गेंहू फसल में खरपतवार

                          गेंहू फसल में खरपतवार नियंत्रण

                                                                                                                                                डॉ0 आर. एस. सेंगर, रेशु चौधरी एवं मुकेश शर्मा

गेंहूँ की फसल में समय-समय पर विभिन्न प्रकार के खरपतवारों अर्थात कुछ अवांछनीय पौधों का प्रकोप हो जाता है। इस प्रकार के खरपतवारों की रोकथाम करना भी जरूरी होता है अन्यथा गेहूँ की पैदावार में काफी कमी आ जाती है। अतः किसान भईयों से अपील है कि अपने खेतों में उगन आने वाले इन खरपतवारों का पता करने के लिए खेतों का थोड़े-थोड़े समय पर निरीक्षण करते रहें और जैसे ही खरपतवार का प्रकोप दिखाई दे तो उसका उपचार निम्न तालिका में दिए गए उपचार के अनुसार अपनी फसल का बचाव करें-

                                                                              

तालिका: गेहूं की नसल में प्रयुक्त खरपतवारनाशियों के प्रयोग की मात्रा एवं छिड़काव का समय

            खरपतवारनाशी

               प्रयोग का समय        

                मात्रा

         (मि.ली. या ग्रा. प्रति एकड़)

                                                          चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए

2,4-डी

बुवाई के 30-35 दिन बाद

250 – 500

एलग्रिप (मैटसल्फ्यूरोन)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

8

एफीनीटी**** (कारफैट्राजोन)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

20

ऐली एक्सप्रेस/लेनफिडा  (कारफैट्राजोन टसल्फ्यूरोन का तैयार मिश्रण)

 

बुवाई के 30-35 दिन बाद

20

                                                              संकरी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए

आइसोप्रोटयूरोन*

बुवाई के 30-35 दिन बाद

500

टोपीक व अन्य*

बुवाई के 30-35 दिन बाद

160

प्यूमा पॉवर*

बुवाई के 30-35 दिन बाद

400

एक्सियल

बुवाई के 30-35 दिन बाद

400

लीडर, सफल व एस.एफ.- 10’’

बुवाई के 30-35 दिन बाद

13.5

                                                    दोनों प्रकार की खरपतवारों के लिए

एटलांटिस**

बुवाई के 30-35 दिन बाद

160

टोटल** (सल्फोसल्फुरोन + मैटसल्फ्यूरोन का तैयार मिश्रण)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

16

अकोर्ड प्लस**   

बुवाई के 30-35 दिन बाद

500

वेस्ता (क्लोडीनाफोप +

मैटसल्फ्यूरोन     का तैयर मिश्रण)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

160

ए सी एम 9 (क्लोडीनाफोप + मैट्रीब्यूजिन का तैयार मिश्रण)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

240

शगुन (क्लोडीनाफोप +

मैट्रीब्यूजिन का तैयार मिश्रण)

बुवाई के 30-35 दिन बाद

200

एक्सियल + एलग्रिप

बुवाई के 30-35 दिन बाद

400 + 8

एक्सियल + एफीनीटी****

बुवाई के 30-35 दिन बाद

400 + 20

एक्सियल + 2, 4-डी

बुवाई के 30-35 दिन बाद

400 + 500

आइसोप्रोटपुरान + 2, 4-डी

बुवाई के 30-35 दिन बाद

500 + 500

स्टॉम्प

बुवाई के तुरन्त बाद

2000

अवकीरा (पेरोक्सासुल्फोन 85 प्रतिशत)

बुवाई के तुरन्त बाद

60

अवकीरा (पैरोक्सासुल्फोन 85 प्रतिशत)

बुवाई के तुरन्त बाद

60

                   

* जहां कनकी में रोधकता आ चुकी है, यहां इन खरपतवारनाशियों का प्रयोग न करें।

** इन खरपतवारनाशियों के छिड़काव के 150 दिन तक गेहूं के बाद ज्वार, मक्का, बाजरा वाली फसलें की बुवाई न करें।

*** गेहूं की कुछ किस्मे अकोर्ड प्लस के प्रति संवेदनशील होती है और गेहूं को कुछ नुकसान पहुंचा सकती हैं। यद्यपि छिड़काव के 1 महीने बाद यह नुकसान कम भी हो जाता है। लेकिन सावधानी अवश्य बरतें।

**** एफीनीटी से गेहूं व जौ के पत्तों पर गोल धब्बे बन जाते हैं, लेकिन 3-4 सप्ताह ही यह कम हो जाते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।