सवाल आपके जवाब हमारे

                                                        सवाल आपके जवाब हमारेः इस कालम में हम किसानों की विभिन्न समस्याओं का समाधान करेंगे-

                                                                                                                                                                    डा0 आर. एस. सेंगर 

सवाल: डा0 साहब नमस्ते, मै यह जानना चाहता हूँ कि मोटे अनाजों में शामिल ज्वार तथा बाजरा इत्यादि का आटा अब कहीं नजर नही आता है, क्या इनसे बनी रोटियां सेहत के लिहाज से सही होती हैं?

                                                                                                                                              योगेन्द्र सिंह, ग्राम अमरसिंह पुर, किला, परीक्षित गढ़, मेरठ।

जवाबः कोई भी व्यक्ति ज्वार अथवा बाजरे की रोटी, गेहूँ की रोटी के स्थान पर सेवन कर सकता है, जिसके अनेक लाभ हमें प्राप्त होते हैं। जैसे सबसे पहले तो हमारी शारीरिक कमजोरी को दूर करती है और इसके साथ ही यह पेट एवं गले की सूजन में भी राहत प्रदान करती है। वर्तमान समय में लगभग प्रत्येक व्यक्ति कब्ज की समस्या से परेशान है तो राटियां इस समस्या भी हल करती हैं और कब्ज से छुटकारा दिलाती हैं।

सवालः सर नमस्तें, सर मै यह जानना चाहता हूँ कि जब किसी गाय अथवा भैंस का बच्चा मर जाता है, तो वह दूध देने में बहुत परेशान करती है, कृपया इस समस्या का समाधान करने की कृपा करें।

                                                                                                                                                                          दिनेश, ग्राम छबड़िया, सरधना मेरठ।

जवाबः पशुओं को बच्चे के मर जाने के कारण सदमा लगता है, जिसका प्रभाव पशु के ऊपर कुछ समय तक रहता है। इसके चलते ही पशु अक्सर दूध देना बन्द कर देती है। इसी वजह से दूध निकालने में परेशानी होती है।

अतः ऐसी हालत में अपने पशु को संतुलित आहार के साथ ही हरा चारा भी खिलाना चाहिए साथ ही किसी पशु चिकित्सक से मिलकर दूध बढ़ाने वाली दवाई अथवा पाउडर आदि उनकी सलाह के अनुसार पशुओं को खिलाना चाहिए। इस प्रकार पशु फिर से दूध देना शुरू कर देता है।

सवालः सर नमस्ते, मेरे खेत में गाजरें तो बहुत अच्छी होती हैं, परन्तु उनमें मिठास कम रहती है, तो मै मिठास युक्त गाजर उगाने के लिए कर सकता हूँ?

                                                                                                                                                                                      राजीव त्यागी, माछरा, मेरठ।

जवाबः नमस्कार राजीव जी, अपनी समस्या को हल करने के लिए सबसे पहले आप अपने खेत की मिट्टी की जांच करवाएं, जिसमे जीवांश पदार्थ की मात्रा बहुत कम होगी, इसके लिए यदि आप जैविक विधि से खेती करेंगे तो निश्चित् रूप से आपके खेत की गाजर मिठास युक्त होंगी।

    आप अपने खेत में 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से सड़े हुए गोबर की खाद मिलाने के बाद आपके खेत की गाजर में काफी मिठास बढ़ जाएगी।

सवालः सर, नमस्कार, मै यह कना चाहता हूँ कि अरहर की दाल के मामले में हमेशा बवाल ही रहता है तो क्या मटर की दाल से उसकी कमी को पूरा किया जा सकता है?

                                                                                                                                                             बृजमोहन, ग्राम मढ़ी, भोला की झाल, मेरठ।

जवाबः बृजमोहन जी नमस्कार, आपके सवाल  के जवाब में सबसे पहली बात तो यह है कि मटर की दाल की तुलना अरहर की दाल के साथ नही की जा सकती, क्योंकि इन दोनों दालों में पोषक तत्वों की मात्रा अलग अलग होती है, और यह एक अलग बात है कि मटर की दाल का सेवन भी प्रतिदिन किया जा सकता है। 

सवालः डा0 साहब, मै अपने खेत की मृदा की जांच करवाना चाहता हूं, कृपया इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करें?

                                                                                                                                                                             राजपाल, ग्राम अमानुल्लापुर, मेरठ।

जवाबः राजपाल जी आप मिट्टी की जांच अपनी नजदीकी किसी भी मृदा जांच प्रयोगशाला में करा सकते हैं, क्योंकि सरकार अब यह सुविधा प्रत्येक ब्लाक स्तर पर उपलब्ध करा रही है।

डा0 आर. एस. सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ, में प्रोफेस एवं कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्ययक्ष हैं।