इस बार बजट में ग्रामीण विकास पर रहेगा जोर और सौर ऊर्जा को दिया जाएगा प्रोत्साहन

इस बार बजट में ग्रामीण विकास पर रहेगा जोर और सौर ऊर्जा को दिया जाएगा प्रोत्साहन

                                                                                                                               Dr. R. S. Sengar and Dr. Reshu Chaudhary

                                                                   

वर्ष 2024 के बजट आम चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में सरकार ग्रामीण विकास पर जोर दे सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कमजोर मानसून और कमजोर रवि के मौसम की बुवाई से उत्पन्न चुनौतियों को हल करने की प्राथमिकता में होगी। इसके साथ ही मनरेगा, पीएम किसान और पीएम ए ए जैसी योजनाओं पर खर्च बढ़ाकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संकट में सरकार सौर ऊर्जा लगाने वाले घरों के लिए प्रोत्साहन की भी घोषणा कर सकती है। इसमें सब्सिडी भी घोषित किया जा सकता है। इससे सरकार इसका खर्च बढ़ाकर 11.5 से 12 लाख करोड रुपए तक कर सकती है।

बचत को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर कानून की धारा 80सी का दायरा बढ़ाया जा सकता है। सरकार ने पूंजीगत खर्च में वृद्धि की योजना भी बनाई है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए यह खर्च डेढ़ से 2 लाख करोड रुपए तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस आंतरिक बजट से किसी बड़े कर परिवर्तन की कोई उम्मीद नहीं है। सरकार खपत वृद्धि को बनाए रखने के लिए स्टैंडर्ड डिटेक्शन बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है। नई कर व्यवस्था में कर दाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन की घोषणा भी की जा सकती है।

बजट में सब्सिडी को बनाया जा सकता है तर्क संगत

                                                                      

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में सब्सिडी में अनुमान से अधिक उछाल के बाद 2024 और 25 में इन्हें तर्कसंगत बनाया जा सकता है। 2023 और 24 में सरकार ने प्रमुख सब्सिडी खाद, उर्वरक और पेट्रोलियम के लिए 3.7 लाख करोड रुपए का बजट जारी किया था। अगले 5 वर्षों के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को बढ़ाने के लिए वर्ष 2023 और 24 में खाद्य सब्सिडी बिल 35 से 40000 करोड रुपए तक बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि अन्न सब्सिडी में कटौती की उम्मीद नहीं है। इससे वित्त वर्ष 2023-24 में कुल सब्सिडी का बोझ 4 से 4.2 लाख करोड रुपए हो जाएगा। हालांकि, अगले वित्तीय वर्ष में यह बोझ घटकर 3.9 से 4 लाख करोड रुपए होने की उम्मीद है।

पीएम किसान सम्मान निधि भी बढ़ायी जा सकती है

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, पीएम किसान योजना के अन्तर्गत चालू वित्तीय वर्ष के अनुमनित 60,000 करोड रुपए के बजट को वर्ष 2024-25 में बढ़ाकर 70,000 से 75,000 करोड रुपए तक किया जा सकता है। मनरेगा के वर्तमान अनुमानित 60,000 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 80,000 से 85,000 करोड रुपए किया जा सकता है। ग्रामीण और शहरी हिसाब पर हाउसिंग के तहत प्रावधानों को 80,000 करोड रुपए से बढ़कर एक लाख करोड रुपए तक किया जा सकता है।

राजकोषीय घाटा का लक्ष्य 5.2 फ़ीसदी

रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत निरंतरता को बनाए रखने और राजकोषीय समेकन पर भी फोकस किया जा सकता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 फ़ीसदी रखा जा सकता है। हालांकि, अनुमान से कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि और उच्च खर्च का एक संभावित जोखिम भी बना रहेगा। अगले वित्तीय वर्ष में बजट में घाटे का लक्ष्य 5.4 से 5.5 फ़ीसदी के बीच रखा जा सकता है। जबकि इस बजट में कुछ तैयार उत्पादों पर सीमा शुल्क का पुनरमूल्यांकन भी किया जा सकता है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।