबर लिखना है तो आप उसे कैपिटल लेटर्स में न लिखें, इस से जोर से बोलने वाली फीलिंग आती है और वह इन्सल्टिंग भी लगता है। आप किसी पर नैट पर चिल्लाएं या रियल लाइफ में सामने बैठ कर, यह सामने वाले को अच्छा नहीं लगता है।

5. ईमेल भेजते समय आप इसकी सब्जैक्ट लाइन अच्छी तरह से चैक कर लें। यह काम से संबंधित मेल्स के लिए तो बहुत ही जरूरी है, क्योंकि अगर आप सब्जेक्ट लाइन में हाय या फिर ऐसा हीर कुछ लिखते हैं तो हो सकता है इस मेंल को अर्जेंट न समझा जाए और इसे बाद में देखने के लिए छोड़ दिया जाए।

6. ध्यान रखें कि न तो किसी के प्राइवेट फोटो और बातचीत आदि को किसी अन्य के साथ शेयर करें और न ही किसी प्राइवेट पोस्ट को। इससे किसी के साथ आप के रिश्ते खराब भी हो सकते हैं।

7. ऑनलाइन दुनिया में स्पीड का विशेष ध्यान रखें. ईमेल्स और मैसेज का जवाब टाइम से दें, भले ही इसका टॉपिक अर्जेंट न हो, पर एक सप्ताह के अंदर इसका जवाब जरूर दे दें और इसे इग्नोर न करें।

8. किसी को लगातार मेल्स न भेजें. किसी से अपने मेल्स पढ़वाने के लिए जवरदस्ती भी न करें. क्योंकि यह अशिष्टता की श्रेणी में आता है।

9. शेयरिंग अवश्य करें परन्तु अपनी पर्सनल लाइफ की प्रत्येक छोटी बात को शेयर करने से बचें।

10. गौसिप बिलकुल न करें, जिन बातों पर आपको पूरी तरह विश्वास न हो कि वे सत्य हैं, ऐसी बातों की कहानियां न सुनाएं और कई बार अगर कोई सच बात आप को पता भी हो तो यह कतई जरूरी नहीं होता कि आप उसे शेयर करें ही।

11. चाहे आपको कितनी भी जरूरत क्यों न हो परन्तु आप कभी भी वैब से फोटो न चुराएं, क्योंकि हो सकता है इन फोटोज का कॉपीराइट हो और किसी ने इस पर बहुत मेहनत करने के साथ ही टाइम भी स्पेन्ड किया हो. अतः इनकी परमिशन लें और उन्हें क्रेडिट भी दें। कमेंट्स छोटे रखें, ऑनलाइन डिस्कशन के समय अपनी बात साफसाफ रखते हुए पोस्ट करें।

12. किसी भी व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट ऐक्सैप्ट करने से पहले अच्छी तरह सोच लें। क्योंकि एक बार फ्रेंड लिस्ट में ऐड करने के बाद उसे अनफ्रैंड करना इन्सल्टिंग होता है।

13.  जब तक किसी के साथ आपका रिश्ता बहुत अधिक खराब न हो जाए, तब तक किसी को अनफ्रेंड न करें।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।