बरेली मंडल में खुलेंगी तीन नई चीनी मिलें

                      बरेली मंडल में खुलेंगी तीन नई चीनी मिलें

                                                                                                                                                                       डॉ0 आर. एस. सेगर, डॉ0 कृषाणु

                                                             

साल 2024 गन्ना किसानों के लिए काफी अच्छा रहने वाला है। अब गन्ना किसानों को गन्ना बेचने में दिक्कत नहीं आएगी। मंडल में इस साल तीन नई चीनी मिलें स्थापित होने जा रहीं हैं। इनमें बरेली में दो और शाहजहांपुर में एक मिल लगेगी और यह तीनों चीनी मिलें ही प्राइवेट हैं। एक चीनी मिल को भारत सरकार से लाइसेंस मिल चुका है, जबकि दो चीनी मिलों की फाइल भारत सरकार के पास है। जल्द ही इनको भी लाइसेंस मिलने की बात कही जा रही है। यह जो मिलें लगेंगी, उनमें डालमिया ग्रुप, आंवला के इस्माइलपुर गांव में चीनी मिल लगाएगा। इसको भारत सरकार की तरफ से लाइसेंस भी मिल चुका है। यहां आसपास कोई चीनी मिल नहीं है। यहां चीनी मिल खुलने से बदायूं से भी गन्ना आ सकेगा। इस चीनी मिल की क्षमता प्रतिदिन एक लाख क्विंटल गन्ना पेरने की होगी।

वहीं खुटार के हितौता गांव में टिकोला शुगर मिल लगेगी। यह भी रोजाना एक लाख क्विंटल गन्ना पेरेगी। जबकि बहेड़ी के बहादुरपुर में लगने वाली त्रिवटीनाथ खांडसारी चीनी मिल की शुरुआती क्षमता प्रतिदिन 25 हजार क्विंटल गन्ना पेरने की होगी, जिसे बाद में बढ़ाकर 50 हजार क्विंटल प्रतिदिन किया जाएगा। इस मिल के लिए जमीन मिल गई है। सामान के लिए आर्डर भी कर दिया गया है। पीलीभीत के किसान भी इस चीनी मिल से जुड़ सकेंगे।

यहां लगेंगी चीनी मिल

                                                        

बरेली जिले में आंवला के इस्माइलपुर गांव में, बरेली जिले में बहेड़ी के बहादुरपुर गांव में और शाहजहांपुर जिले में खुटार हितौता गांव में।

1500 करोड़ का होगा निवेश

राज्यमंत्री संजय गंगवार ने बताया कि एक चीनी मिल में करीब 400 से 500 करोड़ रुपयों का निवेश होता है। इसमें जमीन खरीदना, प्लांट लगाने में ही 200 से 300 करोड़ रुपये खर्च हो जाते हैं। तीनों चीनी मिले निजी क्षेत्र की हैं। इनमें एक डालमिया ग्रुप लगा रहा है। इस तरह तीन चीनी मिलें लगने से मंडल में तकरीबन 1500 करोड़ का निवेश होगा। मंडल में इतना बड़ा निवेश होने से यहां के लोगों के लिए रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे।

100 एकड़ जमीन चाहिए एक चीनी मिल को

                                                             

उप गन्ना आयुक्त राजीव राय ने बताया कि एक चीनी मिल के लिए कम से कम 100 एकड़ जमीन चाहिए। बहेड़ी में बहादुरपुर में लगने वाली चीनी मिल के लिए जमीन मिल गई है। जबकि आंवला में 50 एकड़ जमीन ही मिल सकी है। फिलहाल 50 एकड़ जमीन और खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। इसी तरह खुटार में हितौता गांव में भी जमीन खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

गन्ना राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार ने बताया कि मंडल के यह बढ़ी उपलब्धि है। ऐसा पहली बार हो जा रहा है कि जब एक ही साल में एक ही मंडल में एक साथ तीन चीनी मिलें लगने जा रहीं हैं। तीन चीनी मिलों में से आंवला की चीनी मिल को लाइसेंस प्राप्व्त हो गया है। जबकि शेष दोनों मिलों के लाइसेंस की प्रक्रिया जल्द ही पूर्ण हो जाएगी। राज्य सरकार से इसका प्रस्ताव पास कर भेजा जा चुका है। तीन चीनी मिलें लगने से करीब दो हजार लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। जबकि एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। गन्ने की छिलाई, ढुलाई, केमिकल सप्लाई आदि तमाम कामों से भी लोगों को रोजगार मिलेगा और किसानों को फायदा होगा। मंत्री ने बताया कि 2025 तक चीनी मिलें चालू हो जाएंगी।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।