Common Symptoms of Heart Attack

                        Common Symptoms of Heart Attack

Symptoms of Heart Attack: हार्ट अटैक के संकेत, कारण और बचाव के कुछ प्रभावी उपाय

                                                                                            डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

जब किसी व्यक्ति के शरीर की नसों (Veins) में खून की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पाती है, तो ऐसे में खून जमने की समस्या होने से ब्लड क्लॉटिंग शुरू हो जाती है और इस स्थिति में रक्त दिल तक नहीं पहुंच पाता है और दिल को ऑक्सीजन न मिलने के कारण हार्ट अटैक/ह्दय घात आता है। इसे चिकित्सीय भाषा में हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फार्क्शन Myocardial infarction कहा जाता है।

एक हार्ट अटैक की स्थिति किसी व्यक्ति के लिए भी जानलेवा हो सकती है, लेकिन यदि इसका तुरंत इलाज मिल जाए, तो व्यक्ति की जान को बचाया भी जा सकता है।

हार्ट अटैक के आम लक्षण

                                                                      

लगभग प्रत्येक व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों में हार्ट अटैक के समय काफी तेज दर्द होता है, तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान दर्द कम या बहुत कम होता है। इसके साथ ही हार्ट अटैक के पहले लोगों में यह कॉमन लक्षण देखने को मिलते हैं।

  • दिल की धड़कन का तेज होना (Fast Rate of Heartbeat)
  • सीने में दर्द (Chest Pain)
  • सीने में जकड़न (Tightnes in Chest)
  • सोने में दिक्कत (Trouble in Sleeping)
  • कंधों में दर्द होना (Pain in Shoulders)
  • थकान का अनुभव होना (Feel Tirednes)
  • सांस फूलना (Breathlessness)

आमतौर पर हार्ट अटैक आने से पहले लोगों के सीने में दर्द (Pain in Chest) होता है। लेकिन ऐसा ज्यादातर पुरुषों के साथ ही होता है परन्तु महिलाओं के साथ नहीं। अतः महिलाओं को इन हार्ट अटैक के लक्षणों को मामूली समझ कर नजरअंदाज बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। ऐसे कुछ लक्षण जो दर्शा सकते है कि महिला को हार्ट अटैक आ सकता है

जबड़े में दर्द होना (Jaw Pain)

                                                             

महिलाओं में हार्ट अटैक का सबसे पहला और प्रमुख लक्षण है, उनके जबड़े में दर्द का होना। यह लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखे जाते हैं ।

शरीर के ऊपरी भाग में दर्द (Pain in Upper parts of Body):

महिलाओं के सीने में और स्तन में दर्द (Breast Pain) होने के साथ शरीर के ऊपरी भाग अर्थात उनकी गर्दन, पीठ, दांत, हाथ और कंधे की हड्डी में भी तेज़ दर्द हो सकता है।

कमजोरी के साथ बेचैनी का अनुभव करना (Restless with Weakness):

शरीर में कमजोरी, चक्कर आना, सिर का घूमना, जी मिचलाना, उल्टी होना और पेट खराब होना, जैसे लक्षण पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक दिखाई देते हैं।

पसीना आना (Sweating)

40 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं में हॉर्मोन्स के बदलाव के कारण उन्हें अचानक पसीना आना नॉर्मल होता है। लेकिन अचानक से अधिक मात्रा में पसीना आना और ठंड लगना हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं।

पुरुषों में हार्ट अटैक आने से पहले के प्रमुख संकेतः

                                                                      

आमतौर पर पुरुषों और महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण लगभग समान ही पाए जाते हैं। हालांकि पुरुषों में हार्ट अटैक के यह दो मुख्य लक्षण भी दिखाई देते हैं-

खर्राटा लेना (Snoring)

सोते समय लगातार खर्राटा लेना और पूरी तरह से ऑक्सीजन ना ले पाना हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं । इसके अलावा, नींद पूरी न होना हार्ट अटैक के खतरे को और भी बढ़ा देता है।

पैर और हाथ में दर्द (Pain in Legs and Arms)

टहलने पर पैरों में तकलीफ होना और पैरों में सूजन होना। साथ ही बाएं हाथ में दर्द होना भी हार्ट अटैक के कुछ लक्षणों में से एक माना जाता है।

माइनर अटैक के लक्षण?

