दबाव और तनाव के दौरान अपने दिल का कैसे रखें पूरा ध्यान

           दबाव और तनाव के दौरान अपने दिल का कैसे रखें पूरा ध्यान

                                                                                                                                                                 डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

‘‘पहले हृदय संबंधी रोग उम्र बढ़ने के बाद दिखाई देते थे, लेकिन आजकल किशोरों-नौजवानों में भी यह समस्या बढ़ती जा रही है’’।

                                                                                

वर्तमान जीवनशैली के अनुरूप प्रत्येक व्यक्ति को अपने हृदय का विशेष ख्याल रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि हृदय संबंधी रोगों में चिंताजनक रूप से बढ़ोतरी हुई है। आधुनिक दिनचर्या में अनियमित आहार, बढ़ता तनाव, अधिक देर बैठकर काम और शारीरिक गतिविधियों का न्यूनतम होना आदि के चलते दिल की सेहत कुप्रभावित हो रही है। इसके अलावा, आयु बढ़ने के साथ भी हृदय संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ता है और बढ़ता वायु प्रदूषण भी इसका एक अहम कारक होता है।

इस सब में दिक्कत तो यह है कि चिकित्सा सेवाओं और जागरूकता की कमी के कारण भी यह समस्या गंभीर रूप धारण करती जा रही है। हम आए दिन देख भी रहे हैं कि कैसे कोई नौजवान कभी नाचते हुए, तो कभी व्यायाम करते हुए अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है। पिछले दिनों में कई युवा सेलिब्रिटी भी इसके शिकार हुए।

हाल के दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले कई लोगों में असमय हृदय रोगों के लक्षण दिखाई दिए हैं। इसका प्रमुख कारण है कि कोरोना संक्रमण शरीर की इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रिया को तेज कर देता है, जिससे दिल के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

                                                                             

हृदय विशेषज्ञ भी यही मानते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद हृदय संबंधी चिंताजनक प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं, जैसे, दिल का दर्द, धड़कन में अनियमितता व अन्य हृदय समस्याएं। ऐसे में, उचित देखभाल और एक नियंत्रित जीवनशैली का पालन काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे रोगी, जो कोरोना संक्रमण से गुजरे हैं, उन्हें नियमित तौर पर डॉक्टर की सलाह व निरीक्षण के लिए जाना चाहिए, ताकि उनके हृदय की सेहत सटीकता से मापी जा सके और चिंताजनक स्थिति से समय रहते बचा जा सके।

यह स्थिति कितनी गंभीर हो सकती है, इसका अंदाजा हम उन वीडियोज से लगा सकते हैं, जिनमें कोई युवा डांस करते या जिम में कसरत करते हुए अचानक निढाल हो जाता है और दम तोड़ देता है। ऐसी मौतों के पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे, फिटनेस क्रेज के चलते किया जाने वाला अनियमित व्यायाम। बढ़ता तनाव भी नौजवानों के दिल को अतिरिक्त सक्रिय कर देता है, जिसके कारण हृदयाघात का जोखिम भी बढ़ सकता है।

तो वहीं कुछ नौजवानों में डायबिटीज, उच्च रक्तचाप जैसी कई स्वास्थ्यगत समस्याएं पहले से ही विद्यमान होती हैं, जिनसे उनके हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन नही करना  और नियमित चेक अप से दूरी भी हार्ट अटैक के मामलों के बढ़ने के अन्य कारण हो सकतें हैं। ऐसी मौतों का कोरोना वायरस से कोई सीधा संबंध नहीं है, परन्तु यदि कोरोना से पूर्वग्रसित रोग अथवा तनाव बढ़ता है, तो यह दिक्कत हो सकती है। फलतः, ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए और तमाम सुरक्षा उपायों का सवाणानी के साथ पालन करना चाहिए।

                                                                              

    पहले उम्र बढ़ने के बाद ही हृदय रोग के लक्षण दिखते थे, परन्तु आजकल किशोरों-नौजवानों में भी यह समस्या बढ़ रही है, जिसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं। जिनमें अधिक तैलीय और इंफ्लेमेशन में वृद्वि करने वाले पदार्थों का सेवन करना, कम शारीरिक गतिविधियां, धूम्रपान और शराब का सेवन, परिवार में हृदय रोगों का इतिहास और अनियमित जीवनशैली आदि हृदय स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

ऐसे में सवाल उठता है कि हम अपने दिल को कैसे सुरक्षित रखें? इसके लिए जरूरी है कि अपने स्वस्थ व संतुलित आहार पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए। भोजन में फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फाइबर से भरपूर आहार और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ को शामिल करें। अधिक तेल, चीनी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचना ही श्रेयकर है। कम से कम 30 मिनट का नियमित व्यायाम, योग, ध्यान जैसे उपायों से तनाव का प्रबंधन, नियमित स्वास्थ्य जांच और नियंत्रित वजन आदि भी दिल की सेहत को ठीक रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

                                                                                 

    आज हृदय की सेहत के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक कार्यक्रमों की खास जरूरत है। इनमें हृदय स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को भी साझा किया जाना चाहिए। स्कूलों, कॉलेजों और कामकाजी जगहों पर हृदय स्वास्थ्य के बारे में बताना फायदेमंद होगा। हमें अपने हृदय की सेहत का पूरा ध्यान रखना होगा और पूरी संवेदनशीलता के साथ उसकी देखभाल करनी होगी।

प्रस्तुति: डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।