डाटा साइंस से सम्बन्धित रोजगारों में अपेक्षित वृद्वि

                                                        डाटा साइंस से सम्बन्धित रोजगारों में अपेक्षित वृद्वि

                                                                                                                                                         डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                         

पिछले एक वर्ष से डिजिटल रूप से इतने अधिक डाटा संकलित हुए हैं जितने कि शायद मानव इतिहास में पहले कभी नहीं हुए होंगे। केन्द्र एवं विभिन्न राज्य सरकारें और कॉरपोरेट घराने भी आंकड़ों का एकत्रीकरण करते हैं। डाटा साइंस एक विज्ञान होने के साथ ही साथ एक कला भी है जो आंकड़ों की जादूगरी का हुनर सिखाती है।

डाटा साइंस सांख्यिकीय और कंप्यूटेशनल टूल, एग्लोरिदम और मशीन लर्निंग सिद्धांतों का एक मिश्रण है, जिसका उद्देश्य प्राप्त आंकड़ों में छिपे प्रासंगिक संदेशों को उजागर करना है, जिनका बाद में बेहतर निर्णय लेने के लिए उपयोग किया जा सकता है। डाटा साइंस से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के रोजगार वर्तमान में काफी ट्रेंड में है।

भविष्य का कैरियर है डाटा साइंस में

                                                               

आने वाले वर्षों में डाटा साइंस कोर्स के अन्तर्गत अध्ययन करने वाले स्नातकों को रोजगार के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बढ़त मिलने की काफी संभावना है, क्योंकि डाटा साइंटिस्ट अपने संगठन को नकारात्मक जोखिम कम करने और वैल्यू एडिशन के विभिन्न पहलुओं में बेहतर निर्णय करने में सहायता प्रदान कर सकते हैं। वर्तमान समय में डाटा साइंस प्रत्येक क्षेत्र के लिए अनिवार्य बन चुका है, जिसके फलस्वरूप इसमें विशेषज्ञता प्राप्त करके इसे करियर का एक विकल्प बनाया जा सकता है।

जरूरी कौशल है लाभकारी

                                                            

डाटा साइंस के लिए जिस प्राथमिक कौशल की आवश्यकता होती है, वह संख्याओं के साथ निकटता एवं उनसे तर्कसंगत निष्कर्ष निकलने और उसे समझने एवं समझाानें की क्षमता का होना है। डाटा साइंस गणित, कंप्यूटिंग, सांख्यिकी और एप्लीकेशंस के ज्ञान से संबंध होता है।

रोजगार के अनेक अवसर है उपलब्ध इसमें

                                                                       

आने वाले वर्षों में डाटा साइंस और इससे संबंधित क्षेत्र में नौकरियों की संख्या बढ़ाने की उम्मीद है। अनुमान है कि वर्ष 2024 तक लगभग 27 लाख पद बाजार में उपलब्ध होंगे, जबकि भारत में एनालिस्टिक, डाटा साइंस और बिग डाटा उद्योग का आकार 7 गुना से अधिक बढ़ने और वर्ष 2028 तक 2 करोड़ तक पहुंचाने की आशा है।

ई-कॉमर्स, स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय सेवाओं, खेल, पत्रकारिता और सार्वजनिक नीति के सहित विभिन्न क्षेत्रों में डाटा साइंटिस्ट, डाटा विश्लेषक, डाटा आर्किटेक्ट, सांख्यिकीविद या व्यवसाय विश्लेषक के रूप में रोजगार के कई अवसर मिल सकते हैं और जैसे-जैसे इनकी मांग बढ़ रही है तो इस क्षेत्र में रोजगार की संभावना भी काफी अधिक है।

उच्च शिक्षा में डाटा साइंस

                                                             

देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के द्वारा डाटा साइंस और बिजनेस एनालिस्टिक्स में डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट आदि के पाठ्यक्रम आरम्भ किए गए हैं। हमारे देश में आईआईटी और एनआईटी ने डाटा विज्ञान में कार्यकारी कार्यक्रम शुरू किए हैं, सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन स्कूलों के द्वारा भी अपने पोर्टफोलियो में डाटा विज्ञान को जोड़ना शुरु कर दिया गया है।

उदाहरण के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस), मुंबई और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस एंड फाइनेंस (आईएसबीएफ), दिल्ली आदि के नाम से गिनाये जा सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।