वर्टिकल फार्मिंगः भविष्य की खेती

                                                                वर्टिकल फार्मिंगः भविष्य की खेती

                                                                           डॉ आर एस सेंगर, डॉ शालिनी गुप्ता, डॉ वर्षा रानी, डॉ रिशु चौधरी एवं डॉ किशानु

                                                       

वर्टिकल फार्मिंग में खेती सपाट जमीन पर न होकर बहुमंजली इमारतों पर की जाती है। इसे बहुमंजिला ग्रीनहाउस भी कहा जाता है। वर्टिकल फार्मिंग के अंतर्गत बहुमंजली इमारतों पर नियंत्रित स्थितियों में फल, सब्जियां आदी उगाए जाते हैं। बहुमंजली इमारत में रैकों के ऊपर पौधे उगाए जाते हैं। इन रैकों को हाइड्रोपोनिक सिस्टम के द्वारा पोषक तत्व पहंुचाए जाते हैं।

हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को उगाए जाने के लिए मिट्टी के स्थान पर खनिजयुक्त घोल का प्रयोग किया जाता है। इन रैंकों का प्रबंध बहुत ही योजनबद्व तरीके से किया जाता है। इमारातों की दीवारे कांच की होती हैं। इसमें आधुनिक तकनीक से सिंचाई की जाती है। कांच की दीवारों के कारण पौधों को निरंतर सूर्य की रोशनी प्राप्त होती रहती है। सूर्य का प्रकाश प्रर्याप्त न होने पर एल.ई.डी. के बल्ब द्वारा प्रकाश व्यवस्था की जाती है।

कम्प्यूटर के द्वारा यह सुनिश्चित् किया जाता है कि घूमनें वाली रैकों में उगने वाले प्रत्येक पौधें को एक समान ही प्रकाश की प्राप्ति हो इसमें इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि पानी के पम्पों से पोषक तत्वों का वितरण एक समान रूप से हो। किसान अपने स्मार्ट फोन से सम्पूर्ण बहुमंजिला खेत की देखभाल कर सकते हैं।

                                                   

वर्टिकल फार्म अथवा ऊर्ध्वाधर खेत में पौधों को ऊर्ध्वाधर अभिविन्यास में रोपित कर उत्पादन प्राप्त करना। इसमें स्थान के वर्ग फूटेज के उपयोग को अधिकतम किया जा सकता है। अक्सर यह एक दीवार अथवा बाढ़ पर निलंबित बढ़ते/टंगे हुए उर्ध्वाधर रैकों के उपयोग के माध्यम से किया जाता है। ऊधर्वाधर खेती में बहुत छोटे स्थान का उपयोग किया जाता है। अतः यह छत के ऊपर और कृषि के अन्य शहरी रूपों के लिए एक लोकप्रिय एवं पसंदीदा तरीका हो सकता है।

वर्टिकल खेती में इनडोर परिवेश में भी सावधानी से नियंत्रित परिस्थितियों (तापमान, आर्द्रता और प्रकाश व्यवस्था) में उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है (उदाहरण के लिए एक इमारत या गतिशील कंटेनर) कुछ उर्ध्वाधर खेतों में ग्रीन हाउस के समान स्थितियां होती हैं। इसमें दिन के समय सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए पैदावार ली जाती है। अन्य ऊर्ध्वाधर खेतों में पूरी तरह से घर के अंदर कृत्रिम प्रकाश, नमी और तापमान को नियंत्रित कर खेती की जाती है।

बहुमंजिला खेत में रैकों के ऊपर पौधों को उगाया जाता है। इन रैकों को हाइड्रोपोनिक सिस्टम के द्वारा पोषक तत्व पहुंचाए जाते हैं। हाइड्रोपोनिक सिस्टम में पौधों को उगाने के लिए मृदा के स्थान पर खनिज-युक्त घोल का प्रयोग किया जाता है। इन पौधों को या तो सूर्य की सीमित रोशनी अथवा एल.ई.डी. बल्बों की रोशनी प्रदान की जाती है। इन रैकों का प्रबंध बहुत ही योजनाबद्व तरीके से किया जाता है।

                                                                     

कम्प्यूटर के द्वारा यह सुनिश्चित् किया जाता है कि घूमने वाले रैकों में उगने वाले प्रत्येक पौधे तक एक समान प्रकाश की प्राप्ति हो, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि पानी के पम्पों के द्वारा पौधों को मिलने वाले तमाम पोषक तत्व भी उन तक एक-समान मात्रा में पहंुचें।

किसान अपने स्मार्ट फोन से सम्पूर्ण बहुमंजिला खेतों की देखभाल कर सकते हैं। सब्जियां हैं। कृषि की कुछ फसलों जैसे मक्का या अनाज आदि व्यवहारिक नही हैं। ऊर्ध्वाधर खेती के बाहरी भाग पर फलदार पेड़ों की छंटाई करके (ताकि परंपरागत बाग के पौधों की तरह अधिक शाखाएं न हो) ऊर्ध्वाधर अभिविन्यास में जाली के ऊपर उगाया जा सकता है। कुछ लताएं विशेषकर अंगूर को भी लगाया जा सकता है।

वर्टिकल तकनीक का परिचय

    वर्टिकल कृषि को सामान्य भाषा में खड़ी खेती भी कहा जा सकता है, जो खुले में की जा सकती है। इमारतों अथवा अपार्टमेंटों की दीवारों पर भी छोटी-मोटी फसलें उगाई जा सकती है। वर्टिकल फार्मिंग एक मल्टी-लेवल प्रणाली है। इसके तहत कमरों में एक बहुमंजली ढांचा खड़ा किया जाता है। यह कमरे की ऊंचाई के बराबर भी हो सकता है। वर्टिकल ढांचें के सबसे निचले वाले खाने में पानी से भरा एक टैंक रख दिया जाता है। टैंक के ऊपरी खानों में पौधों के छोट-छोटे गमले रख दिए जाते हैं। पहले से ही पानी में पोषक तत्व मिश्रित रखे जाते हैं तथा पम्पों के द्वारा यह पानी काफी कम मात्रा में पौधों तक पहुंचाया जाता है।

