बेजोड़ हैं गुड़ के गुण

                                                          बेजोड़ हैं गुड़ के गुण

                                                                                 डा0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

   मिठास पाने के लिए लोग अक्सर चीनी अर्थात शक्कर की ओर ही भागते दिखाई देते हैं, किसी भी मीठी चीज को बनाने के लिए प्रथमिकता चीनी को ही प्रदान की जाती है, परन्तु चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों की माने तो यह सेहत के लिए अधिक अच्छी नही होती है।

    इसी कारण से डायटीशियन्स मिठास के लिए सदैव गुड़ का उपयोग करने की सलाह देते हैं। हालांकि इस मामले में हमारे ग्रामीण लोग अधिक समझदार होते हैं, क्योंकि वे लोग मिठास युक्त कोई भी चीज बनाने के लिए गुड़ का ही उपयोग करते हैं। ग्रामीण लोग तो चीनी की चाय के स्थान पर गुड़ से बनी चाय को प्राथमिकता देते हैं।

    परन्तु वर्तमान युग दिखावे का युग होने के कारण विभिन्न लोग गुड़ खाना अपनी शान के खिलाफ मानते हैं। किसी व्यक्ति को यदि सर्दी-जुकाम हो और वह गुड़ और अदरक की चाय का सेवन करे तो उसे शीघ्र ही इस समस्या से निजात मिल जाती है।

    यह अपने आप में एक सच्चाई है कि गुड़ बेहद गुणकारी होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में गुड़ के बड़े आकार के गोल-गोल लड्डुओं बनाकर बेचा जाता है, जिनका वजन 5 कि.ग्रा. से लेकर 10 कि.ग्रा. तक होता है।

गुड़ साधारण चोकोर बट्टियों या गोल भेलियों के रूप में तो बाजारों में उपलब्ध रहता ही है। वर्तमान में अनेक कम्पनियाँ गुड़ को हाइजीनिक तरीके से मशीनों के द्वारा पैक कर बाजार में पेश कर रहीं हैं और हाइजीन को पसंद करने वालों को यह महंगा गुड़ अच्छा लगता है।

वैसे कुछ कत्थई और पीला सा नजर आने वाला गुड़ चाहे किसी भी प्रकार और आकार में हो, होता तो यह गुणों से भरपूर ही है। मानवीय सेहत के हिसाब से भी इसके काफी लाजवाब फायदे होते हैं, तो दोस्तो आज बात करते हैं गुड़ के कुछ फायदों के बारे में-

- गुड़ का सर्वाधिक उपयोग सर्दी-जुकाम की समस्या के होने पर किया जाता है, गुड़ की गरम तासीर सर्दी-जुकाम की हालत में बहुत लाभ देती है। गुड़ को पानी में अच्छी प्रकार से खौलाकर उस पानी को पीना किसी भी औषधि से कम नही होता है। यदि किसी को गुड़ का यह पानी अच्छा नही लगता है तो कोई बात नही वह गुड़ और अदरक मिलाकर चाय का सेवन कर सकता है, यह जायकेदार चाय सर्दी-जुकाम की समस्या से शीघ्र राहत प्रदान कर उससे छुटकारा दिला देती है।

- प्रतिदिन गुड़ का सेवन करने से पाचन-शक्ति मजबूत होती हैं क्योंकि यह मानव के शरीर में उपलब्ध विभिन्न पाचन एंजाइम्स की क्रियाशीलता में वृद्वि करता है। यह हमारी आंतों को सही रूप से कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है और जब हमारी आंतें सही तरीके सक काम करेंगी तो कब्ज जैसी समस्याओं से तो अपने आप ही छुटकारा मिल जाता है।

- गुड़ में भरपूर मात्रा में आयरन उपलब्ध रहता है अतः गुड़ हमारा रक्ताल्पता अर्थात एनिमिया की समस्या उसे भी बचाव करता है। इस प्रकार से गुड़ का नियमित सेवन करने से हीमोग्लोबिन की पर्याप्त मात्रा बनती रहती है जिससे हमारी सेहत भी अच्छी रहती है।

- शरीर के जोड़ों में दर्द की शिकायत होने पर एक गिलास दूध या अदरक के साथ गुड़ का सेवन करने से बहुत आराम मिलता है।

- गुड़ का सेवन पर्याप्त मात्रा में सेवन करने से हमारे शरीर की तमाम हड्डियों को मजबूती मिलती है, इससे आर्थाराइटिस की समस्या नही होती है और इसके साथ ही हड्डियों से सम्बन्धित छोटी-बड़ी समस्याओं से भी निजात मिली है।

- गुड़ केवल खून को बढ़ाने का कार्य ही नही करता है अपितु यह खून को साफ भी करता है। खून के साफ रहने से हमारी सेहत भी अच्छी बनी रहती है।

- गुड़ केवल खून को साफ नही करता है, अपितु यह हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ी ग्रन्थि के रूप में जाने जाने वाले हमारे लीवर को भी साफ करता है। गुड़ का सेवन करने से से हमारे शरीर में मौजूद टाक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और इस प्रकार हमारे लीवर की सफाई भी हो जाती है। इसलिए गुड़ को लीवर का रक्षक भी कहा जाता है।

