15 प्रतिशत कामकाजी लोग मानसिक विकारों के हो रहे हैं शिकार

                                           15 प्रतिशत कामकाजी लोग मानसिक विकारों के हो रहे हैं शिकार

                                                      

लगातार काम में व्यस्त रहने से लोगों में मानसिक स्वास्थ्य व मानसिक विकारों की समस्या का होना अब एक आम बात हो गई है। कार्यस्थल पर 15 प्रतिशत कामकाजी लोग मानसिक विकारों का अनुभव करते हैं। इन मानसिक विकारों में अवसाद, चिंता व मादक द्रव्यों का सेवन करना सबसे अहम और आम है। लेसेंट में प्रकाशित किए गए एक अध्ययन के अनुसार, मानसिक स्वास्थ्य के विकार से ग्रसत होने वाले कर्मचारियों में बेरोजगारी, बीमारी, स्थाई रूप से रोजगार के खोने का डर और जीवन भर काम आय का खतरा बढ़ जाता है।

                                                  

यह स्थिति मानसिक विकारों को और अधिक बढ़ा सकती है। इस स्थिति के कारण कर्मचारियों, नियौक्ताओं और के साथ ही पूरे समाज को भारी कीमत चुकानी पड़ती है। काम और स्वास्थ्य पर लेंसेट श्रृंखला के लिए आयरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज काक (यूजीसी) के शोधकर्ताओं का पेपर गुरुवार को प्रकाशित किया गया। जो यह दर्शाता है कि लोगों के काम के माहौल में सकारात्मक सुधार पर अधिक ध्यान देकर जनसंख्या के स्वास्थ्य में बड़ी प्रगति की जा सकती है। रिपोर्ट के अनुसार सरकारों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कार्यस्थल उनकी मानसिक स्वास्थ्य रणनीतियों का एक अभिन्न अंग है, उस पर ध्यान देना समय माँग है।