गेंहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया

                                                                            गेंहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया

                                                                      एक अप्रैल से गेंहूँ सरकार 2,125 प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी

                                                                                                                                                                डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

सरकार के द्वारा गेंहूँ का समर्थन मूल्य इस वर्ष ₹2,125 प्रति कुंतल घोषित किया गया है, जो पिछले सीजन के समर्थन मूल्य की अपेक्षा 110 रूपये प्रति कुंतल अधिक है, जो कि वर्ष 2022-23 में ₹2,015 था। इस बार खाद्य विभाग की विपणन शाखा पीसीएफ, पीसीयू, यूपीएसएस एफआईसी, नेफेड और मण्ड़ी परिषद आदि गेंहूँ की सरकारी खरीद करेंगी।

    इन सरकारी एजेन्यिों के पुरे प्रदेश में कुल 6,000 केन्दों को स्थापित किया जा चुका है। इसके सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा 60 लाख मीट्रिक टन गेंहूँ की खरीदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि पिछले वर्ष सरकार के द्वारा निर्धारित लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष केवल 3.36 लाख मीट्रिक टन गेंहूँ की खरीद सरकार के द्वारा की गई थी। सरकार का कहना है कि उसका पूरा प्रयास यह रहेगा कि वह अपने लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति करे।

चित्रः सरकार के द्वारा स्थापित गेंहूँ क्रय-केन्द्र की सांकेतिक तस्वीर

    उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सरकारी खरीद की अवधि सम्पूर्ण प्रदेश में 01 अप्रैल से लेकर 15 जून, 2023 तक रहेगी और इस दौरान सरकार के द्वारा निर्धारित केन्द्रों पर प्रातः 9.00 बजे से साय 6.00 बजे तक गेंहूँ की खरीददारी की जाएगी।

    अपने गेंहूँ का विक्रय करने के लिए किसान, अपना ऑनलाईन पंजीकरण किसी भी जन सुविधा केन्द्र अथवा साइबर कैफे के माध्यम से कर सकते हैं। सरकार के द्वारा स्थापित किए गए क्रय केन्द्रों पर ही किसानों के आधार प्रमाणीकरण, पीओपी मशीन के माध्यम से करते हुए गेंहूँ की खरीदी की जाएगी।

किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार कुछ नए तरीके की व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत किसान के बैंक खाते का उनके आधार कार्ड से सम्बद् होना अनिवार्य है और बैंक के द्वारा खाता एनपीसीआई पोर्टल पर मैप तथा उसका सक्रिय होना भी आवश्यक है।

गेंहूँ के मूल्य का भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से सत्यापित हो जाने के बाद सीधें किसान के आधार कार्ड से लिंक्ड बैंक खातें में ही करने की व्यवस्था की गई है। खाद्य विभाग एवं अन्य क्रय एजेन्सियों के द्वारा पूरे प्रदेश में कुल 6,000 केन्द्र स्थापित किए जाने हैं। केन्द्र के प्रभारी के द्वारा कृषक के गेंहूँ को अस्वीकार करने की दशा में तहसील के स्तर पर कार्य क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की अध्ययक्षता में गठित एक समिति के समक्ष उसकी अपील करने की व्यवस्था भी की गई है।

इसके लिए सरकार के द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वे अपने गेंहूँ को धूल, मिट्टी, कंकड आदि विजातीय पदार्थों को उससे हटाकर एवं अच्छी तरह से सुखाकर ही क्रय केन्द्रों तक लेकर जाएं, इससे सरकार को उनके गेंहूँ को खरीदने में आसानी होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की किसी प्रकार की सहायता हेतु टोल फ्री नम्बर 1800180-1500 जारी किया गया है। किसान अपने जनपद के जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी अथवा अपने ब्लॉक के विपणन निरीक्षण आदि के साथ भी सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।

किसान अपनी पंजीकृत भमि के सत्यापन की रशीद तथा अपने गेंहूँ के भुगतान की अद्यतन स्थिति को जानने के लिए गूगल प्ले स्टोर से यू पी किसान मित्र नामक एप भी अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड कर पूरी स्थिति को जान सकते हैं। 

प्रतिदिन पैदल चलने से कम हो जाती है मौत की आशंका

पूर्व में अवगत कराया गया है कि नियमित रूप से व्यायाम करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी सिद्व होता हैं, और अब एक नए अध्ययन में बताया गया है कि पूरे सप्ताह में एक या दो दिन में 8,000 कदम अर्थात 6.4 किलोमीटर, पैदल चलने से जल्दी हो जाने वाली मौत की आशंका काफी कम हो जाती है। जामा नेटवर्क ओपन लिन्क्ड जनरल में प्रकाशित किए गए लेख में टहलने के लाभों को लेकर नई जानकारी दी गई है।

इस शोध वैज्ञानिकों के द्वारा वर्ष 2005-06 में किया गया, जिसमें 3,100 लोगों को शामिल किया गया था, और इसके दस वर्ष बाद उनकी मौत के आंकड़ों का परीक्षण किया गया था।

शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में बताया कि नहीं टहलने वालों की तुलना में सप्ताह में एक या दो दिन 8,000 या उससे अधिक कदम चलने से 10 वर्ष के अन्दर होने वाली मौत के जोखिम को 14.9 प्रतिशत तक कम कर हो जाता हैं, जबकि सप्ताह में 3 से 7 दिन टहलने वालों में मौती की आशंका 16.5 प्रतिशत तक कम हो जाती है।

अतः यह आवश्यक है कि यदि लोग प्रतिदिन सुबह और शाम को टहलते हैं तो उनमें मौत की आशंका निश्चित् रूप से कम हो जाती है और हम सभी को इसका पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए।

नियमित रूप से प्रातःकाल एवं शाम के समय टहलने के अपने कुछ अलग ही लाभ मिलते है और इससे अनेक व्याधियों का बचाव करना भी सम्भव है, जैसे की नियमित रूप से टहलने से हमारे शरीर में स्फूर्ति आती है तथा इसके साथ ही हमें अन्य व्याधियों जैसे पेट में गैस बनना, अपच, स्टेमिना की कमी एवं शीघ्र पतन जैसे रोगों से भी छुटकारा मिल जाता हैं।

वर्तमान समय में लाईफ स्टाईल से जुड़े अनेक रोगों से भी प्रति दिन सुबह और शाम को टहलने से पार पाया जा सकता है।    

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्ययक्ष हैं।