- गुड़ में भरपूर मात्रा में एंटीआक्सीडेन्ट्स तथा मिनिरल्स भी पाए जाते हैं, जो कि हमारी अच्छी सेहत के लिए आवश्यक होते हैं। गुड़ से प्राप्त होने वाले सेलेनियम एवं जंक जैसे मिनिरल्स शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।

- अधिक वजन वाले तथा मोटे लोगों के लिए भी गुड़ का सेवन करना बेहद मुफीद रहता है। गुड़ हमारे शरीर में पानी की मात्रा को नियन्त्रित कर वजन को काबू में रखता है। अतः मोटे और अधिक वजन की समस्या से ग्रस्त लोगों को गुड़ का भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए।

- वैज्ञानिकों का कहना है कि गुड़ का सेवन करने से मनुष्य का मूड अच्छा रहता है, जिसके फलस्वरूप वह जो भी कार्य करता है उसे मन लगाकर करता हैं

-  गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति को सिरदर्द के जैसी समस्याओं का सामना नही करना पड़ता और यह आधाशीशी अर्थात माइग्रेन की समस्या में भी राहत प्रदान करता है।

- गुड़ का सेवन करने वाले लोगों की याद्दाश्त भी अच्छी बनी रहती हैं और उसके भूलने की समस्या कम हो जाती है। अतः गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति का मस्तिष्क लम्बे समय तक एक्टिव रहता है।

- गुड़, एक बहुत ही कारगर काम्पलैक्स कार्बोहाइड्रेट होता है। अतः इसका सेवन करने से हमारा शरीर लम्बे समय तक ऊर्जावान बना रहता है, क्योंकि गुड़ शरीर में धीरे-धीरे ऊर्जा का प्रवाह करता है, और गुड़ का सेवन करने से मधुमेह से पीड़ित लोगों का शुगर लेवल भी नही बढ़ता है।

- गुड़ का सेवन करने से श्वास-प्रवास से सम्बन्धित परेशानियों को भी दूर होती है। अतः गुड़ का सेवन करने वालों को अस्थमा/दमा, ब्रोंकाइटिस जैसी साँस की समस्याएं कम होती है।

- गुड़ में तिल मिलाकर उससे बनाए गए लड्डुओं का सेवन करने से साँस की परेशानी कम ही होती है और गुड़ तथा तिल एक साथ खाने से भी साँस से सम्बन्धित परेशानियों में राहत मिलती है।

                                                               

                                                           चित्रः गुड़ तथा तिल के लड्डू

- महिलाओं में मासिक धर्म के समय होने वाला दर्द और क्रैम्प्स जैसी समस्याओं में भी राहत प्राप्त होती है और गुड़ का सेवन करने से व्यक्ति का मूड भी अच्छा रहता है।

- यदि किसी व्यक्ति का गला बैठ जाता है और उसकी आवाज भी ढंग से न निकल पाएं तो, ऐसे में पके हुए चावलों के साथ गुड़ को मिलाकर खाने से बहुत लाभ प्राप्त होता है। ऐसा करने से बहुत ही शीघ्र गला ठीक होकर आवाज सही ढंग से निकलने लगती है।

- गुड़ का सेवन करने से हमारे शरीर टाक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं जिसके फलस्वरूप हमारी त्वचा खिल उठती है और गुड़ का सेवन करने से युवक-युवतियों में होने वाले कील-मुहाँसों से भी राहत मिलती है।

- महिलाओं के शिशु को जन्म देने के बाद उनके पेट की सफाई एवं पोषण की दृष्टि से भी गुड़ का सेवन करना बेहद लाभदायक सिद् होता है। इसलिए बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं को गुड़ के सिठौरे (मेवे से बनने वाले विशेष प्रकार के लड्डू) आदि को बनाकर उन्हें काफी समय तक खिलाया जाता है।

- प्रतिदिन खाने के बाद मिष्ठान के तौर पर थोड़े से गुड़ का सेवन करना स्वाद, सेहत और पाचन की दृष्टि से बेहद लाभकारी होता है।

- गुड़ में तिल एवं मूँगफली मिलाकर बनाए जाने वाले लड्डू या चिक्की (पट्टी) स्वाद एवं स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं।

- गुड़ तथा लाई (मुरमुरा) मिलाकर बनाए गए लड्डू या पट्टी को भी हल्के नाश्ते के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

- गुड़ को मिलाकर बनाए गए बाजरे के पुए (इनमें तिल भी मिलाए जा सकते हैं) और गुड़, देशी घी तथा बाजरे के आटे से बनाया गया मलीदा भी सेहत एवं स्वाद की दृष्टि से लाजवाब रहते हैं।

    कहने का अर्थ यह है कि गुड़ स्वाद एवं हमारे स्वास्थ्य की कसौटी पर एकदम खरे सोने के जैसा साबित होता है, अतः हमें गुड़ का भरपूर उपयोग कर इसके स्वाद एवं स्वास्थ्य की दृष्टि से इसके लाभ उठाने से नही चूकना चाहिए। हालांकि, मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को गुड़ का उपयोग अपने डाक्टर की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।      

लेखकः सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं।