सर्दी आते ही बढ़ जाएगी दिल की बीमारी और शुगर

                                                  सर्दी आते ही बढ़ जाएगी दिल की बीमारी और शुगर

                                                                                                                                                          डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर

                                               

इस माह के जाते-जाते सर्दी के तेवर लोगों की सेहत खराब कर सकते हैं। शीत लहर के कारण मरीजों की संख्या बढ़ने लगती है और ऐसे मौसम में दिल की बीमारी और शुगर के रोगियों को अधिक सावधान रहने की जरूरत पड़ती है। सर्दी के कारण ही मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगती है। इनमें हृदय रोगियों और शुगर के अधिकतर मरीज अस्पतालों में आते हुए देखे जा सकते हैं।

सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले भी बढ़ जाते हैं, जिनसे सतर्क रहने की आवश्यकता होती है। ठंड बढ़ने के साथ हृदय रोगियों के दिल की धड़कन भी बढ़ने लगती है, ऐसे में दिल के मरीजों को सावधान रहने की जरूरत पड़ती है। सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है जिससे रक्त वाहनियाँ संकरी हो जाती हैं और दिल के रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है।

                                                             

ऐसे मौसम में ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा ही रहता है जो दिल के रोगियों के लिए परेशानी का सबसे बड़ा कारण बनता है। जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है उनके लिए सर्दी का मौसम काफी खतरनाक होता है। दिल के मरीजों में घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दबाव या जकड़न आदि की समस्याएं बढ़ जाती हैं।

सर्दियों में क्यों बढ़ता है ब्लड प्रेशर

  • सर्दियों में शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है, इसके कारण रक्त का दबाव भी बढ़ जाता है।
  • रक्त दाब बढ़ने से स्टॉक हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • शरीर में कैटेरेकोलामिन नामक हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है जो कि हमारे ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है।
  • मानव शरीर में अल्फा रिसेप्टर्स होते हैं, जो सर्दियों में अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे रक्तचाप भी बढ़ जाता है।

कैसे करें ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण

  • मीठा, नमकीन और चटपटा कम से कम खाएं।
  • सर्दियों में ठण्ड़ के कारण घर में ही दुबके न रहे हैं और इसके साथ ही नियमित रूप से धूप भी सेंकते रहें।
  • यदि हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं तो अधिक ठंड में सुबह के समय दवा लेकर ही घर से बाहर निकलें।
  • बाहर निकलने से पहले अपने सर को अच्छी तरह से ऊनी कपड़ों से ढक कर रखें।
  • संतुलित और पोषक और ताजा भोजन का सेवन करने को प्राथमिकता दें।
  • अल्कोहल और कैफीन आदि का सेवन करने से बचें, क्योंकि यह शरीर से उसके ताप को तेजी से बाहर निकलते हैं।
  • दिल के मरीज हैं है, तो आउटडोर गतिविधियां कम से कम करनें का प्रयास करें।
  • एक मोटा कपड़ा पहनने के बजाय, कपड़ों को कई तह में पहनें।

                                                          

खाने पीने की आदत में समयानुकूल करें सुधार

इस मौसम में खाने पीने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। खास तौर से उन्हें जो शुगर के मरीज होते हैं, उन मरीजों को अपना अधिक ध्यान रखना होता है। वह कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम, मिठाई, अत्यधिक चाय और काफी आदि का सेवन करने से तेजी से शुगर का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए इसका सेवन अधिक मात्रा में न करें और फलों और सब्जियों का सेवन भरपूर मात्रा में करें क्योंकि इनमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स इस मौसम में बीमारियों से लड़ने के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

                                    

चपाती के रूप में यदि आप मोटे अनाज से बनी रोटियों का सेवन करते हैं तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। इसके साथ ही घर में रहकर एक्सरसाइज करतें रहें, लेकिन ध्यान भी यह रखना चाहिए कि अधिक तेज या अधिक दबाव वाली एक्सरसाइज न करें जिससे आपको शरीर को थकान महसूस हो।

मोटे अनाजों को यदि अपने भोजन में शामिल कर लिया जाता है तो यह पाचन तन्त्र को दुरस्त रखने में मदद करता है, हड्डियों को मजबूती देता है, कैल्शियम की कमी को दूर करता है और भोजन नियंत्रित रखने में सहायक सिद्व होता है। मोटे अनाज का सेवन करने वालों को एनीमिया का खतरा कम होता है, शरीर को गर्म रखता है और यह दिल की सेहत को भी ठीक रखता है। क्योंकि मोटे अनाजों में विटामिन बी अच्छी मात्रा में मिलता है, बाजरे में विटामिन बी3 पाया जाता है।

