जैविक उत्पादों की गुणवत्ता की जांच हेतु प्रयोगशाला
जैविक उत्पादों की गुणवत्ता की जांच हेतु प्रयोगशाला
Dr. R. S. Sengar
कई किसान ऐसे हैं जो जैविक खेती तो कर रहे हैं, लेकिन वह अपने उत्पाद को कैसे पहचाने कि उनका उत्पाद शुद्व जैविक है अथवा नहीं और उनकें जैविक खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता कैसी है। इससे अधिकतर किसान परेशान ही रहते हैं, लेकिन इस सुविधा को भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय प्ररीाक्षण प्रयोगशाला गाजियाबाद में प्रारंभ करके पूरी कर दी गई है। इस प्रयोगशाला में जैविक खाद्य पदार्थों की जांच लोगों द्वारा आसानी से कराई जा सकती है।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए देश में इन दोनों जैविक खाद्य पदार्थों का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। बाजार में तमाम तरह के जैविक खाद्य पदार्थ उपलब्ध है, लेकिन लोगों के पास इन उत्पादों के पूरी तरह रसायन मुक्त होने की प्रमाणिकता जाँचने की कोई पुख्ता सरकारी व्यवस्था नहीं है। परन्तु अब गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय परीक्षणशाला (एनटीएल) ने जैविक उत्पादों की जांच करने का कार्य प्रारंभ किया है। अभी एनटीएल की जयपुर से शाखा में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है, बाद में इसे अन्य शहरों में भी विस्तार देने की योजना बनाई गई है। जयपुर स्थित एनटीएल की शाखा में उपभोक्ता ही नहीं जैविक उत्पाद बेचने वाले उद्यमी और व्यापारी भी खाद्य पदार्थों की जांच करा सकते हैं।
इस प्रयोगशाला से किसानों को होगा लाभ
जैविक खाद्य पदार्थों की जांच शुरू होने से न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी बल्कि जैविक खेती करने वाले किसानों को भी इसका बहुत लाभ होगा। एनटीएल की जांच में सही पाए जाने के बाद देश किसी भी बाजार में प्रमाणिक होने के दावे के साथ बेचा जा सकेगा। उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा तो मांग भी अधिक होगी इससे किसानों की आय में वृद्धि भी हो सकेगी।
वर्तमान व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने से करियर के माध्यम से जयपुर क्षेत्र एनटीएल की शाखा में जैविक खाद्य पदार्थों का नमूना जांच के लिए भेज सकता है। यह शाखा जयपुर में नेशनल टेस्ट हाउस और व यू आर बिकी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित है। इस पते पर जैविक खाद्य पदार्थों का नमूना बेचकर जांच कराई जा सकती है और खास बात यह है कि एनटीएल की जांच का शुल्क निजी प्रयोगशाला से कम होता है।
जांच के बाद जैविक उत्पादों के संशय की स्थिति से बचेंगे उपभोक्ता
जैविक खाद्य पदार्थों का रासायनिक खेती से हुए पदार्थ की अपेक्षा बाजार में दाम अधिक होता है। अभी तक किसी सरकारी प्रयोगशाला में इनकी गुणवत्ता की जांच नहीं होने के कारण प्रमाणिकता को लेकर संशय बना रहता है और अधिक दाम देने पर भी गुणवत्ता परक हुआ प्रमाणिक जैविक खाद नहीं मिल पाते हैं।
अब केंद्र सरकार के निर्देश पर एनटीएल ने पहल की है जिससे संशय की स्थिति नहीं रहेगी और जैविक उत्पादों को आसानी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सकेगा। इसके लिए अभी राष्ट्रीय प्रशिक्षण शाला जयपुर को अपनी सैंपल भेजकर जांच कराई जा सकती है लेकिन यह सुविधा कुछ दिनों में ही गाजियाबाद स्थित राष्ट्रीय प्रशिक्षण शाला में भी उपलब्ध हो जाएगी।
लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।