एक नई गोली जो दिल के मरीजों के लिए है संजीवनी

               एक नई गोली जो दिल के मरीजों के लिए है संजीवनी

                                                                                                                                                                   डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा              

दिल के मरीजों के लिए होगी तीन दवाओं की एक गोली

                                                                                 

ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कोलेस्ट्राल और मोटापा जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने के साथ ही नियमित व्यायाम से दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है, लेकिन अव्यवस्थित जीवनशैली की वजह से कम उम्र में भी दिल के मरीज बन रहे हैं। हालांकि दिल के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। उन्हें जीवन भर तीन-चार दवाएं खाने से छुटकारा मिलने वाला है।

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हार्ट अटैक के इलाज के लिए तीन दवाओं की कंबाइंड डोज की ष्पालीपिलष् को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है। इसे एम्स के डाक्टर भी उपयोगी कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि तीन दवाओं की यह एक गोली हार्ट अटैक से पीड़ित दिल के मरीजों के लिए संजीवनी साबित होगी।

डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में पालीपिल को आवश्यक दवाओं की सूची में किया शामिल, अब देश में भी आवश्यक दवाओं की सूची में हो सकती है शामिल, जो मरीजों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है।

वर्तमान समय में, दिल की बीमारियां देश में मौत का सबसे बड़ा कारण बन रहीं हैं। हर वर्ष करीब छह करोड़ लोग हार्ट अटैक से पीड़ित होते हैं। एम्स के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. अंबुज राय ने कहा कि हार्ट अटैक के मरीजों को तीन दवाएं जीवन भर लेनी होती है। जिसमें खून को पतला करने, कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखने के लिए स्टैटिन और बीटा ब्लाकर दवा शामिल होती है।

                                                                    

यह देखा गया है कि थोड़ा ठीक होने के बाद बड़ी संख्या में मरीज दवाएं लेना कम या बंद कर देते हैं। हालांकि कई बार भूल से भी दवाएं छूट जाती हैं। उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के पुराने मरीजों के लिए तीन दवाओं को मिलाकर बनाई गई एक गोली पालीपिल देकर इलाज के लिए विदेश में लंबे समय तक शोध हुआ। जिसमें पाया गया है कि पहले हार्ट अटैक से पीड़ित रह चुके मरीजों में कंबाइंड डोज की दवा से 33 प्रतिशत मौतें कम की जा सकती हैं। यही वजह है कि डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक स्तर पर इस दवा को इस्तेमाल के लिए आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है।

इसी आधार पर ही देश में भी राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में दवाएं शामिल की जाती है। अतः आने वाले समय में पालीपिल भी राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल की जा सकती है।

लेखक: डॉ. दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर हैं।