                                                      

इसमें पपौधों की वृद्वि तीव्र गति से होती है। सूर्य के प्रकाश से प्राप्त प्राकृतिक रोशनी अथवा एल.ई.डी. बल्बों के द्वारा कमरें में कृत्रिम प्रकाश उत्पन्न किया जाता है। इस प्रणाली में खेती के लिए मृदा की आवश्यकता नही होती है। इस तकनीक से उगाए गए फल एवं सब्जियां खेतों में उगाए गए फलों एवं सब्जियों की अपेक्षा अधिक पोषक और ताजे होते हैं। छत पर खेती करने के लिए तापमान को नियंत्रित करना आवश्यक है।

    अमेरिका, चीन, मलेशिया और सिंगापुर जैसे दुनिया के कर्इ्र देशों पहले से ही वर्टिकल फार्मिंग की जा रही है। मार्च 2014 में अमेरिका के स्क्रैटन शहर में दुनिया के सबसे बड़े वर्टिकल खेत का उद्घाटन हुआ था। यह एकमंजिला खेत है और 3.25 हैक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। पौधे उगाने के लिए यहां एक-दूसरे के ऊपर कई रैकें लगाई गई हैं। इसका निर्माण मिशिगन की ग्रीन स्पिरिट फार्म्स (जीएसएफ) नामक एक कंपनी ने किया है।

यहां करीब 1.70 करोड़ पौधों को उगया जा रहा है। इस वर्टिकल फार्म में प्रत्येक वर्ष लेट्यूस (सलाद पत्ते) की 14 फसलें तैयार की जा रही है। इसके अतिरिक्त यहां टमाटर, मिर्च, पालक, तुलसी और स्ट्रबेरी आदि की खेती भी की जा रही है। कंपनी ने अमेरिका के कई भागों में सूखे को देखते हुए इस वर्टिकल फार्म को डिजाईन किया है। अमेरिका की रक्षा अनुसंधान एजेंसी, टैक्सॉस में एक 18 मंजिला फार्म में अनुवांशिक रूप से संशोधित पौधे उगा रही है। न पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का उपयोग टीके बनाने में किया जाएगा।

दुनिया के दूसरे देशों में भी इन बहुमंजिला फार्मों को अपनाया जा रहा है। सिंगापुर में चार मंजिला स्काईग्रीन वर्टिकल फार्म में पौधों के विकास के लिए कृत्रिम रोशनी के स्थान पर प्राकृतिक रोशनी को प्रयोग मे लाया जाता है। इस फार्म में रखी चलती-फिरती रैकों में पत्तगोभी और सलाद पत्ते उगाण् जते हैं। जापान के क्वॉटो शहर में एक इंडोर फार्म में सलाद पत्तों का उत्पादन किया जाता है।

वर्टिकल फार्मिंग का उपयोग औषधीय खेती के लिए भी किया जा रहा है। कई कंपनियों ने शहरी सेटिंग्स में स्टैकिंग पुर्ननवीनकरण शिपिंग कंटेनरों को भी बनाया जा रहा है। ब्राइर्ससाईड कंसल्टिंग फर्म ने एक पूर्ण ग्रिड कंटेनर सिस्टम बनाया है। फ्रैंट फॉर्म एक ‘पत्त्ेदार हरी मशीन‘ का उत्पादन करता है।

                                              

यह ऊर्ध्वाधर हाइड्रोपानिक्स, एल.ई.डी. प्रकाश और 1.2 मीट ग 2.4 शिपिंग कंटेनर के भीतर निर्मित सहज प्रकाश नियंत्रण के साथ एक पूर्ण कार्म टू-टेबल सिस्टम है। पौडपोनिक्स ने अटलांटा में एक बड़े पैमाने पर ऊधर्वाधर खेत का निर्माण किया है। इसमें 100 से अधिक स्टैक ‘प्रोपोड्स‘ शमिल हैं। ऐसे ही एक वर्टिकल फार्म का निर्माण ओमान में भी यिा गया है। टेरा फार्म के पस 40 फृट की शिपिंग कंटेनर प्रणाली का स्वामित्व है। इसमें पौधों की निगरानी के लिए तंत्रिका जाल के साथ एकीकृत कम्प्यूटर दृष्टि शामिल है। सभी पौधे दूर से ही कैलिफोर्निया स्थित एक केन्द्रीय स्थान से ही मॉनिटर किए जा सकते हैं।   

                                                           

उपयोग में आने वाले उपकरण

    प्रभावी वर्टिकल खेती के लिए विभिन्न भौतिक विधियों का उपयोग किया जाता है। वर्टिकल फार्मिंग को वास्तविक बनाने के लिए इन प्रौद्योगिकियों और उपकरणों को जोड़ना भी आवश्यक है इनमें सबसे आम प्रौद्योगिकियां निम्नलिखित हैं-

  • ग्रीनहाउस
  • ऊर्ध्वाधर बढ़ते अर्किटेक्चर
  • एरोपोनिक्स
  • कम्पोस्ट
  • नियंत्रित पर्यावरण
  • गमले
  • कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था
  • हाइड्रोपोनिक्स
  • फाइटोरेमेडिएशन
  • प्रेसीजन कृषि
  • गगनचुंबी इमारत
  • टेराफाम

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।