वायु प्रदूषण से सुरक्षा भी प्रदान करती हैं सब्जियाँ

                                                        वायु प्रदूषण से सुरक्षा भी प्रदान करती हैं सब्जियाँ

                                                     

    हमारे गृह पृथ्वी को चारों ओर एक जटिल और गतिशील वायुमण्ड़ल व्याप्त है, जो कि जीवन के लिए एक अति आवश्यक तत्व होता है। इसके अतिरिक्त इस वायुमण्ड़ल में अहुत से हानिकारक भी विद्यमान होते हैं, जो कि इस पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवधारियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्व होते हैं।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा प्रदर्शित विभिन्न आँकड़ों के अनुसार इस सम्पूर्ण विश्व में लगभब 70 लाख लोग प्रतिवर्ष केवल और कवेल वायु प्रदूषण के कारण ही काल के गाल में समा जाते हैं। प्रदूषित वायु में नाइट्रोजन डाई-ऑक्साईड पार्टिकुलेट मैटर्स, ओजोन और डीजल के बारीक कण आदि मानव शरीर में उसके फेफड़ों तक पहुँचकर उन्हें भारी क्षति पहुँचाते हैं। यह हमारी कोशिकओं और प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को कुप्रभावित कर मानव को रोगी बना देते हैं।

    हाल ही में किए गए एक शोध में कहा गया है कि जो भी भोजन किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा किया जाता है, उस भोजन में वायु प्रदूषण के विरूद्व सुरक्षा प्रदान करने के बीच में एक निश्चित् सम्बन्ध होता है। इसके लिए हमें अपने प्रतिदिन के खाद्य पदार्थों में कुछ इस प्रकार के स्वास्थ्य वर्धक पदार्थों को भी शामिल करना चाहिए, जिनके माध्यम से हम वायु प्रदूषण के माधम से होने वाले नुकसानों से अपने शरीर की रक्षा भलीभाँति कर सकें।

                                                             

    अमेरिका की डेल्वेयर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि गाजर एवं चकुन्दर के जैसी सब्जियों का सेवन यदि नियमित रूप से किया जाए तो इनके माध्यम से वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।

    एक्रोलिन एक सरल असंतृप्त गंध होती है, जो कि सिगरेट एवं वाहनों से निकलने वाले धूएँ में प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहती है, और यह वायु को प्रदूषित करती है और वायु के इस प्रदूषण के माध्यम से ही हमें फेफड़ों और सांस से सम्बन्धित रोग हो जाते हैं।

    विशेषज्ञों के अनुसार गाजर, चुकन्दर एवं अजावाईन आदि में फाइटोन्यूट्रेन्ट्स बहुतायत में उपलब्ध रहते हैं, जो एक्रोलिन के माध्यम से उत्पन्न विषाक्तता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

                                                                         

    ‘द जर्नल ऑफ बायोकैमिस्ट्री’ के एक निष्कर्ष के द्वारा भी यही ज्ञात होता है कि इन सब्जियों का सेवन करने से एक्रोलिन के द्वारा उत्पन्न विषाक्तता को कम किया जा सकता है।