हवाई के जंगलों आग के फैलने का कारण

                                                                    हवाई के जंगलों आग के फैलने का कारण

                                                                    

    जलवायु परिवर्तन सदैव ही जंगलों में लगी आग को भड़काने का कारण नही होता है, जबकि आग को भयवहता और खतरनाक रूप प्रदान करने में इसकी सक्रिय भूमिका होती है। अमेरिका की सर्वाणिक बदतर प्राकृतिक आपदाओं में से एक, हवाई विशेषरूप से माउई द्वीप में आग के फैलने का कारण तीव्रगति से चलने वाली हवाएं रही। इस आग के चलते कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा तो इसके चलते ही हजारों लोग विस्थापित होने के लिए भी विवश हुए। इसके साथ ही इमारतों एवं व्यापार आदि को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा।

मानव-निर्मित और प्राकृतिक कारण

    वनों में लगने वाली आग के कारणों को अभी तक निर्धारित नही किया जा सका है। यूएस फॉरेस्ट सर्विस बुक 2007-2017 के आँकड़ों के अनुसार यूएस के जंगलों में लबने वाली आग की 85 प्रतिशत घटनाओं के मूल में मानवीय कारण समाहित होते हैं। मानव के कार्यों के अन्तर्गत शिविरों में आग का जलाना, कूड़ा-करकट का ढेर, खराब उपकरण एवं सिगरेट आदि जलाना शामिल हैं। जबकि प्राकृतिक कारणों में ज्वालामुखी की फटना, और बिजली गिरना आदि हैं। हवाई के जंगलों में इस समय छह सक्रिय ज्वालामुखी हैं जिनमें से एक माउई में स्थित है। विशेषज्ञों का कहना है कि माउई के अधिकतर भाग गम्भीर रूप से सूखाग्रस्त हैं। सूखी भूमि, सूखी घास और सुखी वनस्पतियों के चलते ही यह आग भड़की है।

                                                                            

आग से प्रभावित क्षेत्र

    हवाई द्वीप-समूह के अन्तर्गत मुख्य रूप से आठ द्वीप आते हैं जिनमें से एक माउई भी है। मउई द्वीप का तटीय शहर लाहिना है जो कला दीर्घाओं, अनूठे स्थानों और इतिहास को अपने आप में संजोए हुए है, कहते हैं कि यह शहर अब एक राख के ढेर में परिवर्तित हो चुका है। हालांकि इससे बिहोई एवं कुला जैसे तटीय शहर भी प्रभावित हुए हैं। इसके साथ ही एक अन्य द्वीप, जिसे बड़े द्वीप के नाम से भी जाना जाता है, इस द्वीप के कुछ हिस्से भी आग की चपेट में आ चुके हैं।

तूफान डोरा की तीव्र गति के साथ चलने वाली हवाएं

                                                             

    हवाई के जंगलों में लगी आग के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई के जंगलों में आग लगी हुई है और इसके साथ ही 100 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से यहाँ हवाएं भी चल रही है, जिसके कारण आग की लपटे तीव्र गति से फैल रही हैं। उधर प्रशांत महासागर में डोरा नामक तूफान असामान्य रूप से तीव्र गति के साथ चल रहा है और इस तूफान के कारण यह द्वीप उच्च और निम्न दाब वाले क्षेत्रों में फंस चुका है।

    इसके परिणामस्वरूप लाहिना में इन हवाओं के कारण आग की लपटों ने बहुत तेजी के साथ लकड़ी के स्मारकों के साथ ही अन्य स्थानों को भी अपनी चपेट में ले लिया है और काफी सो लोग तो आग से बचने के फेर में समुद्र में ही कूद गए।

जंगलो की आग में जीवाश्म ईंधनों की भूमिका

                                                               

    एक आधिकारक बयान में कहा गया है कि हवाई क्षेत्र को शुष्क एवं गर्म रूप प्रदान करने में जलावयु में होने वाले इस परिवर्तन एवं वनों के कटाव, इन दोनों की ही अपने आप में एक बड़ी भूमिका है। वैसे आमतौर पर जलवायु परिवर्तन के कारण से जंगलों में आग नही लगती, अपितु जलवायु परिवर्तन से जंगल की आग का स्वरूप भयावह हो जाता है। जलवायु परिवर्तन की एक बड़ी वजह जीवश्म ईंधनों का जलना भी होती है, क्योंकि इसके चलते हमारे वायुमण्ड़ल में बड़ी मात्रा में ग्रीन हाउस गैसों का विलय होना जिससे ग्लोबल वार्मिंग का संकट उत्पन्न होता है।

 

 

 

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