इससे दिल का दुश्मन ट्राई ग्लिसराइड्स काबू में रहता है। ट्राइग्लिसराइड्स हार्ट अटैक के खतरों को बढ़ाता है। इसके साथ ही बाजरा कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखता है और यदि रागी तथा ज्वार को भी इसमें शामिल किया जाता है तो यह दोनों अनाज शरीर में कार्बाेहाइड्रेट के अवशोषण की रफ्तार को धीमा करने में मदद करते है। जिन लोगों को दूध को हजम करने की दिक्कत रहती है, वह मोटे अनाज का सेवन कर कैल्शियम की कमी को पूरा कर सकते हैं।

दिल और दिमाग पर भारी पड़ सकती है सर्दी

                                                       

बढ़ती सर्दी, दिल और दिमाग दोनों पर भारी पड़ सकती है, प्रदूषण की वजह से नसों में खून के थक्के जम जाते हैं जिसके कारण से ब्लड प्रेशर बढ़ जाती है और लोगों को हार्ट अटैक एवं ब्रेन अटैक आदि की समस्या होने लगती हैं। सर्दी बढ़ने के साथ ही हृदय, डायबिटीज और ब्लड प्रेशर आदि के मरीजों की समस्या काफी बढ़ जा जाती है। सर्दियों के मौसम में नसें सुखने लगती हैं और वे सख्त भी हो जाती हैं।

ऐसे में नसों को एक्टिव और गर्म रखने के लिए ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है इससे ब्लड प्रेशर के बढ़ाने की आशंका बढ़ जाती है। सोते समय भी बॉडी की एक्टिविटी धीमी हो जाती है ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल नीचे आ जाता है, जिससे दिल कों ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इससे दिल को ज्यादा ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है और यह दबाव बढ़ने से हार्ट अटैक भी आ सकता है।

जिन लोग की उम्र 60 साल से ज्यादा की है उन लोगों को सर्दी में सुबह और शाम के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। दिन में दोपहर के समय भी गर्म कपड़े, टोपी, मौजे आदि पहन कर रहें। घर में भी अपने कमरे में सीधे खुले आंगन, लॉन या छत पर न जाए। गर्म ताजा वह हल्का खाना खाएं, सुबह उठकर, रात का या बासी खाना नहीं खाना चाहिए। सर्दियों में दिल की सेहत ठीक रखने के लिए फल और सब्जियां ज्यादा से ज्यादा खानी चाहिए।

                                                                

इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की सर्दी के दिनों में गुनगुना पानी ही पिए और ठंडी चीजों का सेवन करने से परहेज करें। हार्ट, एंजाइना, बीपी और डायबिटीज के मरीज डॉक्टर से मिलकर दवाओं के डोज सेट कर ले। तापमान जैसे-जैसे कम होता है वैसे-वैसे हृदय संबंधी रोगियों का जोखिम भी बढ़ने लगता है। घर के अंदर ही व्यायाम और योग करना चाहिए, दिल दिमाग या सीने में दर्द की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

दिल के मरीजों को सर्दी में, जब कोहरा पड़ रहा होता है तो उस समय में में घर से बाहर न जाएं। नमक का कम इस्तेमाल करें, खांसी एवं जुकाम जैसी बीमारियों से खुद को बचाएं रखें। कोहरे और और धुंध से भी सांस संबंधी बीमारियां में समस्या पैदा करते हैं। अतः सूर्य की किरणों से मिलने वाला विटामिन डी, जो ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है और हाइपरटेंशन नहीं होने देता लेकिन आजकल धूप के नहीं मिलने से यह भी नहीं हो पता है।

समय-समय पर अपने ब्लड प्रेशर की जांच करते रहे, बाहर जाते समय चप्पल के बजाय जूते और मौजे पहनकर निकालने का प्रयास करें। तला-भुना खाना और कोलेस्ट्रॉल युक्त भोजन का सेवन न करें। यदि इन कुछ बातों का आप ख्याल रखेंगे तो निश्चित रूप से आप दिल की बीमारियों से और डायबिटीज आदि की समस्याओं से सर्दियों के दिनों में बचे रहेंगे।

   

लेखक: डॉ दिव्यांशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर प्यारेलाल डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल मेरठ।