हरित क्रेडिट प्रोग्राम ऑफ इण्डियाः एक अभूतपूर्व पहल

                        हरित क्रेडिट प्रोग्राम ऑफ इण्डियाः एक अभूतपूर्व पहल

                                                                                                                        डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 रेशु चौधरी एवं मुकेश शर्मा

                                                           

पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और इसके दुष्प्रभावों को लेकर गम्भीर रूप से चिंतित है। जलवायु परिवर्तन को लेकर वैश्विक स्तर पर मंथन भी किया जा रहा है। इसी क्रम में दुबई में जलवायु परिवर्तन से संबंधित में 250 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा है, जो 12 दिसम्बर 2023 तक जारी रहेगा। इस सम्मेलन में दुनिया भर के विभिन्न देश जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियां और पूर्व सम्मेलनों में लिए गए फैसलों में हुई प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ ही आने वाली वैश्विक चुनौतियों पर मंथन कर रहे हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो विकासशील देश को जलवायु पर परिवर्तन की चुनीतियों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त जलवायु वित्त पोषण और प्रौद्योगिकी आदि के हस्तांतरण का आह्वान भी कर दिया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया है। हाल ही में भारत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में भी जलवायु परिवर्तन, सम्मेलन की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल था। जलवायु प्रक्रिया बहुत ही जटिल है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत ने हाल के वर्षों में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पहलें भी की हैं।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित प्रयासों के अन्तर्गत भारत ने स्वयं को एक वैश्विक नेतृत्व के रूप में स्थापित किया है। गौरतलब है कि बीते साल अक्टूबर माह में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिशन लाइफ’, (लाइफ फॉर एनवायरमेंट) की शुरूआत की थी जो कि प्रत्येक इंसान से सीणे तौर पर जुड़ी है।

इस आन्दोलन को आगे बढ़ानें के क्रम में भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवंज लवायु परिवर्तन मंत्रालय के द्वारा हरित क्रेडिट कार्यक्रम अर्थात ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के प्ररूप को अधिसूचित किया है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य स्वस्थ एवं पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक व्यक्ति एवं समुदाय को इस हेतु प्रोत्साहित करना है। वर्तमान समय में कार्बन क्रेडिट आधारित प्रोत्साहन योजनाएं अनेक देशों में अमल में लायी जा रही हैं।

सम्बन्धित बाजार योजनाओं के अन्तर्गत ऊर्जा, उद्योग, वनीकरण, कृषि एवं भूमि सम्बन्धित अन्य उपयोग इन क्षेत्रों पर लागू किए गए हैं। यह सभी योजनाएं कार्बन बाजार पर आधारित है और इनका लाभ प्राप्त करने के लिए अपानए जाने वाली प्रक्रिया बहुत ही जटिल है। हरित क्रेडिट कार्यक्रम की परिकल्पना पर्यावरण सकारात्मक एवं अनुकूल परिस्थितियों का लाभ बहुत ही सरल प्रक्रिया पर आधारित होगा।

अतः एक सामान्य व्यक्ति, सामुदायिक संगठन और उद्योग आदि सभी इस सरल प्रक्रिया को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होगे। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत हरित क्रेडिट के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार आधारित आयामों को प्रोत्साहन देकर विभिन्न हितधारकों को स्वेच्छा से पर्यावरण अनुकूलन गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण सकारात्मक क्रियाओं को प्रोत्साहित करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना व्यक्तिगत एवं सामुदायिक स्तर पर किया जाना सम्भव हो सकें। इसका उद्देश्य गतिविधि अनुरूप क्रेडिट का आवंटन करना है तथा गतिविधि की प्रगति को नापने और सत्यापन करने की प्रक्रिया को भी प्रोत्साहित करना है।

                                                          

साथ ही पर्यावरण सकारात्मक क्रियाओं को जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर संज्ञान बढ़ाने और मिशन लाइफ की दृष्टि को पूरा करने के लिए मूल्य एवं नीतियों पर आधारित जीवनशैली एवं सतत विकास को प्रोत्साहित करना है। व्यक्तियों, किसान उत्पादक संघ, पर्यावरण अनुकूल कृषि उद्योग नगरीय एवं ग्रामीण स्थानीय निकाय, निजी क्षेत्र, उद्योगों, गैर सरकारी एवं सामुदायिक संगठनों आदि को पर्यावरण अनुकूल सकारात्मक सुरक्षित क्रियाओं को अपनाने के लिए ‘हरित क्रेडिट’ के रूप में प्रोत्साहित करने के लिए एक बाजार आधारित तंत्र बनाना है।

हरित क्रेडिट के प्रोत्साहन से कई लाभ होंगे, जैसे हरित उद्योगों को प्रोत्साहन, प्रदूषण नियंत्रण और जैव विविधताको संरक्षण मिलेगा, सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति हो सकेगी। पेड़-पौधों के रोपण की गति बढ़ेगी और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का नेतृत्व प्रदान करने के लिए जो आह्वान किए गए हैं, उनके लक्ष्य एवं उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हरित क्रेडिट कार्यक्रम एक अभूतपूर्व पहल है।

इसके अंतर्गत पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली को अपनाकर राष्ट्रीय स्तर पर लोगों को प्रोत्साहित करके न केवल वित्तीय लाभ प्रदान किया जाएगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण संबंधी चुनौतियों में उनके योगदान को भी सुनिश्चित किया जा सकता है। भारत के इस ठोस प्रयास एवं परियोजना को वैश्विक स्तर पर अन्य राष्ट्रों द्वारा भी पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली को दैनिक दिनचर्या में समायोजन करके अपनाया जा सकता है।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।