सुपर फूड है रागी

                                                                                     सुपर फूड है रागी

                                                                                                                                                                                     डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                                

‘‘रागी में केई पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। इसमें उपलब्ध कैल्शियम हमारी हड्डियों एवं दाँतों के एक आवश्यक तत्व होता है।’’

    मोटे अनाजों में शामिल रागी में फाइबर, खनिज एवं अमीनो एसिड से भरपूर अनाज है, जो रागी को डायबिटीज के रोगियों के लिए एक बेहतर विकल्प प्रदान करता है। हमारे दैनिक आहार में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न अनाजों जैसे चावल, गेहूँ एवं मक्का आदि की अपेक्षा अधिक मात्रा में पॉलीफिनोल्स उपलब्ध होते हैं जो कि शर्करा के स्तर को नियन्त्रित करने में सहायता प्रदान करते हैं। इसमें उपलब्ध होने वाले फाइबर की अधिक मात्रा अपने वजन को कम करने के इच्छुक व्यक्ति के लिए इसे एक महत्वपूर्ण अन्न बनाती है, क्योंकि इसका सेवन करने से व्यक्ति का पेट अधिक समय तक भरा रहता है तथा इसके साथ ही यह मानव के पाचन तंत्र को भी व्यापक रूप से दुरूस्त करती है।

                                                                       

    रागी में पाए जाने वाले मेथिओनिन एवं लाईसिन के जैसे अमीनो एसिड समय के साथ शरीर में आने वाली झुर्रियों प्रभावी रूप से रोकते हैं। इसी प्रकार इसका उपयोग जब रागी का उपयोग हेयर मॉस्क के रूप में किया जाता है तो यह बालों को झड़ने से रोकती है। कैल्शियम के कुछ समृद्व स्रोतों में से एक रागी मानव की हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाती है। रागी से प्राप्त होने वाला आयरन तत्व रकताल्पता अर्थात एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए एक अद्भुत खाद्य है। वहीं अंकुरित रागी विटामिन सी का एक समृद्व स्रोत होता है और यह हीमोग्लोबिन के अवशोषण में शरीर की सहायता करती है।

                                                                      

    विशेषज्ञ बताते हैं कि रागी कैल्शियम के समृद्वशाली महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है। रागी के आटे से बनी रोटियाँ हड्डियों से सम्बन्धित रोगों लाभ प्रदान करती हैं, अतः रागी के आटे का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। रागी का प्रयोग विभिन्न प्रकार से सेवन के लिए किया जा सकता है।

 लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।