लो-बीपी का आयुर्वेदिक उपचार

                                                  लो-बीपी का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Low Blood Pressure)

                                                                                                                                         Dr. Sushil K. Sharma with Mukesh Sharma

                                                                 

आयुर्वेद में वात, पित्त एवं कफ तीनों ही दोषों को कम रक्तचॉप का कारण माना जाता है। यदि उचित समय पर कम रक्तचॉप का उचित उपचार नी कराया जाता है तो यह जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है। इस समस्या को हल्के में लेना गलत है और आयुर्वेद में कम रक्तचॉप के उपचार के लिए विभिन्न प्रकार के उपचारों की व्याख्या की गई हैं।

1.   मुलेठी (Licorice)- कम रक्तचॉप में मुलेठी के लाभ-आयुर्वेद में, मुलेठी की जड़ का उपयोग वात एवं पित्त का शमन करने के लिए किया जाता है। मुलेठी में एडाप्टोजेनिक और एन्टी-इन्फ्लामेट्र गुण उपलब्ध होते हैं, जो कि कम रक्तचॉप को कंट्रोल करने में काफी प्रभावी सिद्व होते हैं। हालांकि, मुलेठी का सेवन करने से पूर्व आपको किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए। यदि आप चाहें तो मुलेठी जड़ या मुलेठी के कैप्सूल का सेवन भी कर सकते हैं।

                                          

2.   तुलसी (Basil) के कम रक्तचॉप को कंट्रोल करने में लाभ- तुलसी की पत्तियों को कम रक्तचॉप को नियंत्रित करने में एक रामबाण उपाय माना जाता है। तुलसी की पत्तियों में पोटेशियम, मैग्निशियम एवं विटामिन सी भरपूर मात्रा में उपलब्ध रहते हैं। इनके साथ ही तुलसी की पत्तियों में यूजेनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट भी उपलब्ध पाया जाता है, जो कम रक्तचॉप को सामान्य रखने में काफी कारगर साबित होता है। तुलसी का सेवन करने के लिए आप प्रतिदिन प्रातः काल चाय बनाते समय 6-7 तुलसी की पत्तियाँ इसमें डालकर चाय पी सकते हैं। इसके अलावा आप चाहें तो एक चम्मच शहद में तुलसी के रस का सेवन दिन में दो बार भी कर सकते हैं।

                                                           

3.   किशमिश (Raisius) के कम रक्तचॉप को सामान्य करने में किशमिश के लाभ- किशमिश को आयुर्वेद में कम रक्तचॉप को नियमित करने की सबसे अच्छी दवा के रूप में जाना जाता है। किशमिश हमारे ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में काफी कारगर होती है। किशमिश का सेवन करने के लिए आप प्रतिदिन रात्री के समय किशमिश को पानी में भिगोंकर रख दें और सुबह भीगी हुई किशमिश को खाली पेट ही खा लें।

                                                                

4.   दालचीनी और गुड़ (Cinnamon and Jaggery) का कम रक्तचॉप में सेवन करने से प्राप्त होने वाले लाभ- दालचीनी एवं गुड़ भारत की पारम्परिक औषधियों शामिल एक प्रभावशाली औषधि है। इसका सेवन करने के लिए आधा चम्मच पिसी हुई दालचीनी एवं थोड़े से गुड़ को आधा गिलास पानी में में मिलाकर सुबह खाली पेट करें। ऐसा निरंतर तीन से चार महीने करने से प्रभावित व्यक्ति की ब्लड प्रेसर की समस्या पूरी तरह से ठीक हो जाती है।

                                                           

5.  आंवला (Goosebery) का सेवन करने से कम रक्तचॉप में प्राप्त होने वाले लाभ- कम रक्तचॉप की समस्या में आंवले का सेवन करना भी काफी उपयोगी सिद्व होता है। LOW BP की समस्या के होने पर आंवले के रस में शुद्व शहद मिलाकर सेवन करने से कम रक्तचॉप की समस्या कम समय में ही दूर हो जाती है। जबकि आंवले का मुरब्बे का सेवन करना भी कम रक्तचॉप से पीड़तों के लिए एक उत्तम औषधि सिद्व होता है।

Writer: Dr. Shushil Sharma is practicing form the year of 1996 at Kanker Khera Meerut.