माइनर हार्ट अटैक ¼Minor Heart Attack½ को माइल्ड हार्ट अटैक भी कहा जाता है। कई बार हार्ट अटैक आने से कुछ महीनों या फिर कुछ दिनों पहले, लोगों में माइनर हार्ट अटैक देखने को मिलता है। हालांकि माइनर हार्ट अटैक आने से व्यक्ति की मौत होने का खतरा कम रहता है। लेकिन फिर भी दिल का दौरा छोटा हो या बड़ा, यह बाद में यह कभी भी गंभीर रूप ले सकता है। माइनर अटैक के कुछ मामूली लक्षण निम्न हैं-

  • सांस लेने में कठिनाई
  • सीने में दबाव महसूस होना
  • गर्दन, पीठ या पेट में दर्द
  • चक्कर आना
  • जी मिचलाना

साइलेंट हार्ट अटैक

                                                       

साइलेंट हार्ट अटैक को साइलेंट मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (Silent Myocardial Infarction) भी कहा जाता है। इस प्रकार के हार्ट अटैक में व्यक्ति के सीने में दर्द नहीं होता है। हालांकि इसमें कुछ मामूली सिम्टम्स जरूर महसूस हो सकते हैं-

साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है। क्योंकि ऐसे लोग साइलेंट हार्ट अटैक में लोग छाती में दर्द के स्थान पर जलन का अनुभव करते हैं। ऐसे में लोग इसे एसिडिटी, अपच और डिहाइड्रेशन आदि के लक्षण समझकर इन्हें नजरंअदाज कर देते हैं।

हार्ट अटैक आने के कारण

हार्ट अटैक आने की वजह से नसों (Veins) में खून जमा होने लगता है। इसके साथ-साथ हार्ट अटैक के कुछ और कारण भी होते हैं, जिनसे हार्ट अटैक की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।

कोलेस्ट्रॉल (Chloesrol)

हार्ट अटैक के जोखिम से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल पर काबू रखना सबसे अधिक जरूरी होता है। अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं, तो अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा को बढ़ाएं। इसके अलावा, रोजाना व्यायाम करने से भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है।

डायबिटीज (Diabetes)

अगर डायबिटीज नियंत्रण में ना हो तो यह मरीज के दिल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल घटता और बढ़ता रहता है, और यह कंट्रोल नहीं होने पर यह हार्ट अटैक का मुख्य कारण भी बन सकता है।

अधिक उम्र

हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुषों में 40 साल से अधिक और महिलाओं में 50 साल से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान

जो लोग नियमित रूप से धूम्रपान करते हैं उनमें हार्ट अटैक पड़ने की संभावना चार गुना तक और बढ़ जाती है। क्योंकि स्मोकिंग करने से हृदय तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और खून के थक्कों के बनने का जोखिम भी काफी बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते स्मोकिंग छोड़कर हार्ट डिसीस और हार्ट अटैक के खतरे से स्वयं को दूर रखें।

हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर भी हार्ट अटैक का एक कॉमन रिस्क फैक्टर माना जाता है। क्योंकि जब रक्तचाप (ठसववक च्तमेेनतम) बढ़ता है तो दिल को काम करने के लिए और अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिससे दिल की मांसपेशियों पर दबाव पड़ने से दिल का दौरा भी पड़ सकता है।

पारिवारिक इतिहास

अगर किसी के घर-परिवार के किसी सदस्य को पहले कभी हार्ट अटैक आया हो, तो ऐसे में अगली पीढ़ी के लोगों में हार्ट अटैक की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है और आगे आने वाली पीढ़ियों की सेहत पर भी इसका असर किसी न किसी रूप में अवश्य ही पड़ता है।

हार्ट अटैक से बचने के लिए क्या करे?

                                                                        

हार्ट अटैक से बचने के लिए बैलेंस और अच्छी डाइट लें, और डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अनाज और फिश को जरूर शामिल करें।

शरीर में दिख रहे किसी भी तरह के कोई भी लक्षण जैसे कि कभी भी छाती में जलन और असामान्य थकान को नज़रंदाज़ कदापि न करें।

पहले से हृदय रोग की समस्या से जूझ रहे या फिर ज्यादा उम्र के लोगों को समय-समय से रेगुलर चेकअप कराने के साथ डॉक्टर की सलाह लेते रहना चाहिए। अपनी फिटनेस पर ध्यान दें और रोजाना व्यायाम और मेडिटेशन आदि करें ।

हार्ट अटैक आने पर क्या करें?

हार्ट अटैक आने पर लोगों को बचाव के केवल कुछ ही मिनट का समय मिलता हैं। ऐसे में अगर पीड़ित को तुरंत अस्पताल नहीं पहुंचाया गया तो उसकी जान भी जा सकती है। इसलिए अगर आपको अपने आस-पास के किसी भी इंसान में हार्ट अटैक के सिम्पटम्स दिखाई दें, तो आप तुरंत इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को कॉल करें, ताकि पीड़ित व्यक्ति की जान को बचाया जा सके।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ।