जामुन में है औषधि गुण

                                                                               जामुन में है औषधि गुण

                                                                       

जामुन का स्वाद सभी को ललचाता है, इसके साथ ही जामुन औषधीय गुणों का भी खजाना कहा जाता है। जामुन का सेवन करने से केवल हमारे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा ही नियंत्रित नहीं होती है, बल्कि यह हमारी पाचन ग्रंथियों, लीवर, पैंक्रियाज और तिल्ली को भी शक्ति प्रदान करता है, यह मधुमेह के पुराने रोगियों के लिए तो यह अमृततुल्य होता ही है। जामुन में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स उपलब्ध होता है जो कार्बोहाईड्रेट और स्टार्च को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इस तरह जामुन का सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज का स्तर भी कम होता है।

जामुन में कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकतम मात्रा उपलब्ध होती है और इसके साथ ही यह लौह तत्व का भी एक बड़ा स्रोत होता है। जामुन के प्रति 100 ग्राम में 2 मिलीग्राम तक आयरन होता है।

                                                          

जामुन में विटामिन बी, कैरोटीन, मैग्नीशियम और फाइबर भी होते हैं, इसमें जो आयरन होता है वह मधुमेह के पुराने से पुराने मरीज जो खून की कमी यानी कि एनिमिया/रक्ताल्पता से पीड़ित हैं उन्हें जामुन का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है। जामुन का सेवन नित्यप्रति करने से व्यक्ति के हिमोग्लोबिन का स्तर मात्र 6 सप्ताह में ही सामान हो जाता है। यह रक्त में मौजूद सैंकड़ों विजातीय तत्वों और घातक विषैले तत्वों से मुक्त कराने में भी सहायक सिद्व होता है।

जामुन का सेवन करने से पसीने में आने वाली बदबू और त्वचा के रूखेपन के साथ ही विभिन्न प्रकार के पुराने से पुराने त्वचा रोग और एलर्जी जैसी समस्याएं स्वतः ही ठीक हो जाती है।

जामुन में विटामिन ए और सी की मात्रा भी अच्छी खासी मात्रा में होती है जो त्वचा को आकर्षक, स्वस्थ और कोमल बनाती है और साथ ही साथ त्वचा के विभिन्न विकारों जैसे खाज-खुजली, त्वचा का रूखापन, झुर्रियां और कील मुंहासे से मुक्त रखने में भी हमारी मदद करती है। यह आंखों के नीचे आई हुई सूजन और कालापन जामुन का सेवन निरंतर 3 सप्ताह तक करने से ठीक हो जाता है।

जामुन का सेवन करने से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और शरीर की सेल्स के बूढ़े होने की दर कम हो जाती है। फलस्वरुप अक्षुण यौवन भी जामुन के सेवन से प्राप्त होता है। जामुन का सेवन, कैंसर के रोगियों में कीमो या रेडियोथैरेपी के साइड इफेक्ट्स को कम करके आरोग्यता का मार्ग प्रशस्त करने में जामुन एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।

जामुन खाते समय किन बातों को रखें ध्यान

                                                                 

जामुन का सेवन कभी भी खाली पेट ना करें, ऐसा करने से मानव शरीर में ग्लूकोज की मात्रा कम होने की आशंका रहती है और कमजोरी, चक्कर तथा घबराहट जैसी समस्याओं का एहसास भी हो सकता है। दूध के साथ जामुन का सेवन करना भी घातक माना जाता है अतः जामुन खाने के 1 घंटे पहले और 1 घंटे बाद तक दूध या दूध से बने किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।

                                                                अतः सेफ रहें और स्वस्थ्य रहें अस्तु!