जैविक शक्ति को एक्टीवेट करने के लिए होम्योपैथिक दवाईयाँ

                       जैविक शक्ति को एक्टीवेट करने के लिए होम्योपैथिक दवाईयाँ

                                                                                                                                                        डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

    जैविक कार्यों की शक्ति में कमी आ जाने के कारण व्यक्ति को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे शरीर में रक्त की कमी ;।दंमउपंद्ध होना, भूख कम लगना या फिर बिलकुल नही लगना, नजरों का गिरना, किसी रोग से मुक्ति पाने के बाद बहुत कमजोरी महसूस करना, विशेष रूप से किसी प्रकार के लम्बे बुखार अथवा किसी सर्जिकल ऑपरेशन के बाद कमजोरी आना, महिलाओं में प्रसव के बाद आने वाली कमजोरी और बढ़ते हुए बच्चों के वजन में कमी होना तथा उनका पूर्ण रूप से विकास नही होना आदि।

होम्योपैथिक दवाओं की क्रिया विधि-

                                                                             

    जैविक शक्ति को एनर्जाइज करने वाली होम्योपैथिक दवाईयाँ दुर्बलता की अनुभूति या चिन्ता के कारण होने उत्पन्न वाली अधीरता को तेज गति से कम करती हैं और सम्बन्धित व्यक्ति की अवस्था में सर्वांगीण सुधार करती हैं। 

जैविक शक्ति को तेजी से एक्टीवेट करने वाली कुछ प्रमुख होम्योपैथिक दवाईयाों का विवरण कुछ इस प्रकार से है-

                                                                     

एसिडम फॉस्फोरिकम: होम्योपैथी एसिड फॉस नाम की यह दवाई शारीरिक थकान के साथ मानसिक थकान, नपुंसकता, स्वप्नदोष, शीघ्रपतन, एकाग्रता में अभाव, पौरूष शक्ति में कमी, उदासीनता एवं दिन में नींद आने की समस्या आदि लक्षणों के लिए अति विशिष्ट दवाओं में एक है।

अवेना सटाईवा: यह होम्योपैथिक दवाई तंत्रिका-तंत्र की कमजोरी, मानसिक रूप से अत्याधिक थकान अनुभव करना, रोगी में यौन सम्बन्धी कमजोरी, आदि लक्षणों में यह दवाई प्रमुखता से काम करती है। यह दवाई विटामिन्स एवं खनिज पदार्थों से भरपूर होती है जिसके कारण इसका प्रयोग उपरोक्त लक्षणों को ठीक करने के लिए किया जाता है। 

कैल्शियम फॉस्फोरिकम: हड्डियों का विकास करने और कैल्शियम की कमी को पूरा करने में इस होम्योपैथी दवाई का कोई विकल्प नही है। होम्योपैथी की यह दवाई व्यक्ति की लम्बाई को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।

चायना: रोगी में एनीमिया, शारीरिक द्रव्यों की कमी, थकान के बाद और लम्बी बीमारी को भोगने के बाद उत्पन्न होने वाली नपुंसकता और सामान्य बलवर्धक दवाई के रूप में जानी जाती है। इस दवा का उपयोग लीवर के फंक्शन को सुधरने के लिए भी किया जा सकता है। 

सिनामोनम: होम्योपैथी की यह दवाई समस्त प्रकार के रक्तस्राव पर प्रभावी काम करती है और किसी भी रोग से मुक्ति के बाद प्रभावित व्यक्ति के स्वास्थ्य में अपेक्षित सुधार प्रदान करती है। यह दवाई किसी भी प्रकार से होने वाले रक्तस्राव पर रोक लगाने में प्रभावी सिद्व होती है। 

जिन्सेन्ग: होम्योपैथी में इस दवाई का उपयोग एक उत्कृष्ट शक्तिदायक औषधि के रूप में किया जाता है। इसका कारण यह है कि इस दवा में विटामिन B-1 एवं B-2 अर्थात थायमिन और राइबोफ्लेविन और सल्फर युक्त खनिजों की उपस्थिती के कारण इसके मानवीय स्वास्थ्य पर आश्चर्यजनक प्रभाव होते हैं। यह एक मानसिक शांति प्रदायक दवा के रूप में भी जानी जाती है।

हाईड्राइस्टिस केन: रोगी के वजन का कम होना, थकान महसूस करना और कमजोरी अधिक अनुभव करने के अतिरिक्त लीवर सम्बन्धी किसी भी बीमारी में एक जनरल टॉनिक के रूप में कार्य करती है।

मैग्नीशियम फॉस्फोरिकम: होम्योपैथी की यह दवाई केन्द्रीय तंत्रिका प्रणाली अर्थात सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की स्थिरता, नस एवं पेशिें की विभिन्न प्रकार की कमजोरी और पीड़ा तथा उनमें आने वाली मरोड़ और शरीर की विभिन्न नाड़ियों में तीव्र दर्द पर कंट्रोल कर उन्हें बेहतर करती है। नक्स वोमिका: मनुष्य के सर्वांगीण स्वास्थ्य एवं पेट के रोगों पर बहुत उल्लेखनीय कार्य करती है। यह दवाई स्नायु तन्त्रिकाओं में होने वाली मरोड़ पर बेहतरीन कार्य करती है।

अल्फाल्फा: मानव की शारीरिक संरचना के लिए अति आवश्यक अमीनो अम्ल युक्त होने के कारण इस दवा को होम्योपैथी में एक विशेष स्थान प्राप्त है जो मनुष्य की सर्वांगीण कमजोरी के विरूद्व बहुत अच्छा कार्य करती है।

    जैवीय शक्ति में अत्याधिक कमी होने पर उपरोक्त दी गई दवाओं का एक निश्चित अनुपात में मिश्रण तैयार कर सेवन किया जा सकता है, जो अपने आप में एक उत्कृष्ट टॉनिक होता है और इस मिश्रण को किसी भी प्रकार की कमजोरी या पौरूष शक्ति में कमी होने के उपचार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

                                                         

    आपको सलाह दी जाती है कि इन दवाओं का सेवन अपने आप से न करें, क्योंकि आपके लक्षण कुछ अलग हो सकते हैं और हो सकता है कि दवाई आपको लाभ देने के स्थान पर कुछ नुकसान दे। अतः किसी योग्य एवं अनुभवी होम्योपैथ से सम्पर्क करने के बाद ही इन दवाओं का सेवन करें। यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए दिया गया है जिससे कि आपको होम्योपैथी के बारे में जानकारी प्रदान की जा सकें।

    होम्योपैथी में व्यक्ति विशेष के अनुरूप ही दवाओं का चयन किया जाता है। अतः आप किसी योग्य एवं अनुभवी होम्योपैथी के चिकित्सक से मिलकर और उनके परामर्श के बाद ही दवा का सेवन करें अन्यथा कोई दवा आपको हानि भी पहुँचा सकती है। 

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।