कोरोना का नया वेरिएंट जे. एन-1

                                कोरोना का नया वेरिएंट जे. एन-1

                                                                                                                                                             डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

कोरोना का नया वेरिएंट जे. एन-1 से डरना नहीं है बस सतर्क रहने की जरूरत

विश्व भर के वैज्ञानिक कोरोना के नए वेरिएंट जे. एन.-1 को लेकर चिंतित हैं क्योंकि यह पिछले वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक भी हो सकता है। दुनिया में यह नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है। भारत में भी इसका अभी तक केवल एक ही मामला मिला है, हालांकि अभी तक मरीज के गंभीर होने के सम्बन्ध में भी कोई जानकारी नहीं मिली है। लेकिन इससे लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता है।

जे. एन-1 से हो सकती है सांस संबंधी दिक्कतें

                                                       

कोरोना के नए मरीजों में अभी तक जो लक्षण दर्ज किए गए हैं, डॉक्टर के अनुसार अधिकांश रोगियों को हल्के सांस संबंधी लक्षणों का अनुभव होता है और आमतौर पर 4 से 5 दिनों के भीतर ठीक भी हो जाते हैं।

पहली बार सितंबर में मिला था यह नया वेरिएंट

                                                                                      

कोरोना के नये वेरिएंट जे. एन-1 ओमिकरों सब वेरिएंट बा 2.86 का वंशज है। यह वेरिएंट पहली बार इस साल सितंबर में अमेरिका में सामने आया था। राइटर के अनुसार 15 दिसंबर को चीन में सब वेरिएंट के साथ मामले पाए गए। डीसी ने हाल ही में जारी रिपोर्ट में कहा है कि भले ही इस वेरिएंट के नाम अलग लगते हैं, लेकिन स्पीक प्रोटीन में जे. एन-1 और बा 2.86 के बीच केवल एक ही बदलाव है। स्पीक प्रोटीन मनुष्यों को संक्रमित करने की वायरस की क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कई देशों में हो रही है वृद्धि

अमेरिका में डीसी की ओर से अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में पिछले सप्ताह से 50 प्रतिशत मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। सिंगापुर में पिछले सप्ताह के मुकाबले कोरोना के मामलों में 75 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहां मरीजों की संख्या 56,000 को पार कर गई है। इसके चलते अब भारत में भी जे. एन-1 प्रति निगरानी बढ़ा दी गई है।

कोरोना के इस नई वेरिएंट पर भारत ने भी निगरानी और तेज कर दी है। नेशनल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कोविड टास्क फोर्स के अध्यक्ष राजीव संजीवन के अनुसार 7 महीने के अंतराल के बाद भारत में मामले बढ़ रहे हैं। जिसको देखा जा रहा है, लेकिन अभी हमारे देश में इससे घबराने की जरूरत नहीं है। बचाव के लिए यहां पर मास्क लगाए और लोगों से दूरी बनाकर रखें इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए अपने खान-पान पर ध्यान रखें

भारत में अभी केरल में 79 वर्ष की महिला में कोरोना का यह वेरिएंट मिला है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारी विशेष सतर्कता बढ़ाने के लिए कह रहे हैं।

क्या है नए वेरिएंट में पाए जान वाले लक्षण

                                                  

  • बुखार आता है
  • नाक से लगातार पानी बहना
  • गले में खराश का होना
  • सिर दर्द रहना
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की समस्या का होना

भारत में सतर्क रहने की जरूरत

                                                                

हमारे देश में अभी इसके बहुत कम मामले मिले हैं, लेकिन सर्दियों में खांसी जुकाम और नाक से लगातार पानी बहने की समस्याएं बढ़ जाती हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है आपको मुंह पर मास्क लगाकर रखना चाहिए तथा सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखें। जब भी बाहर से अपने घर पर आए तो खाना खाने से पहले अपने हाथ को अच्दी तरह से साफ करके ही खाने की किसी भी चीज का सेवन करें।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।