क्या करें जब कम उम्र में ही हड्डियों में होने लगे दर्द

                    क्या करें जब कम उम्र में ही हड्डियों में होने लगे दर्द

                                                                                                                                                                                  डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर

                                                                        

कम उम्र में हड्डी संबंधी रोगों की समस्या तेजी से बढ़ रही हैं खासतौर पर युवाओं जिनकी उम्र 20 साल से ऊपर है, ऐसे लोगों में भी हड्डी के दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है। ऐसा इसलिए होता है कि वह गलत खानपान अनियमित जीवन शैली, शारीरिक कसरत से दूर और जरूरत से ज्यादा शक्ति वर्धक दवाओं का सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है और इससे हड्डियाँ भी कमजोर होने लगती है।

इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में एडल्ट ओस्टियोपेनिया कहते हैं। हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम एक जरूरी तत्व होता है, यह हड्डियों को बनाने और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करता है। इसकी कमी की चलते नई हड्डियाँ भी नहीं बनती और हड्डी टूटने का खतरा भी अधिक बना रहता है। इसलिए हमें कैल्शियम से भरपूर खाना जैसे सोया प्रोडक्ट्स, दूध, पनीर, बादाम और शीशम के बीज आदि को खान-पान का हिस्सा बनना चाहिए।

विटामिन डी की कमी होने पर हमारा शरीर कैल्शियम का उपयोग नहीं कर पाता और इसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसलिए विटामिन डी से भरपूर फूड आइटम्स जैसे मशरूम एंड फैटी फेस और दूध आदि को अपनी डाइट में शामिल आवश्यक रूप से करना चाहिए। कुछ विशेष प्रकार की एक्सरसाइज करते रहने से भी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से बोन डेंसिटी को कम होने से बचाने का लाभ प्राप्त होता है और नई हड्डियों के बनने में भी मदद मिलती है। इसलिए वेट ट्रेनिंग को अपनी एक्सरसाइज का हिस्सा जरूर बनाए, परन्तुं उतना वजन ही उठाएं जिससे आपके दिल पर अधिक दबाव न पड़े और हमेशा ट्रेनर की निगरानी में ही कोई एक्सरसाइज करें, ताकि चोट आदि की समस्या ना हो।

                                                                          

अधिक वजन होने की वजह से हड्डियों पर ज्यादा जोर पड़ता है जिससे वह कमजोर हो सकती है। ऐसी ही वजन कम होने की वजह से बोन डेंसिटी कम हो सकती हैं। इसलिए वजन सही होना बहुत जरूरी है, इसके लिए संतुलित आहार लें नशीले पदार्थों का सेवन करना भी हड्डियों को कमजोर करता है और इससे बोंन डेंसिटी कम होने लगती है।

कई बार हाथ पैर में दर्द होने पर युवा अपने मन से कोई भी दवाई ले लेते हैं अैर इससे कुछ समय के लिए तो उन्हें आराम मिल जाता है लेकिन बाद में परेशानियां अधिक बढ़ जाती हैं। इसलिए हड्डी में दर्द होने पर बिना डॉक्टर की सलाह की किसी भी दवा का सेवन अपने मन से नही करें।

                                                                                  

हम जानते हैं कि युवावस्था में हड्डियां अधिक बनती है परन्तु यदि आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में हड्डियों के निर्माण में असमर्थ है तो इससे आपकी हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और वह बहुत नाजुक भी हो सकती है। इसके परिणाम स्वरुप एडल्ट ओस्टियोपेनिया हो सकता है और इस रोग से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करें। अपने लाइफ स्टाइल में उचित सुधार करें और भरपूर मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी लें और किसी योग्य ट्रेनर की निगरानी में वजन उठाने वाली कसरत करें।

हड्डी संबंधी परेशानियां हैं तो चिकित्सक से परामर्श के बाद ही कोई दवाई लें और दर्द कई दिनों से है तो इलाज अवश्य करें। अपने मन से बाजार से दवाइयां खरीद कर उनका सेवन न करें अपने नजदीकी चिकित्सक से सलाह करके ही इस परेशानी का उचित इलाज करें।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।