आयुर्वेदिक समाधान

                                  आयुर्वेदिक समाधान

                  आंखों के नीचे क्यों आता है कालापन

किसी व्यक्ति की आंखों के नीचे और ऊपर काले घेरे कई कारणों से बढ़ने लगते हैं। इससे निपटने के लिए अब व्यक्ति को अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं हैं। अब इस समस्या का समाधान आसानी से अपने घर पर स्वयं ही कर सकते हैं। आंखों के नीचे के डार्क सर्कल आने पर इनके ऊपर आलू का रस लगाना काफी फायदेमंद हो सकता है।

इसके अलावा अगर डार्क सर्कल बढ़ते ही जा रहे हैं तो इसके लिए आप कच्चे दूध में रुई डुबो कर अपनी आंखों के ऊपर रखें, और इसे आंखों पर 15-20 मिनट के लिए लगाकर ऐसे ही छोड़ दें और इसके थोड़ी देर बाद ठंडे पानी से अपना चेहरा धो लें।

डार्क सर्कल दूर करने के लिए चायपत्ती के पाउच को पानी में 2 मिनट भिगोकर आप उसे फ्रिज में रख दें, इस ठंडे पाउच को रोजाना 15 मिनट के लिए आंखों पर रखें, कुछ ही समय में ही असर दिखना शुरू हो जाएगा।

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में कारगर है शलजम

                                                                          

मानव के शरीर पर किए गए डॉक्टरों के द्वारा किए गए विभिन्न शोधों से यह साबित हुआ है कि शलजम कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को नियंत्रित रखने में सक्षम है। यह जोड़ों की क्षति को कम करने में भी मददगार साबित होती है। शलजम की जड़ कम वसा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन सी, आवश्यक अमीनो एसिड और खनिज तत्व सहित विभिन्न पोषण संबंधी न्यूट्रिशंस से समृद्ध मानी जाती है।

जबकि शलजम की पत्तियों में इसकी जड़ों की तुलना में अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। शलजम की जड़ों में ग्लूकोसाइनोलेट्स इसकी पत्तियों की अपेक्षा अधिक होता है, जो कि एक एंटीइंफ्लेमेंटरी यौगिक होता है। इस प्रकार शलजम को अपनी डेली डाइट में शामिल करने से रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में और कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है। यह स्वास्थ्य पाचन तंत्र के लिए नियमितता को बढ़ावा देकर शरीर को विषाक्त पदार्थ से छुटकारा दिलाने में भी मददगार साबित होती है।

                                                                  

इसके साथ ही हृदय संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी शलजम बेहद कारगर सिद्व होती है। शलजम में उपलब्ध पोषक तत्व मानव शरीर में मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को रोकने में मदद करते हैं और उसकी रोगप्रतिरोधक क्षमता अर्था इम्यूनिटी को भी मजबूती प्रदान करते हैं। जबकि अपने आहार में शलजम को नियमित रूप से शामिल करने से जोड़ों की क्षति कम करने में भी मदद मिलती है। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर को नियंत्रित रखती है।

ल्यूटिन जैसे यौगिकों की उपस्थिति के कारण शलजम मनुष्य की आंखों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। शलजम को अपने आहार में नियमित रूप से शामिल करना मानव के लिए काफी लाभदायक साबित होता है। परन्तु यदि कोई व्यक्ति थायराइड से संबंधित और नाइट्रेट युक्त दबाओं का सेवन कर रहा हैं तो उसे किसी योग्य आहार विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए, तो यह उसके लिए अच्छा रहेगा।