ठंड़ के मौसम में ह्दय रोगी अपना विशेष रूप से रखें ध्यान

                                          ठंड़ के मौसम में ह्दय रोगी अपना विशेष रूप से रखें ध्यान

                                                                                                                                    डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                 

    आजकल जो जिन्दगी हम लोग जी रहें हैं, उसमें हमारी जीवनशैली, गलत खानपान, मोटापा, तनाव और नशा आदि के चलते पूरी दुनिया में काफी सारे लोग विभिन्न गम्भीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। इन्हीं बीमारियों में से कई बीमारियाँ जानलेवा भी होती हैं। ह्दय से सम्बन्धित बीमारियाँ भी इन्हीं में से एक होती हैं, जिनके चलते विश्वभर में अनेक लोग प्रतिवर्ष मौत के मुँह में समा जाते हैं। कुछ समय पहले तक यह बीमारी जहाँ उम्रदराज व्यक्तियों देखी जाती थी, वहीं अब यह बीमारियाँ कम उम्र में भी बहुत नजर आ रही है।

    ह्दय से सम्बन्धित बीमारियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए ही प्रतिवर्ष 29 सितम्बर को विश्व ह्दय दिवस मनाया जाता है, जो कि मात्र एक दिन का ही नही अपितु जीवनभर ह्दय के प्रति सतर्कता बरतने का संदेश देता है। मौसम में होने वाले बदलाव के चलते अब सर्द हवाओं के कारण ह्दय रोगियों को बहुत अणिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

यह ठण्ड़ी हवाएं हमारे शरीर पर विभिन्न प्रकार के खराब प्रभाव छोड़ती हैं। ठण्ड़ी हवाओं के चलते लोग रक्तचॉप का बढ़ना, दिल की धड़कनों का बढ़ जाना, हार्ट अटैक अथवा पक्षाघात या पेरालाइसिस आदि समस्याओं का सामना करते हैं। ह्दय सम्बन्धी विभिन्न दिक्कतों से पीड़ित लोग वर्षभर तो स्वस्थ रहते हैं, परन्तु वे ठण्ड़ के मौसम में गमीर अवस्था में पहुँच जाते हैं।

    आनंददायक सर्द मौसम लापरवाही बरतने पर ह्दय रोगियों के लिए जानलेवा भी सिद्व हो सकता हैं। वरिष्ठ ह्दय रोग विशोषज्ञ बतातें हैं कि सर्द मौसम में हमारी रक्त वाहिनियाँ संकुचित हो जाती हैं (सिकुड़ जाती हैं), जिसके कारण रक्त का प्रवाह भी कम हो जाता है और इसका दबाव हमारे ह्दय पर पड़ता है। इसके चलते व्यक्ति का रक्तचॉप बढ़ जाता है और हार्ट अटैक या पक्षाघात होने की आशंका बनी रहती है।

                                                                  

अतः ह्दय रोगियों को सुझाव दिया जाता है कि वह ठण्ड़ से बचकर रहें, और उन्हें अपने घर पर ही रक्तचॉप की जाँच करते रहना चाहिए। सर्द मौसम और ठण्ड़ी हवाओं के दौरान उन्हें असुरक्षित वातावरण के प्रति भी सावधान रहने की आवश्यकता होती है। ह्दय रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि ह्दय का सबसे प्रमुख कारण मानव के शरीर में कोलेस्ट्रॉल  का बढ़ना।

    वर्तमान समय में लोग शारीरिक श्रम न के बराबर ही करते हैं, जिसके कारण मोटापा भी एक महामारी के रूप में उभरकर सामने आया है। वजन के अधिक होने के कारण भी ह्दय से सम्बन्धित समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है और इसी के चलते ह्दय को स्वस्थ रखना बेहद आवश्यक हो गया है। अपनी जीवनशैली में बदलाव और अच्छी आदतों को अपना कर घातक ह्दय रोगों से बचा जाना सम्भव है।

                                                       

वर्तमान समय में ह्दय रोग कम्र के युवा लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं। आजकल के युवाओं में बढ़ती धूम्रपान की लत भी इस घातक रोग के खतरे को कई गुना बढ़ा रही है। युवा वर्तमान समय में जंक फूड्स का इस्तेमाल अधिक मात्रा में करते हैं, जिसके चलते उनके शरीर में नमक की मात्रा आवश्यकता से अधिक पहुँती है, जो इस रोग की वृद्वि के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।

डिस्कलेमर: उक्त लेख में प्रकट किए गए विचार लेखक के अपने मौलिक विचार हैं।