मस्तिष्कीय न्यूरॉन्स

                                   मस्तिष्कीय न्यूरॉन्स

                                                                      

जरा इस बारे में विचार कीजिए कि आपके दिमाग में जो भी कुछ चल रहा है, उसे कोई रियल टाइम में कॉपी करते हुए किसी दूसरी डिवाइस में स्टोर कर ले। जैसा आप सोचें वैसा ही रोबोट भी सोचने लगे। अपराधियों के शातिर दिमाग के सिग्नल कॉपी करते हुए उन्हें भी पढ़ा जा सके।

यह सब पढ़ने में भले ही मायावी लग रहा हो, लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर दुनियाभर में दिन-रात हो रहे शोधकार्यों के बीच चौधरी चरण सिंह विवि में भौतिक विभाग का रिसर्च पेपर क्रांतिकारी भूमिका निभा सकता है। यह पेपर विश्व के प्रतिष्ठित जर्नल मैटेरियल्स टुडे में प्रकाशित किया गया है। इस जर्नल का इम्पैक्ट फैक्टर 24.2 है। विवि का यह अब तक का सर्वाधिक इम्पैक्ट फैक्टर जर्नल में प्रकाशित पेपर है।

कौन हैं रिसर्च पेपर मेंः

विवि के भौतिकी विज्ञान में प्रो. डॉ. संजीव कुमार शर्मा, प्रो. सत्येंद्र पाल सिंह के निर्देशन में शोधार्थी अनिरुद्ध कुमार का यह पेपर दुनियाभर में सराहा जा रहा है। ‘जिंक ऑक्साइड बेस्ड हाइब्रिड नैनो कम्पोजिट फॉर हाई परफोर्मेंस रेजिस्टिव स्वीचिंग डिवाइसः वे टू स्मार्ट इलेक्ट्रोनिक सिनेप्सिस’ का यह पेपर भविष्य में ऐसी डिवाइस के निर्माण का रास्ता खोलता है जो किसी भी व्यक्ति के मस्तिष्क के सिग्नल को पकड़कर उन्हें कॉपी करते हुए डिवाइस में स्टोर कर सकता है।

क्या कहता है पेपर

प्रो. संजीव कुमार शर्मा के अनुसार मानव मस्तिष्क प्रकृति द्वारा निर्मित सर्वाधिक जटिल प्रणाली है जो कि वैज्ञानिकों के लिए यह आज भी अबूझ पहेली ही बना हुआ है। प्रो. संजीव के अनुसार अनिरुद्ध कुमार ने मस्तिष्क के न्यूरोन से न्यूरोन सिग्नल ट्रांसमिशन प्रणाली का अध्ययन कर नैनोकपोजिट आधारित मेमोरी एवं कंप्यूटिंग डिवाइस बनाने की प्रक्रिया को केंद्रित किया है।

                                                             

यह प्रणाली नई पीढ़ी के कंप्यूटर एवं अन्य इलेक्ट्रानिक सिस्टम का भविष्य होगी जो मानव मस्तिष्क की तरह सिनेप्टिक सिग्नल ट्रांसमिशन करेगी।

क्रांतिकारी साबित होगी तकनीक

यह न्यूरोमोरफिक कंप्यूटिंग एवं मेमोरी डिवाइस होगी। रिसर्व टीम ने विभिन्न नैनो मेटरियल्स का अध्ययन कर यह पता लगाया कि इस प्रकार की मस्तिष्क आधारित संरचना को बनाने के लिए कौन सा नैनोमेटेरियल एवं उसका कंपोजिट मैटेरियल ठीक रहेगा, जो मस्तिष्क की नकल कर सकता है जिससे कि मस्तिष्क के न्यूरॉन्स के मध्य सिनेटिक सिग्नल को मानव निर्मित न्यूरोमोरफिक डिवाइस में कॉपी किया जा सके। यह तकनीक एआई एवं आईआटी के लिए क्रांतिकारी साबित होगी तथा यह तकनीक क्वांटम कंप्यूटर की जनक होगी।