सवाल आपके और जवाब डॉक्टर साहब के-

                      सवाल आपके और जवाब डॉक्टर साहब के-

पहला सवालः- डॉक्टर साहब मेरा बेटा तीन वर्ष का है, जिसे लगभग दस दिन पहले बुखार के साथ पतले दस्त हो गए थे। उसका उपचार कराने के बाद दस्त की समस्या तो कम हो गई, लेकिन पिछले तीन दिन से उसका बुखार अधिक बढ़ गया है। वह सिर में तेज दर्द बताता है और उसे लगातार उल्टियां भी आ रही हैं। ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए?

-मीनाक्षी, मेरठ।

उत्तरः- आपने अपने बेटे के जो भी लक्षण बताएं है यह लक्षण पेट से सम्बन्धित बीमारी के भी हो सकते हैं। इसी के साथ यह लक्षण सिरसाम या मस्तिष्क ज्वर जिसे हम मेनिनजाइटिस भी कहते है, उसके भी हो सकते हैं। ऐसा दिमाग के ऊपर उपलब्ध झिल्ली में सूजन आने के कारण होता है। किसी रोगी में बुखार, उल्टियां, सिरदर्द के साथ बेहोशी का आना या दौरे पड़ना या शरीर के किसी अंग के लकवा ग्रस्त होने कारण भी हो सकता है। अतः आपको सलाह दी जाती है कि आप तत्काल किसी बाल रोग विशेषज्ञा से सलाह करें। वह आपके बेटे के शरीर का पूरा परीक्षण कराने के उपरांत उसका उचित उपचार आरम्भ करेंगे।

दूसरा सवालः- सर, मेरा बेटा लगभग एक माह का है और अचानक ही उसे सिर के अगले हिस्से के बाल उड़ने लगे हैं। उसके करीब चार इंच के दायरे के बाल गायब हो चुके हैं तो बताएं कि मुझे क्या करना चाहिए।

-रेशमा, मेरठ।

उत्तरः- जो स्थिति आपने अपने बेटे की बताई है उसे एलोपेशिया के नाम से जाना जाता है, जिसके विभिन्न कारण हो सकते र्हैं। हालांकि इस उम्र में यह बाल कुछ समय के बाद स्वयं ही वापस आ जाते हैं, परन्तु कुछ अन्य रोग जैसे संक्रमण (वायरल, फंगल या बैक्टीरियल) आदि का पता करने के लिए यह जरूरी है कि आप किसी अच्छे शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ और त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह कर बच्चे को उचित उपचार दिलवाएं।

तीसरा सवालः- डॉक्टर साहब मेरा बेटा तीन माह का है। गत एक माह से उसके सिर पर एक मटमैला मैल जमा हुआ सा प्रतीत होता है और अब यह उसके पूरे सिर पर ही फैलता जा रहा है। हालांकि, तेल का प्रयोग करने के बाद यह कुछ दबा हुआ सा लगता है, परन्तु तेल के नही रहने पर फिर जस का तस ही नजर आता है। अतः आप मुझे उचित परामर्श प्रदान करने की कृपा करें।

-मनीषा रानी, बिजनौर।

उत्तरः- उपरोक्त वर्णित स्थिति सिबोरिक डर्मेटाइटिस कहलाती है। इस स्थिति में सिर की सूखी हुई त्वचा की परत पर कुछ पपड़ी सी जम जाती है, जो जन्म के बाद तीन से चार माह तक देखने दको मिलती है तथा यह कुछ समय के बाद स्वयं ही समाप्त भी हो जाती है। इसके अधिक होने की दशा में आप एक बेबी ब्रश की सहायता से अपने हल्के हाथों का प्रयोग करने के बाद आप इसे हटा सकती हैं। नही तो इसके लिए आप एक हल्कह स्टेरॉयड क्रीम के जैसे फ्लूविट क्रीम दिन में दो बार लगाने से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

चौथा सवालः- डॉक्टर साहब मेरी आयु 55 वर्ष है। मुझे सर्वाइकल इरोजन की शिकायत है, जिसकी मै सिकाई भी करा चुकी हूँ। मै आप से यह जानना चाहती हूँ कि इसका घाव कितने समय में भरेगा और क्या इसकी सिकाई दोबारा भी करानी पड़ेगी?

-स्मिता, मोदीनगर।

उत्तरः- सर्वाइकल इरोजन की समस्या मुख्य रूप से संक्रमण के कारण से होती है। यह बैक्टीरियल, वायरल संक्रमण अथवा एलर्जिक रिएक्शन, गर्भ निरोधक पिल्स का सेवन या फिर कंडोम के लेटेक्स के चलते भी हो सकती है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉर्मोनल परिवर्तन से भी इरोजन का निर्माण हो सकता है। इसके जख्म की सिकाई करने से मरीज को काफी राहत प्राप्त होती है और यह जक्ष्म आमतौर पर खर से आठ सप्ताह में स्वयं ही भर जाते हैं। यदि इसका जख्म बहुत बड़ा है या फिर संक्रमण अधिक है तो इसमें दूसरी सिकाई की आवश्यकता भी पड़़ सकती है। अतः आपको सलाह हहै कि आप अपने डॉक्टर के नियमित सम्पर्क में रहें।

पाँचवा सवालः- डॉ0 साहब मै जानना चाहती हूँ कि क्या मेनोपाज के दौरान बाल भी झड़ने लगते हैं?

-शिल्पा किठोर।

उत्तरः- जी हाँ, कुछ हॉर्मोनल चेन्जेज होने के कारण मेनोपाज के बाद कुछ महिलाओं के बाल भी झड़ने लगते हैं। चूँकि एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन्स का स्र कम होने के कारण हेयर डेंसिटी भी कम हो जाती है और इसी से बाल पतले हो जाते हैं। इससे बालों की चमक भी कम होती है तथा उनमें रूखापन बढ़ जाता है। अतः इस स्थिति से बचने के लिए आप हाई प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन करें और रूसी आदि से बचें।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।