शुगर की क्रेविंग, और डायबिटीज को तुरंत कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक तरीका

शुगर की क्रेविंग, और डायबिटीज को तुरंत कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक तरीका

                                                                                                                                               डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

शारदुनिका नामक पौधें की पत्तियों में एसिड का एक एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जिसे जिम्नेमिक एसिड कहते है। जिम्नेमिक एसिड, एक शुगर रोधी यौगिक हैं, जो पल भर में मीठे की तलब को कम करने का काम करता हैं।

यदि आपको अधिक मीठा खाने का मन हो, तो आप शारदुनिका की दो पत्तियों को लेकर धीरे-धीरे उन्हें चबा सकते हैं, इससे शुगर क्रेविंग तुरंत खत्म हो जाएगी। 

गुजरे कुछ सालों में डायबिटीज एक ऐसी समस्या बनकर सामने आई है, जो तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। भारत में लगभग हर घर में एक ना एक शख्स इस गंभीर बीमारी से पीड़ित है। गौरतलब है कि एक बार डायबिटीज होने पर इसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है। ऐसे में व्यक्ति ताउम्र दवाओं के सहारे जीने को मजबूर हो जाता है। साथ ही मधुमेह की चपेट में आने पर खानपान का भी खास ध्यान रखना होता है। खानपान में जरा सी लापरवाही इस समस्या को अधिक बढ़ा सकती है। इसमें भी खासकर मधुमेह रोगियों को मीठे से सख्त परहेज करने की सलाह दी जाती है।

क्यों करना चाहिए मीठे से परहेज?

                                                                            

दरअसल, डायबिटीज होने पर आपका शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या फिर इंसुलिन का उत्पादन होता तो है लेकिन शरीर ठीक ढंग से उसका उपयोग नहीं कर पाता है। ऐसे में बॉडी शुगर या कार्बाेहाइड्रेट का अवशोषण नहीं कर पाती है। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल हार्ट, लिवर, किडनी, लंग्स, आंख सहित शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों के लिए खतरा बनता चला जाता है। यही वजह है कि मधुमेह रोगियों के लिए मीठा का सेवन सेहत को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाने जैसा ही होता है। वहीं, अगर आप भी इस गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन आपको समय-समय पर मीठा खाने की क्रेविंग होती रहती है, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

इस लेख में हम आपको एक ऐसी खास जड़ी-बुटी के बारे में बता रहे हैं, जो चुटकियों में शुगर की क्रेविंग को कम करने में आपकी मदद कर सकती है, साथ ही इसके सेवन से बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

क्या है ये खास जड़ी-बूटी?

                                                                           

दरअसल, हम यहां शारदुनिका की बात कर रहे हैं। आयुर्वेद में शारदुनिका को ‘मधुनाशिनी’ के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, वैसे तो मानव की सेहत पर इस खास हर्ब के कई फायदे हैं, हालांकि इसे खासतौर पर ‘मीठे स्वाद’ को खत्म करने के लिए जाना जाता है। शारदुनिका की पत्तियों में एसिड का एक एक्टिव कंपाउंड मौजूद होता है, जिसे जिम्नेमिक एसिड (ळलउदमउपब ंबपके) कहते है। जिम्नेमिक एसिड ही असल में शुगर विरोधी यौगिक है, जो पल भर में मीठे की तलब को कम करने का काम करता हैं।

ऐसे में अगर आपको अधिक मीठा खाने का मन हो, तो आप शारदुनिका की दो पत्तियों को लेकर धीरे-धीरे उन्हें चबा सकते हैं, इससे शुगर क्रेविंग तुरंत खत्म हो जाएगी। हालांकि, क्योंकि शारदुनिका की पत्तियों का स्वाद अधिक कड़वा और कसैला होता है, ऐसे में आप चाहें तो शारदुनिका पाउडर को भी केवल 5 सेकंड के लिए जीभ पर रख सकते हैं। ऐसा करने पर भी आपकी मीठा खाने की इच्छा तुरंत खत्म हो जाएगी।

                                                                         

इन सब के अलावा शारदुनिका के पत्तों में रेजिन, एल्ब्यूमिन, क्लोरोफिल, कार्बाेहाइड्रेट, टार्टरिक एसिड, फॉर्मिक एसिड, ब्यूटिरिक एसिड और एन्थ्राक्विनोन डेरिवेटिव जैसे पोषत तत्व मौजूद होते हैं, जो तेजी से बढ़ते ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में असरदार माने जाते हैं। ऐसे में सुबह के समय इस खास हर्ब की पत्तियों या इससे तैयार पाउडर का सेवन से दिनभर ब्लड शुगर लेवल बढ़ता ही नहीं है।

शारदुनिका के अन्य लाभ

शुगर क्रेविंग कम करने और ब्लड शुगर कंट्रोल करने से अलग शारदुनिका के सेहत पर और भी कई फायदे हैं। आयुर्वेद के मुताबिक, शारदुनिका का चूर्ण पीसीओडी के कारण बढ़े वजन को कम करने में असरदार साबित हो सकता है।

यह खास चूर्ण आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए भी लाभदायक होता है।

                                                              

अगर आपको त्वचा पर खुजली या जलन का सामना करना पड़ रहा है, तो ऐसे में आप शारदुनिका की पत्तियों को शरीर पर रगड़ सकते हैं, इससे खुजली से तत्काल राहत मिलती है।

इन सब के अलावा इसकी पत्तियों को चबाने से शरीर और जोड़ों में सूजन को भी कम किया जा सकता है

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।